सीतामढ़ी: आगामी महीनों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. इसको लेकर सभी पार्टियां अपनी सीटों की दावेदारी पेश करने लगी है. जिले के विधानसभा की 6 सीटों पर जेडीयू की ओर से दावेदारी पेश की गई है.
विधानसभा चुनाव को लेकर जिले में एनडीए के बीच सीट बंटवारे को लेकर सियासत तेज हो गई है. जेडीयू के जिलाध्यक्ष राणा रणधीर सिंह चौहान ने बताया कि जिले में 8 विधानसभा क्षेत्र हैं. जिसमें जेडीयू सभी सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए सक्षम है. लेकिन बीजेपी के साथ गठबंधन धर्म का निर्वहन करते हुए कम से कम 6 सीटों पर जेडीयू प्रत्याशी चुनाव लड़ेगी.
क्या है बीजेपी के लिए परेशानी का सबब?
साल 2010 में 4 सीटों पर जेडीयू और 4 सीटों पर बीजेपी के प्रत्याशी चुनाव लड़े थे. इसके बाद बीजेपी से गठबंधन टूट जाने के कारण साल 2015 में महागठबंधन के साथ चुनाव लड़ने के दौरान जेडीयू 2 सीट, आरजेडी 4 सीट, कांग्रेस 2 सीट पर अपने प्रत्याशी उतारी थे. लेकिन इस बार जेडीयू अकेले 6 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारने की बात कह रही है. जो बीजेपी के लिए परेशानी का सबब बन सकती है.
'विस चुनाव में होगी NDA की जीत'
वहीं, विधानसभा चुनाव में जीत को लेकर जेडीयू के वरिष्ठ नेता और एमएलसी देवेश चंद्र ठाकुर ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि इस बार बिहार में अपार बहुमत से एनडीए की सरकार बनेगी. उन्होंने कहा कि विपक्ष दूर-दूर तक दिखाई नहीं दे रहा है. हर तरफ विकास का मुद्दा छाया हुआ है. देवेश चंद्र ठाकुर ने कहा कि जनता बदलाव को देख रही है, इसलिए कोई भी विपक्षी दल एनडीए के साथ चुनाव मैदान में नहीं टिक पाएगा.
'विपक्ष को नकार चुकी जनता'
जेडीयू एमएलसी ने कहा कि जनता विपक्षी पार्टी को नकार चुकी है. इसलिए आगामी सरकार एनडीए की ही बनेगी. बता दें कि जिले के 8 विधानसभा सीटों में बेलसंड, बाजपट्टी, सुरसंड, रुनीसैदपुर, बथनाहा, रीगा, परिहार और सीतामढ़ी सीट शामिल हैं.