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सिवान में फल-फूल रहा दर्जनों अवैध वाटर प्लांट का कारोबार, प्रशासन बेखबर

सिवान में अवैध रूप से वाटर प्लांट कारोबार फल- फूल रहा है. प्रशासन इसको लेकर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है.

सिवान
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Published : Jun 3, 2019, 6:27 PM IST

Updated : Jun 3, 2019, 7:03 PM IST

सिवान: जिले के लोग इस भीषण गर्मी में पानी की समस्या से परेशान हैं. वहीं. पानी के कारोबारी हर रोज जमीन से पानी का खूब सेवन कर रहे हैं. इससे जमीन का जलस्तर काफी नीचे चला गया है. लेकिन प्रशासन पानी कारोबारियों पर नकेल कसने में नाकाम है.

शहर में दर्जनों अवैध रूप से वाटर प्लांट चल रहे हैं. प्रशासन के बिना अनुमति के वाटर प्लांट कारोबार शहर में खूब फल- फूल रहा है. इससे जमीन का जलस्तर काफी नीचे चला गया है. इस वाटर प्लांट उद्योग में एक लीटर पानी साफ करने में लगभग 400 एमएल पानी की बर्बादी भी होती है. इसमें केमिकल का भी उपयोग किया जाता है.

स्थानीय और पीएचईडी विभाग के अधिकारी का बयान

प्रशासन को इसकी कोई सुध नहीं

इसको लेकर पीएचईडी विभाग के अधिकारी कहते हैं कि वाटर प्लांट किसी भी विभाग से एनओसी नहीं लेते हैं. इस तरह के फिल्टर प्रकिया में पानी प्रदूषित भी होता है. वाटर प्लांट कारोबारी प्रदूषित पानी को नाला में मिला देते हैं. इससे जमीन पर भी प्रभाव पड़ता है. जिला प्रशासन का इस समस्या की ओर न ही ध्यान है न ही कोई कार्रवाई कर रहा है.

सिवान: जिले के लोग इस भीषण गर्मी में पानी की समस्या से परेशान हैं. वहीं. पानी के कारोबारी हर रोज जमीन से पानी का खूब सेवन कर रहे हैं. इससे जमीन का जलस्तर काफी नीचे चला गया है. लेकिन प्रशासन पानी कारोबारियों पर नकेल कसने में नाकाम है.

शहर में दर्जनों अवैध रूप से वाटर प्लांट चल रहे हैं. प्रशासन के बिना अनुमति के वाटर प्लांट कारोबार शहर में खूब फल- फूल रहा है. इससे जमीन का जलस्तर काफी नीचे चला गया है. इस वाटर प्लांट उद्योग में एक लीटर पानी साफ करने में लगभग 400 एमएल पानी की बर्बादी भी होती है. इसमें केमिकल का भी उपयोग किया जाता है.

स्थानीय और पीएचईडी विभाग के अधिकारी का बयान

प्रशासन को इसकी कोई सुध नहीं

इसको लेकर पीएचईडी विभाग के अधिकारी कहते हैं कि वाटर प्लांट किसी भी विभाग से एनओसी नहीं लेते हैं. इस तरह के फिल्टर प्रकिया में पानी प्रदूषित भी होता है. वाटर प्लांट कारोबारी प्रदूषित पानी को नाला में मिला देते हैं. इससे जमीन पर भी प्रभाव पड़ता है. जिला प्रशासन का इस समस्या की ओर न ही ध्यान है न ही कोई कार्रवाई कर रहा है.

Intro:सिवान में अवैध रूप से चल रहे सैकड़ो वाटर प्लांट

सिवान।

सिवान में रोज कही न कही चापाकल सूखने की खबर आ रही है.शहर में तेजी से जलस्तर नीचे जा रहा है इसका मुख्य एक कारण ये भी है कि सिवान शहर में अवैध रूप से दर्जनों वाटर प्लांट संचालित हो रहे हैं.


Body:वही ये पानी के कारोबारी प्राकृतिक संपदा को बेच रहे हैं और ये सरकार को टैक्स न देकर सलाना लाखो रुपये का चूना भी लगा रहे हैं. पानी का अवैध कारोबार शहर में खुलेआम हो रहा है वो भी जिला प्रशासन के नाक के नीचे.इधर हाल के वर्षों में तेजी से गिर रहे जलस्तर को लेकर पीएचईडी विभाग ने भी चिंता जताई है. जानकारों की माने तो एक लिटर पानी साफ करने में 400 एमएल पानी की बर्बादी होती है जबकि 20 लीटर पानी तैयार करने में तकरीबन 8 लीटर पानी की बर्बादी होती है.ऐसे में बर्बाद होने वाले पानी का कोई उपयोग नहीं होता ये सीधे नाली में गिरता हैं जिससे पानी की बर्बादी होती है.अगर सिवान जिला प्रशासन ने अविलंब कोई ठोस कदम नहीं उठाया तो वो दिन दूर नही जब सिवान में पानी के लिए हाहाकार मचेगी.

बाइट-कार्यपालक अभियंता(पीएचईडी)
बाइट-समाजसेवी


Conclusion:
Last Updated : Jun 3, 2019, 7:03 PM IST
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