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इंडो-नेपाल बॉर्डर पर हुई फायरिंग के बाद दहशत में लोग, खेतों से लेकर बाजार तक छाई वीरानी - Tension on Indo Nepal border

इंडो-नेपाल बॉर्डर पर नेपाल की तरफ से हुई फायरिंग के बाद भारतीय सीमा पर बसे गांवों में दहशत व्याप्त है. लोग अपने घरों में कैद हैं. हालांकि, एसएसबी के जवान लगातार कैंप कर रहे हैं.

जमुई में फायरिंग
जमुई में फायरिंग
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Published : Jun 13, 2020, 6:55 PM IST

सीतामढ़ी: नेपाल की तरफ से हुई फायरिंग के बाद बॉर्डर इलाकों में दहशत का माहौल है. लोग डर के साये में अपने घरों से नहीं निकल रहे हैं. आलम यह है कि हफ्ते में तीन दिन लगने वाली बाजार में खरीददारी के लिए लोग नहीं पहुंचे. दूसरी ओर किसान अपने खेतों में काम के लिए नहीं जा रहे हैं.

शुक्रवार को इंडो-नेपाल बॉर्डर के पिलर नंबर 319 के पास नेपाल सशस्त्र बल के जवानों की ओर से अंधाधुंध फायरिंग की. सीतामढ़ी के सोनबरसा थाना क्षेत्र की पीपरा परसाइन पंचायत की लालबंदी जानकीनगर सीमा पर हुई इस फायरिंग में एक युवक की मौत हो गई है, जबकि दो गंभीर रूप से घायल हैं. ईटीवी भारत ने इलाके के लोगों से बात की, तो पता चला कि अब यहां लोग डर के साये में जी रहे हैं.

सीतामढ़ी राहुल देव सोलंकी की रिपोर्ट

'डर लग रहा है, कहीं फिर न हो जाए फायरिंग'
स्थानीय युवक हरेंद्र मंडल ने बताया कि गांव के सभी लोग घरों में कैद हैं. उनके खेत बॉर्डर के पास है. अब वो अपने खेतों में काम करने भी नहीं जा रहे हैं. दूसरी ओर गांव में सप्ताह में 3 दिन बाजार लगती थी, जहां दोनों देश के नागरिक अपनी जरूरतों का सामान खरीदने आते थे. लेकिन अब वहां विरानी पसरी है. बाजार लगना बंद हो चुका है. इस घटना को बाद से भारतीय क्षेत्र के किसानों में दहशत का माहौल है.

पिलर नंबर 319
पिलर नंबर 319

दोषी पुलिसकर्मी को हो फांसी- पिता
वहीं, गोलीबारी में हुई विकेश की मौत के बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. विकेश के पिता नागेश्वर राय ने कहा कि जो भी दोषी पुलिसकर्मी है, उन्हें फांसी की सजा हो. तभी उन्हें संतुष्टि मिलेगी. विकेश का अंतिम संस्कार कराया जा चुका है. विकेश लुधियाना में सिलाई का काम करता था. दो साल पहले उसकी शादी हुई थी. 20 दिन पहले ही लॉकडाउन में मिली छूट के बाद वो अपने घर वापस आया था.

जवान कर रहे कैंप
जवान कर रहे कैंप

पढ़ें ये खबर- बिहार के लालबंदी बॉर्डर पर नेपाल पुलिस ने क्यों की फायरिंग?

सीतामढ़ी: नेपाल की तरफ से हुई फायरिंग के बाद बॉर्डर इलाकों में दहशत का माहौल है. लोग डर के साये में अपने घरों से नहीं निकल रहे हैं. आलम यह है कि हफ्ते में तीन दिन लगने वाली बाजार में खरीददारी के लिए लोग नहीं पहुंचे. दूसरी ओर किसान अपने खेतों में काम के लिए नहीं जा रहे हैं.

शुक्रवार को इंडो-नेपाल बॉर्डर के पिलर नंबर 319 के पास नेपाल सशस्त्र बल के जवानों की ओर से अंधाधुंध फायरिंग की. सीतामढ़ी के सोनबरसा थाना क्षेत्र की पीपरा परसाइन पंचायत की लालबंदी जानकीनगर सीमा पर हुई इस फायरिंग में एक युवक की मौत हो गई है, जबकि दो गंभीर रूप से घायल हैं. ईटीवी भारत ने इलाके के लोगों से बात की, तो पता चला कि अब यहां लोग डर के साये में जी रहे हैं.

सीतामढ़ी राहुल देव सोलंकी की रिपोर्ट

'डर लग रहा है, कहीं फिर न हो जाए फायरिंग'
स्थानीय युवक हरेंद्र मंडल ने बताया कि गांव के सभी लोग घरों में कैद हैं. उनके खेत बॉर्डर के पास है. अब वो अपने खेतों में काम करने भी नहीं जा रहे हैं. दूसरी ओर गांव में सप्ताह में 3 दिन बाजार लगती थी, जहां दोनों देश के नागरिक अपनी जरूरतों का सामान खरीदने आते थे. लेकिन अब वहां विरानी पसरी है. बाजार लगना बंद हो चुका है. इस घटना को बाद से भारतीय क्षेत्र के किसानों में दहशत का माहौल है.

पिलर नंबर 319
पिलर नंबर 319

दोषी पुलिसकर्मी को हो फांसी- पिता
वहीं, गोलीबारी में हुई विकेश की मौत के बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. विकेश के पिता नागेश्वर राय ने कहा कि जो भी दोषी पुलिसकर्मी है, उन्हें फांसी की सजा हो. तभी उन्हें संतुष्टि मिलेगी. विकेश का अंतिम संस्कार कराया जा चुका है. विकेश लुधियाना में सिलाई का काम करता था. दो साल पहले उसकी शादी हुई थी. 20 दिन पहले ही लॉकडाउन में मिली छूट के बाद वो अपने घर वापस आया था.

जवान कर रहे कैंप
जवान कर रहे कैंप

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