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सीतामढ़ी: गरीब छात्रों के लिये मसीहा बने DSP, सिविल परीक्षा की तैयारी करनेवालों को दे रहे मुफ्त में शिक्षा

इससे पहले संघ लोक सेवा आयोग और बिहार लोक सेवा आयोग प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी करने के लिए कोई ऐसी व्यवस्था नहीं थी. सदर डीएसपी की ये पहल अब छात्रों के लिये वरदान साबित हो रहा है.

रीब छात्र-छात्राओं के लिये मसीहा बने सदर डीएसपी
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Published : Aug 10, 2019, 4:43 PM IST

सीतामढ़ी: सदर डीएसपी डॉ. कुमार वीर धीरेंद्र ने एक अनूठी पहल की है. साल 2018 के नवंबर से ये शहर के गोयनका कॉलेज में 150 छात्र- छात्राओं को मुफ्त में शिक्षा दे रहे हैं. सभी छात्र संघ लोक सेवा आयोग और बिहार लोक सेवा आयोग की प्रतियोगिता परीक्षा में शामिल होने वाले हैं.

सीतामढ़ी सदर डीएसपी डॉ. कुमार वीर धीरेंद्र ने सुदूर देहात के गरीब छात्र-छात्राओं को अधिकारी बनाने का जिम्मा ले लिया है. आज कई माह से अपनी ड्यूटी का निर्वाहन करते हुए डीएसपी वैसे छात्र-छात्राओं को शिक्षा दे रहे हैं जो आज के परिवेश में इस महंगी शिक्षा को पैसे के बदौलत हासिल नहीं कर सकते. डीएसपी के इस पहल से छात्र-छात्राओं को काफी मदद मिल रही है.

sitamarhi
परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्र

छात्रों को मिल रहा सहयोग
इस मुफ्त पाठशाला में शिक्षा ग्रहण करने आये छात्रों ने बताया कि वो विगत नवंबर माह से डीएसपी वीर धीरेंद्र से ज्ञान अर्जित कर रहे हैं. सबसे खास बात यह है कि जब कोई भी छात्र किसी प्रश्न में उलझ जाते हैं तो उन्हें यह छूट दी गई है कि किसी भी समय वह अपनी समस्या के समाधान के लिए डीएसपी का सहयोग ले सकते हैं. इस खास पहल के कारण सिविल सर्विसेज की तैयारी करने वाले छात्रों को काफी सहयोग मिलता है.

गरीब छात्र-छात्राओं के लिये मसीहा बने सदर डीएसपी

डीएसपी की पहल छात्रों के लिये वरदान
छात्रों ने बताया कि यहां जीएस, भूगोल शास्त्र, राजनीति शास्त्र, इतिहास, करंट अफेयर, विज्ञान और प्रौद्योगिकी सहित अन्य विषयों की पढ़ाई कराई जाती है. इससे पहले संघ लोक सेवा आयोग और बिहार लोक सेवा आयोग प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी करने के लिए कोई ऐसी व्यवस्था नहीं थी. इसके लिए बड़े शहरों में जाना पड़ता था और एक से डेढ़ लाख रुपए खर्च कर तैयारी करनी पड़ती थी. ये गरीब छात्र-छात्राओं के लिए संभव नहीं था. सदर डीएसपी की ये पहल अब इनके लिये वरदान साबित हो रहा है.

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डॉ. कुमार वीर धीरेंद्र, सदर डीएसपी

क्या कहते हैं सदर डीएसपी
बता दें कि सीतामढ़ी के सदर डीएसपी डॉ. कुमार वीर धीरेंद्र 2013 बैच के पदाधिकारी हैं. उनकी शिक्षा-दीक्षा जेएनयू से हुई है. उन्होंने जेएनयू से मास्टर एमफिल और पीएचडी की डिग्री प्राप्त की है. इसके साथ ही उनकी स्कूली शिक्षा झारखंड के गुमला में हुई है. डीएसपी ने बताया कि मैं एक अति साधारण परिवार से आता हूं. अपनी लगन और मेहनत से मैंने इस मुकाम को हासिल किया है.

गरीब छात्र-छात्राओं की मदद करने का संकल्प
उन्होंने कहा कि यदि मेरे थोड़े से समय देने के कारण गरीब छात्र-छात्राओं का भविष्य सुनहरा हो जाता है तो इससे ज्यादा खुशी मुझे और किसी चीज में नहीं मिल सकती. मेरा संकल्प है कि जब तक मैं शारीरिक रूप से स्वस्थ्य रहूंगा तब तक छात्र-छात्राओं को सहयोग करता रहूंगा.

