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सिवान में प्रसव पूर्व नवजात की मौत, डॉक्टर पर लापरवाही आरोप, परिजनों ने किया हंगामा

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Published : Mar 6, 2022, 9:44 AM IST

सिवान में डिलीवरी के पूर्व गर्भ में बच्चे की मौत पर परिजनों ने जमकर हंगामा (Death of Child ) किया. परिजन डॉक्टरों से इलाज में लापरवाही की बीत लेटरपैड पर लिख कर देने या मुख्यमंत्री राहतकोष में 20 लाख रुपया डोनेट करने की मांग कर रहे हैं. पढ़ें पूरी खबर.

डॉ. उर्मिला अखौड़ी
डॉ. उर्मिला अखौड़ी

सिवान: बिहार के सिवान जिला के हॉस्पिटल रोड स्थित एक निजी क्लीनिक में प्रसव पूर्व नवजात की मौत (Death of Child Pre Delivery In Siwan) हो गयी. आक्रोशित परिजनों ने मौके पर जमकर हंगामा किया. हंगाम के दौरान परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन से एक अजीबोगरीब मांग रख दी. परिजन डॉक्टरों से इलाज में लापरवाही की बीत लेटरपैड पर लिख कर देने या मुख्यमंत्री राहतकोष में 20 लाख रुपया डोनेट करने की मांग कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें- यूपी से इलाज के लिए गोपालगंज आई महिला की प्रसव के दौरान मौत, परिजनों ने किया हंगामा

डॉ रजनीगंधा स्वयं हैं डेंटिस्टः सिवान शहर के राजवंशी नगर निवासी नीरज कुमार पेशे से इंजीनियर हैं. उनकी पत्नी डॉ रजनीगंधा पटना में दंत चिकित्सक हैं. प्रसव पीड़ा होने पर डॉ. रजनीगंधा को परिजनों ने शुक्रवार की रात में करीब 1 बजे पहुचे थे. हॉस्पिटल रोड स्थित स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. अखौरी उर्मिला कुमारी सिन्हा के निजी क्लीनिक में भर्ती कराया. इमरजेंसी शुल्क लेकर मरीज को इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कर लिया गया.

8 महीने से चल रहा था डॉ. अखौड़ी के यहां से इलाजः डॉ. रजनीगंधा के भाई नागमणि ने बताया कि उनके बहन का इलाज डॉ. उर्मिला अखौड़ी के यहां पिछले 8 महीने से चल रहा था, डॉक्टर की ओर से बार-बार बताया गया कि बच्चा सही सलामत है. परिजनों ने आगे बताया कि उसे इमरजेंसी में रात 1 बजे ही भर्ती किया गया था, लेकिन डॉक्टर सुबह 6 बजे देखने आए.

शाम में ऑपरेशन कर बच्चे को निकाला गयाः वहीं इस दौरान प्रसूता बार-बार दर्द की शिकायत करती रही लेकिन डॉक्टर इमरजेंसी में भर्ती करने के बाद भी नीचे (क्लीनिक) मरीज को देखने नहीं आईं और सुबह जब 6 बजे प्रसूता के पास आई तब तक नवजात का पेट में मौत हो चुकी है. शनिवार शाम 7 बजे ऑपरेशन कर मृत बच्चे का निकाला गया. इसके बाद परिजन आक्रोशित हो गए और क्लिनिक में जमकर हंगामा करना करने लगे. मौके पर पहुंची स्थानीय पुलिस मामले को सुलझाने में लगी है.

डॉक्टर ने लापरवाही से किया इंकारः स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. अखौड़ी उर्मिला कुमारी सिन्हा ने कहा कि किसी तरह की कोई लापरवाही नहीं हुई है. सब कुछ समय से इनको बता दिया गया था. अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट कराया गया तो पता चला कि पेट में ही बच्चे की मौत हो चुकी है.

ये भी पढ़ें-सदर अस्पताल में प्रसव के दौरान नवजात की मौत, परिजनों ने लापरवाही का आरोप लगाकर किया तोड़फोड़

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सिवान: बिहार के सिवान जिला के हॉस्पिटल रोड स्थित एक निजी क्लीनिक में प्रसव पूर्व नवजात की मौत (Death of Child Pre Delivery In Siwan) हो गयी. आक्रोशित परिजनों ने मौके पर जमकर हंगामा किया. हंगाम के दौरान परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन से एक अजीबोगरीब मांग रख दी. परिजन डॉक्टरों से इलाज में लापरवाही की बीत लेटरपैड पर लिख कर देने या मुख्यमंत्री राहतकोष में 20 लाख रुपया डोनेट करने की मांग कर रहे हैं.

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डॉ रजनीगंधा स्वयं हैं डेंटिस्टः सिवान शहर के राजवंशी नगर निवासी नीरज कुमार पेशे से इंजीनियर हैं. उनकी पत्नी डॉ रजनीगंधा पटना में दंत चिकित्सक हैं. प्रसव पीड़ा होने पर डॉ. रजनीगंधा को परिजनों ने शुक्रवार की रात में करीब 1 बजे पहुचे थे. हॉस्पिटल रोड स्थित स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. अखौरी उर्मिला कुमारी सिन्हा के निजी क्लीनिक में भर्ती कराया. इमरजेंसी शुल्क लेकर मरीज को इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कर लिया गया.

8 महीने से चल रहा था डॉ. अखौड़ी के यहां से इलाजः डॉ. रजनीगंधा के भाई नागमणि ने बताया कि उनके बहन का इलाज डॉ. उर्मिला अखौड़ी के यहां पिछले 8 महीने से चल रहा था, डॉक्टर की ओर से बार-बार बताया गया कि बच्चा सही सलामत है. परिजनों ने आगे बताया कि उसे इमरजेंसी में रात 1 बजे ही भर्ती किया गया था, लेकिन डॉक्टर सुबह 6 बजे देखने आए.

शाम में ऑपरेशन कर बच्चे को निकाला गयाः वहीं इस दौरान प्रसूता बार-बार दर्द की शिकायत करती रही लेकिन डॉक्टर इमरजेंसी में भर्ती करने के बाद भी नीचे (क्लीनिक) मरीज को देखने नहीं आईं और सुबह जब 6 बजे प्रसूता के पास आई तब तक नवजात का पेट में मौत हो चुकी है. शनिवार शाम 7 बजे ऑपरेशन कर मृत बच्चे का निकाला गया. इसके बाद परिजन आक्रोशित हो गए और क्लिनिक में जमकर हंगामा करना करने लगे. मौके पर पहुंची स्थानीय पुलिस मामले को सुलझाने में लगी है.

डॉक्टर ने लापरवाही से किया इंकारः स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. अखौड़ी उर्मिला कुमारी सिन्हा ने कहा कि किसी तरह की कोई लापरवाही नहीं हुई है. सब कुछ समय से इनको बता दिया गया था. अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट कराया गया तो पता चला कि पेट में ही बच्चे की मौत हो चुकी है.

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