सीतामढ़ी: घूसखोर ड्रग इंस्पेक्टर नवीन कुमार (Drug Inspector Naveen Kumar) को विजिलेंस की टीम ने रंगे हाथों ( Drug Inspector Arrested in Sitamarhi) दबोचा है. उसके पास अकूत दौलत मिली है. वो सोने के कटोरे में सोने की चम्मच से खाता था. सोने के गिलास में पानी पीता था. बिजलेंस टीम ने जब छापा मारा तो घूसखोरी की रकम अपनी अय्याशी में उड़ाता हुआ रंगे हाथों पकड़ा गया. उसके पास घूस के 2 लाख रुपए कैश तो मिले ही. साथ में जब घर की तलाशी ली गई तो सोने के बर्तन और जेवरात बरामद हुए. विजिलेंस की टीम ये सब देखकर दंग रह गई.
ये भी पढ़ें-ड्रग इंस्पेक्टर जितेंद्र कुमार के पटना और गया के कई ठिकानों पर छापा, तीन करोड़ मिला कैश
काली कमाई का 'कुबेर' निकला ड्रग इंस्पेक्टर : बताया जाता है कि सीतामढ़ी जिले के एक दवा दुकान के भौतिक सत्यापन के नाम पर ड्रग इंस्पेक्टर नवीन कुमार ने रिश्वत की मांग की थी. ड्रग इंस्पेक्टर ने मोटी रकम के तौर पर 2 लाख रुपये मांगे थे. मामले को लेकर दवा दुकानदार ने इसकी शिकायत विजिलेंस विभाग से की. जिसके बाद विजिलेंस टीम ने तुरंत कार्रवाई की और मामले में ड्रग इस्पेक्टर को रंगे हाथों पकड़ लिया.
दवा दुकान के सत्यापन पर मांगी थी रिश्वत: विजिलेंस की टीम ने सूचना मिलने के बाद योजनाबद्ध तरीके से दवा दुकानदार विनोद कुमार सिंह से जहां 75 हजार रुपए की मांग की गई थी. वहीं दूसरे दवा दुकानदार मुकेश कुमार से भौतिक सत्यापन के नाम पर दो लाख रुपए की मांग की जा रही थी. मुकेश कुमार द्वारा सीतामढ़ी स्थित आवास पर दो लाख रुपए रिश्वत लेते रंगे हाथों ड्रग इंस्पेक्टर को विजिलेंस विभाग की टीम ने गिरफ्तार किया. वहीं ड्रग इंस्पेक्टर के निशानदेही पर पटना स्थित ड्रग इंस्पेक्टर के आवास पर छापेमारी करने को लेकर विजिलेंस टीम अपने साथ इंस्पेक्टर को लेकर पटना रवाना हुई.
"नवीन कुमार जो ड्रग इंस्पेक्टर के तौर पर सीतामढ़ी में कार्यरत हैं. उनके द्वारा दवा दुकानदार विनोद कुमार सिंह से जहां 75 हजार रुपए की मांग की गई. विनोद कुमार सिंह के मित्र दवा दुकानदार मुकेश कुमार से भौतिक सत्यापन के नाम पर 1.25 लाख रुपए की मांग की गई. दोनों से अपने निवास पर दो लाख रिश्वत लेते हुए पकड़े गए हैं. यह विजिलेंस की टीम पटना से यहां आई हुई है." - विजिलेंस टीम