सीतामढ़ी: सदर डीएसपी डॉ. कुमार वीर धीरेंद्र ने एक अनूठी पहल की है. साल 2018 के नवंबर से ये शहर के गोयनका कॉलेज में 150 छात्र- छात्राओं को मुफ्त में शिक्षा दे रहे हैं. सभी छात्र संघ लोक सेवा आयोग और बिहार लोक सेवा आयोग की प्रतियोगिता परीक्षा में शामिल होने वाले हैं.

सीतामढ़ी सदर डीएसपी डॉ. कुमार वीर धीरेंद्र ने सुदूर देहात के गरीब छात्र-छात्राओं को अधिकारी बनाने का जिम्मा ले लिया है. आज कई माह से अपनी ड्यूटी का निर्वाहन करते हुए डीएसपी वैसे छात्र-छात्राओं को शिक्षा दे रहे हैं जो आज के परिवेश में इस महंगी शिक्षा को पैसे के बदौलत हासिल नहीं कर सकते. डीएसपी के इस पहल से छात्र-छात्राओं को काफी मदद मिल रही है.

sitamarhi
परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्र

छात्रों को मिल रहा सहयोग
इस मुफ्त पाठशाला में शिक्षा ग्रहण करने आये छात्रों ने बताया कि वो विगत नवंबर माह से डीएसपी वीर धीरेंद्र से ज्ञान अर्जित कर रहे हैं. सबसे खास बात यह है कि जब कोई भी छात्र किसी प्रश्न में उलझ जाते हैं तो उन्हें यह छूट दी गई है कि किसी भी समय वह अपनी समस्या के समाधान के लिए डीएसपी का सहयोग ले सकते हैं. इस खास पहल के कारण सिविल सर्विसेज की तैयारी करने वाले छात्रों को काफी सहयोग मिलता है.

गरीब छात्र-छात्राओं के लिये मसीहा बने सदर डीएसपी

डीएसपी की पहल छात्रों के लिये वरदान
छात्रों ने बताया कि यहां जीएस, भूगोल शास्त्र, राजनीति शास्त्र, इतिहास, करंट अफेयर, विज्ञान और प्रौद्योगिकी सहित अन्य विषयों की पढ़ाई कराई जाती है. इससे पहले संघ लोक सेवा आयोग और बिहार लोक सेवा आयोग प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी करने के लिए कोई ऐसी व्यवस्था नहीं थी. इसके लिए बड़े शहरों में जाना पड़ता था और एक से डेढ़ लाख रुपए खर्च कर तैयारी करनी पड़ती थी. ये गरीब छात्र-छात्राओं के लिए संभव नहीं था. सदर डीएसपी की ये पहल अब इनके लिये वरदान साबित हो रहा है.

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डॉ. कुमार वीर धीरेंद्र, सदर डीएसपी

क्या कहते हैं सदर डीएसपी
बता दें कि सीतामढ़ी के सदर डीएसपी डॉ. कुमार वीर धीरेंद्र 2013 बैच के पदाधिकारी हैं. उनकी शिक्षा-दीक्षा जेएनयू से हुई है. उन्होंने जेएनयू से मास्टर एमफिल और पीएचडी की डिग्री प्राप्त की है. इसके साथ ही उनकी स्कूली शिक्षा झारखंड के गुमला में हुई है. डीएसपी ने बताया कि मैं एक अति साधारण परिवार से आता हूं. अपनी लगन और मेहनत से मैंने इस मुकाम को हासिल किया है.

गरीब छात्र-छात्राओं की मदद करने का संकल्प
उन्होंने कहा कि यदि मेरे थोड़े से समय देने के कारण गरीब छात्र-छात्राओं का भविष्य सुनहरा हो जाता है तो इससे ज्यादा खुशी मुझे और किसी चीज में नहीं मिल सकती. मेरा संकल्प है कि जब तक मैं शारीरिक रूप से स्वस्थ्य रहूंगा तब तक छात्र-छात्राओं को सहयोग करता रहूंगा.

