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कोसी बैराज के 36 फाटक खोले गए, तबाही के भय से दर्जनों गांवों में हड़कंप - flood in bihar

नेपाल के बराह और कोसी बैराज पर इस वर्ष का सर्वाधिक जल स्तर रिकॉर्ड किया गया है. बराज के फाटक खोले जाने के कराण तटबंध के भीतर बसे लाखों की आबादी ऊंचे स्थान की ओर पलायन करने लगे हैं.

सुपौल
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Published : Jul 11, 2020, 5:30 PM IST

सुपौल: नेपाल में लगातार मूसलाधार बारिश से कोसी नदी में पानी का बहाव बढ़ता ही जा रहा है. कोसी नदी का जल स्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. बैराज पर कोसी नदी का जलस्तर 2 लाख 50 हजार क्यूसेक को पार कर गया है. पानी के बढ़ते दवाब को देखते हुए बराज के 56 में से 36 फाटक को पूरी तरह से खोल दिया गया है. जिससे तटबंध के भीतरी गांवों में तबाही का डर है.

बता दें कि नेपाल के बराह और कोसी बैराज पर इस वर्ष का सर्वाधिक जल स्तर रिकॉर्ड किया गया है. बराह क्षेत्र में भी नदी का जल स्तर ढाई लाख क्यूसेक को पार करने वाला है. बैराज के फाटक खोले जाने के कराण तटबंध के भीतर बसे लाखों की आबादी ऊंचे स्थान की ओर पलायन करने लगे हैं. दर्जनों गांव में पानी फैल चुका है. जिस वजह से हजारों एकड़ में लगी फसलें बर्बाद हो चुकी हैं.

मुख्य सड़क से संपर्क हुआ भंग
कोसी बैराज के फाटक खोले जाने के बाद इलाके की कई छोटी-बड़ी नदियों का जलस्तर उफान पर है. तटबंध के भीतर दर्जनों गांव पानी से घिर चुका है. इलाके के कई गांवों का मुख्य सड़क से संपर्क भंग हो चुका है. जिस कारण लोगों के सामने आवागमन और पशुचारे की समस्या उत्पन्न हो गई है. खेत में 5 फीट से ऊपर पानी भर चुका है. जिस वजह से खरीफ फसल खेत में ही बर्बाद हो गई.

उफान पर नदियां
उफान पर नदियां

इलाके में नाव एकमात्र सहारा
कोसी इलाके के कई गांवों में कोसी का पानी घुस चुका है. इन इलाके में आवागमन का एकमात्र सहारा नाव है. जिस वजह से नाव की मांग भी बढ़ गई है. जानकारी के अनुसार अभी तक गांव में सरकारी नाव मुहैया नहीं कराई गई है. निजी नाव के सहारे लोग आवागमन कर रहे हैं. पानी के कारण लोग ऊंचे स्थान की ओर पलायन करने को मजबूर हैं. निजी नाव मालिक लोगों से मनमाना किराया वसूल रहे हैं. जिस वजह से लोगों के परेशानी और भी बढ़ी हुई है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

तीन लाख क्यूसेक को पार सकता है नदी का जलस्तर
बराज के फाटक खोले जाने के बाद इलाके की कई नदियां उफनाई हुई है. हालांकि, हालात पर जिला प्रशासन अपनी नजर बनाए हुए है. डीएम महेंद्र कुमार, एसपी मनोज कुमार और सहायक डीएम दीपक मिश्रा ने पूर्वी कोसी तटबंध का लगातार जायजा ले रहे हैं. मौके पर डीएम ने जल संसाधन विकास के अभियंता को कई दिशा निर्देश भी दिए.

कटाव को भरने के कोशिश कर रहे ग्रामीण
कटाव को भरने के कोशिश कर रहे ग्रामीण

डीएम महेंद्र कुमार ने कहा कि मौसम विभाग के अनुसार अगले तीन दिनों तक नेपाल और भारतीय प्रभाग में भारी बारिश की संभावना है. लिहाजा कोसी नदी के जलस्तर में भारी वृद्धि से इंकार नहीं किया जा सकता है.

थाने को हाई अलर्ट मोड पर रहने का निर्देश
डीएम महेंद्र कुमार ने तटबंध के भीतर बसे लोगों से अपील करते हुए कहा कि वे समय रहते किसी ऊंचे जगह की ओर कूच करें. उन्होंने बताया कि तटबंध पर कोविड-19 को लेकर इस बार शरण स्थली और कम्युनिटी किचेन की संख्या को बढ़ाया गया है. बाढ़ पीड़ितों को हर मुमकिन सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी. वहीं, एसपी मनोज कुमार ने बताया कि जिले के सभी पुलिस और थानेदार को अलर्ट मोड पर रखा गया है. तटबंध की सुरक्षा को लेकर तटबंध के प्रत्येक किलोमीटर पर एक होमगार्ड जवान को तैनात किया गया है.

