शिवहर: जिले में सदर अस्पताल विभागीय उदासीनता की वजह से सालों से अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है. 120 बेड वाले इस जिला अस्पताल में सालों से चिकित्सक, नर्स, फार्मासिस्ट, ड्रेसर, चतुर्थवर्गीय कर्मी, डाटा एंट्री ऑपरेटर सहित कई कर्मियों का अधिकांश पद खाली पड़ा है. यह जिला अस्पताल महिला चिकित्सक के बिना चल रहा है. जबकि इस अस्पताल में हर महीने 70 से 80 महिलाओं का प्रसव कराया जाता है. लेकिन इस प्रसव का काम अस्पताल में तैनात नर्स और दाई की ओर से किया जाता है. जिससे मां और बच्चे का इलाज जोखिम भरा होता है.
अस्पताल में डॉक्टर और नर्सों की भारी कमी
अस्पताल अधीक्षक का कहना है कि चिकित्सक और स्वास्थ्य कर्मियों की कमी के कारण जिला अस्पताल चलाना बहुत मुश्किल हो रहा है. जिसका असर जरूरतमंद मरीजों को दी जाने वाली स्वास्थ्य सेवाओं पर पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि इस जिला अस्पताल को 50 चिकित्सक, 25 नर्स, 10 चतुर्थवर्गीय कर्मी, फार्मासिस्ट, ड्रेसर और 10 डाटा एंट्री ऑपरेटर की जरूरत है. लेकिन अभी वर्तमान में 12 पुरुष चिकित्सक, 6 नर्स के अलावा किसी भी पद पर कर्मी तैनात नहीं है. सभी पद खाली पड़ा हुआ है. इसके अलावा अस्पताल में एक भी महिला चिकित्सक की तैनाती नहीं है. जबकि सदर अस्पताल की ओर से दो महिला चिकित्सक के वेतन का भुगतान किया जाता है. लेकिन उन दोनों महिला चिकित्सक की प्रतिनियुक्ति मातृ शिशु अस्पताल पुराना हॉस्पिटल में किया गया है. अस्पताल में ड्रेसर का काम वार्ड बॉय करता है.
'जल्द ही होगी खाली पदों पर भर्ती'
वहीं, इस संबंध में पूछे जाने पर जिलाधिकारी अवनीश कुमार सिंह ने बताया कि जिला अस्पताल में चिकित्सक और कर्मियों का अधिकांश पद खाली होने के कारण स्वास्थ्य सेवाओं पर इसका असर पड़ रहा है. इसके लिए सिविल सर्जन से खाली पदों की सूची तैयार कर विभाग को भेजी जाएगी. जिससे जल्द से जल्द खाली पदों को भरा जा सके और स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर किया जा सके. डीएम ने कहा कि इस दिशा में प्रयास किया जा रहा है जल्द ही इसमें सुधार कर लिया जाएगा.