Intro:अपने अति व्यस्त जीवन के बावजूद एक पुलिस अधिकारी सुदूर देहात के गरीब छात्र-छात्राओं को मुफ्त में दे रहे हैं शिक्षा और ज्ञान। Body:सीतामढ़ी सदर डीएसपी डॉक्टर कुमार वीर धीरेंद्र अपने अति व्यस्त जीवन के बावजूद सुदूर देहात से आने वाले गरीब छात्र-छात्राओं को अधिकारी बनाने का जिम्मा ले लिया है। आज कई माह से अपनी ड्यूटी का निर्वहन करते हुए डीएसपी करीब 150 वैसे छात्र-छात्राओं को शिक्षा दान कर रहे हैं। जो आज के परिवेश में इस महंगी शिक्षा को पैसे के बदौलत हासिल नहीं कर सकते।डीएसपी के द्वारा शहर के गोयनका कॉलेज में वर्ष 2018 नवंबर से संघ लोक सेवा आयोग और बिहार लोक सेवा आयोग की प्रतियोगिता परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यार्थियों को मुफ्त में शिक्षा दी जा रही हैं। इससे गरीब छात्र-छात्राओं को बेहद ही सहारा मिल रहा है। और उन्हें उम्मीद है कि इस तरह के गुरु के सहयोग मिलने से उन्हें अपनी मंजिल हासिल जरूर होगा।
खास बात :_______
इस मुफ्त पाठशाला में शिक्षा ग्रहण करने वाले छात्र मृत्युंजय झा, आशुतोष कुमार, मोहम्मद खालिद और अपूर्व कश्यप ने बताया कि विगत नवंबर माह से सभी डीएसपी वीर धीरेंद्र से ज्ञान अर्जित कर रहे हैं। और सबसे खास बात है कि जब कोई भी छात्र और छात्रा किसी प्रश्न में उलझ जाते हैं तो उन्हें यह छूट दी गई है कि आधी रात हो या सुबह का समय किसी भी समय वह अपनी समस्या के समाधान के लिए डीएसपी सदर का सहयोग लेते है।इस खास पहल के कारण जो तैयारी करने वाले छात्र हैं उन्हें काफी सहयोग मिलता है। छात्रों ने बताया कि डीएसपी सदर के द्वारा जीएस, भूगोल शास्त्र, राजनीति शास्त्र, इतिहास, करंट अफेयर विज्ञान और प्रौद्योगिकी सहित अन्य विषयों की पढ़ाई कराई जाती है। इस मुफ्त कोचिंग में शिक्षा ग्रहण कर रहे छात्रों ने यह भी बताया कि इस छोटे से शहर में इससे पूर्व संघ लोक सेवा आयोग और बिहार लोक सेवा आयोग प्रतियोगिता परीक्षा में शामिल होने और उसकी तैयारी कराने के लिए कोई ऐसी व्यवस्था नहीं थी। इसके लिए बड़े शहरों में जाकर एक से डेढ़ लाख रुपए देकर तब इसकी तैयारी करनी पड़ती थी। जो गरीब छात्र-छात्राओं के लिए संभव नहीं था। लेकिन इस छोटे शहर में जब से यह व्यवस्था हुई है। उसके बाद से गरीब छात्र-छात्राओं के लिए यह वरदान साबित हो रहा है।
संक्षिप्त परिचय :_______
सीतामढ़ी सदर डीएसपी डॉ कुमार वीरेंद्र धीरेंद्र 2013 बैच के पदाधिकारी हैं और उनकी शिक्षा-दीक्षा जेएनयू से हुई है उन्होंने जेएनयू से मास्टर एमफिल और पीएचडी की उपाधि प्राप्त की है इसके साथ ही उनकी स्कूली शिक्षा झारखंड के गुमला में हुई है शिक्षा दान कर रहे डीएसपी सदर ने बताया कि मैं एक अति साधारण परिवार से आता हूं। और अपनी लगन और मेहनत से इस मुकाम को हासिल किया हूं। इसलिए मेरा उद्देश्य है कि मेरे थोड़े से समय देने के कारण अगर गरीब छात्र-छात्राओं का भविष्य सुनहरा हो जाता है तो हमें इससे ज्यादा खुशी और किसी चीज से नहीं मिल सकती है। मेरा संकल्प है कि जब तक मैं शारीरिक रूप से स्वस्थ और फिट रहूंगा तब तक मेधावी छात्र छात्राओं को सहयोग करता रहूंगा। क्योंकि आज की शिक्षा व्यवस्था व्यवसायीकरण हो चुकी है। इस कारण उसे चाह कर भी साधारण परिवार के मेधावी छात्र-छात्रा हासिल नहीं कर सकते।
बाइट 1. आशुतोष कुमार। तैयारी करने वाला छात्र टी शर्ट में।
बाइट 2. अपूर्वा कश्यप। छात्रा।
बाइट 3. डॉक्टर कुमार बीर धीरेंद्र। डीएसपी सदर सीतामढ़ी ब्लू टीशर्ट में।
पी टू सी 4.
विजुअल 5,6,7,Conclusion:पी टू सी राहुल देव सोलंकी। सीतामढ़ी।
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