बराज का गेट खोले जाने के बाद बढ़ा नदियों का जलस्तर
बैराज का गेट खोले जाने के बाद बढ़ा नदियों का जलस्तर

सुपौल: नेपाल में लगातार मूसलाधार बारिश से कोसी नदी में पानी का बहाव बढ़ता ही जा रहा है. कोसी नदी का जल स्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. बैराज पर कोसी नदी का जलस्तर 2 लाख 50 हजार क्यूसेक को पार कर गया है. पानी के बढ़ते दवाब को देखते हुए बराज के 56 में से 36 फाटक को पूरी तरह से खोल दिया गया है. जिससे तटबंध के भीतरी गांवों में तबाही का डर है.

बता दें कि नेपाल के बराह और कोसी बैराज पर इस वर्ष का सर्वाधिक जल स्तर रिकॉर्ड किया गया है. बराह क्षेत्र में भी नदी का जल स्तर ढाई लाख क्यूसेक को पार करने वाला है. बैराज के फाटक खोले जाने के कराण तटबंध के भीतर बसे लाखों की आबादी ऊंचे स्थान की ओर पलायन करने लगे हैं. दर्जनों गांव में पानी फैल चुका है. जिस वजह से हजारों एकड़ में लगी फसलें बर्बाद हो चुकी हैं.

मुख्य सड़क से संपर्क हुआ भंग
कोसी बैराज के फाटक खोले जाने के बाद इलाके की कई छोटी-बड़ी नदियों का जलस्तर उफान पर है. तटबंध के भीतर दर्जनों गांव पानी से घिर चुका है. इलाके के कई गांवों का मुख्य सड़क से संपर्क भंग हो चुका है. जिस कारण लोगों के सामने आवागमन और पशुचारे की समस्या उत्पन्न हो गई है. खेत में 5 फीट से ऊपर पानी भर चुका है. जिस वजह से खरीफ फसल खेत में ही बर्बाद हो गई.

उफान पर नदियां
उफान पर नदियां

इलाके में नाव एकमात्र सहारा
कोसी इलाके के कई गांवों में कोसी का पानी घुस चुका है. इन इलाके में आवागमन का एकमात्र सहारा नाव है. जिस वजह से नाव की मांग भी बढ़ गई है. जानकारी के अनुसार अभी तक गांव में सरकारी नाव मुहैया नहीं कराई गई है. निजी नाव के सहारे लोग आवागमन कर रहे हैं. पानी के कारण लोग ऊंचे स्थान की ओर पलायन करने को मजबूर हैं. निजी नाव मालिक लोगों से मनमाना किराया वसूल रहे हैं. जिस वजह से लोगों के परेशानी और भी बढ़ी हुई है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

तीन लाख क्यूसेक को पार सकता है नदी का जलस्तर
बराज के फाटक खोले जाने के बाद इलाके की कई नदियां उफनाई हुई है. हालांकि, हालात पर जिला प्रशासन अपनी नजर बनाए हुए है. डीएम महेंद्र कुमार, एसपी मनोज कुमार और सहायक डीएम दीपक मिश्रा ने पूर्वी कोसी तटबंध का लगातार जायजा ले रहे हैं. मौके पर डीएम ने जल संसाधन विकास के अभियंता को कई दिशा निर्देश भी दिए.

कटाव को भरने के कोशिश कर रहे ग्रामीण
कटाव को भरने के कोशिश कर रहे ग्रामीण

डीएम महेंद्र कुमार ने कहा कि मौसम विभाग के अनुसार अगले तीन दिनों तक नेपाल और भारतीय प्रभाग में भारी बारिश की संभावना है. लिहाजा कोसी नदी के जलस्तर में भारी वृद्धि से इंकार नहीं किया जा सकता है.

थाने को हाई अलर्ट मोड पर रहने का निर्देश
डीएम महेंद्र कुमार ने तटबंध के भीतर बसे लोगों से अपील करते हुए कहा कि वे समय रहते किसी ऊंचे जगह की ओर कूच करें. उन्होंने बताया कि तटबंध पर कोविड-19 को लेकर इस बार शरण स्थली और कम्युनिटी किचेन की संख्या को बढ़ाया गया है. बाढ़ पीड़ितों को हर मुमकिन सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी. वहीं, एसपी मनोज कुमार ने बताया कि जिले के सभी पुलिस और थानेदार को अलर्ट मोड पर रखा गया है. तटबंध की सुरक्षा को लेकर तटबंध के प्रत्येक किलोमीटर पर एक होमगार्ड जवान को तैनात किया गया है.

बराज का गेट खोले जाने के बाद बढ़ा नदियों का जलस्तर
बैराज का गेट खोले जाने के बाद बढ़ा नदियों का जलस्तर
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