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सीतामढ़ी: कोरोना महामारी में भी सिर्फ कागजों पर चल रहा है पताही प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र - सीतामढ़ी स्वास्थ्य केंद्र

सीतामढ़ी में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सिर्फ कागजों पर चल रहा है. वर्तमान में होमियोपैथिक चिकित्सक डॉ. किशोरी प्रसाद अस्पताल में पदस्थापित हैं.

sitamarhi Health Center
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Published : May 20, 2021, 4:29 PM IST

सीतामढ़ी: जिले में एक तरफ कोरोना वायरस की महामारी ने कहर बरपा रखा है. तो वहीं जिले में अब ब्लैक फंगस ने भी दस्तक दे दिया है. लेकिन स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के कारण बैरगनिया के ग्रामीण क्षेत्र में बना हॉस्पिटल दशकों से कागज पर ही चल रहा है. पताही गांव में किराए के मकान में कथित रूप से यह अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चल रहा है. हाल में ही कोरोना काल में सरकार के आदेश के बाद बुधवार से उक्त केंद्र को चालू करना था. लेकिन चालू नहीं किया गया है.

ये भी पढ़ें- सीतामढ़ी: जिले में मिला पहला ब्लैक फंगस का मामला, डॉक्टरों ने पीड़ित व्यक्ति को किया पटना रेफर

किराये के मकान में अस्पताल
स्थानीय लोगों ने बताया कि बैरगनिया शहर से करीब 8 से 9 किमी दूर ग्रामीण क्षेत्र के लोगों के लिए स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने के लिए कई दशक पूर्व पताही गांव में एक अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को खोला गया था. कुछ वर्षों तक तो उक्त अस्पताल को किराये के मकान में ही ठीक-ठाक चला दिया गया और लोगों को इलाज मिलना शुरू हो गया. जिससे क्षेत्र के लोगों को समुचित लाभ मिलता रहा. लेकिन अचानक अस्पताल को कागज पर ही चलाना शुरू करा दिया गया.

कागज पर चल रहा हॉस्पिटल
अस्पताल में चिकित्सक की ड्यूटी तो लगाई जाती थी, पैसे भी मिलते थे लेकिन हॉस्पिटल कागज पर ही चलता रहता था. किसी ने इसकी खोज खबर नहीं ली. लेकिन अब जब महामारी आयी है तो सरकार की नींद खुली है. वर्तमान में होमियोपैथिक चिकित्सक डॉ. किशोरी प्रसाद अस्पताल में पदस्थापित हैं. लेकिन वर्षों से वे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ही सेवा दे रहे हैं.

बैरगनिया सामुदायिक केंद्र के प्रभारी चिकित्सक डॉ. अब्दुल बहाव बताते हैं कि अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बुधवार से भी नहीं खुल सका है. चूंकि डॉ. किशोरी प्रसाद कोविड सेंटर डुमरा में प्रतिनियुक्ति हैं. उन्होंने बताया कि अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में एक एएनएम कार्यरत हैं. बरहाल लोगों का भगवान ही मालिक है.

सीतामढ़ी: जिले में एक तरफ कोरोना वायरस की महामारी ने कहर बरपा रखा है. तो वहीं जिले में अब ब्लैक फंगस ने भी दस्तक दे दिया है. लेकिन स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के कारण बैरगनिया के ग्रामीण क्षेत्र में बना हॉस्पिटल दशकों से कागज पर ही चल रहा है. पताही गांव में किराए के मकान में कथित रूप से यह अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चल रहा है. हाल में ही कोरोना काल में सरकार के आदेश के बाद बुधवार से उक्त केंद्र को चालू करना था. लेकिन चालू नहीं किया गया है.

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किराये के मकान में अस्पताल
स्थानीय लोगों ने बताया कि बैरगनिया शहर से करीब 8 से 9 किमी दूर ग्रामीण क्षेत्र के लोगों के लिए स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने के लिए कई दशक पूर्व पताही गांव में एक अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को खोला गया था. कुछ वर्षों तक तो उक्त अस्पताल को किराये के मकान में ही ठीक-ठाक चला दिया गया और लोगों को इलाज मिलना शुरू हो गया. जिससे क्षेत्र के लोगों को समुचित लाभ मिलता रहा. लेकिन अचानक अस्पताल को कागज पर ही चलाना शुरू करा दिया गया.

कागज पर चल रहा हॉस्पिटल
अस्पताल में चिकित्सक की ड्यूटी तो लगाई जाती थी, पैसे भी मिलते थे लेकिन हॉस्पिटल कागज पर ही चलता रहता था. किसी ने इसकी खोज खबर नहीं ली. लेकिन अब जब महामारी आयी है तो सरकार की नींद खुली है. वर्तमान में होमियोपैथिक चिकित्सक डॉ. किशोरी प्रसाद अस्पताल में पदस्थापित हैं. लेकिन वर्षों से वे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ही सेवा दे रहे हैं.

बैरगनिया सामुदायिक केंद्र के प्रभारी चिकित्सक डॉ. अब्दुल बहाव बताते हैं कि अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बुधवार से भी नहीं खुल सका है. चूंकि डॉ. किशोरी प्रसाद कोविड सेंटर डुमरा में प्रतिनियुक्ति हैं. उन्होंने बताया कि अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में एक एएनएम कार्यरत हैं. बरहाल लोगों का भगवान ही मालिक है.

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