सिवान: भारत की आजादी में अपना सर्वस्व न्योछावर कर देने वाले देशभूषण के नाम से प्रसिद्ध मौलाना मजहरुल हक की 155वीं जयंती (155th Birth Anniversary Of Maulana Mazharul Haq) पर पूरा देश उनको नमन कर याद कर रहा है. बिहार के सिवान जिले में मौलाना मजहरुल हक की जयंती राजकीय समारोह के रूप में धूमधाम से मनाई गई. मजहरुल हक ने स्वतंत्रता संग्राम में कौमी एकता को संगठित कर आंदोलन की नई रूपरेखा तैयार करने में सक्रिय भूमिका निभाई थी.
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इस मौके पर डीएम अमित कुमार पांडेय और मौलाना साहेब के पोते अब्दुल्लाह फारूकी की ओर से फरीदपुर गांव स्थित मौलाना साहब के मजार पर चादर चढ़ाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई. इस दौरान उनकी तस्वीर पर डीएम और अन्य गणमान्य लोगों ने माल्यार्पण कर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की.
बता दें कि मौलाना मजहरुल हक साहब की जयंती पर चिकित्सा विभाग सहित अन्य जागरुकता को लेकर स्टॉल लगाए गए थे. जिनका डीएम अमित कुमार पांडेय ने निरीक्षण भी किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि आज हम सभी को मौलाना साहब के बताए रास्तों को अनुसरण करने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि मौलाना साहब के आदर्शों पर चलना ही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी.
मौलाना साहब राष्ट्रीय एकता का प्रतीक
महात्मा गांधी के सहयोगी और स्वतंत्रता संग्राम के दौरान होमरूल आंदोलन और असहयोग आंदोलन जैसे कई महत्वपूर्ण आंदोलनों में भाग लेने वाले नेता का जन्म 22 दिसंबर 1866 को राजधानी के ब्रह्मपुर में हुआ था. लेकिन उनकी कर्मभूमि छपरा रही है. साल 1898 में बंगाल में मुंसिफ की नौकरी छोड़ कर उन्होंने छपरा व्यवहार न्यायालय में अपनी वकालत करते हुए नगर पालिका के प्रथम उपाध्यक्ष और जिला परिषद छपरा के अध्यक्ष पद को भी सुशोभित किया था. उनका जिले से काफी गहरा नाता और लगाव था.
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