ETV Bharat / state

किस काम का है ये पुल! सात साल में भी नहीं बन पाया अप्रोच रोड - संपर्क पथ का निर्माण

मनुष्मरा नदी के ऊपर करोड़ों की लागत से बने नवनिर्मित पुल का संपर्क पथ न होने के कारण तीन जिले के लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. बता दें कि इस पुल का निर्माण कार्य 2013 में प्रारंभ किया गया था. लेकिन 7 साल बाद भी संपर्क पथ नहीं बनाया जा सका है.

संपर्क पथ का अभाव
संपर्क पथ का अभाव
author img

By

Published : Feb 15, 2021, 11:53 AM IST

सीतामढ़ी: बसौल गांव के समीप मनुष्मरा नदी के ऊपर करोड़ों की लागत से बने नवनिर्मित पुल का संपर्क पथ नहीं बनाए जाने के कारण लोगों में नाराजगी व्याप्त है. इस पुल का संपर्क पथ न होने के कारण प्रत्येक वर्ष वहां बने डायवर्सन पर घटनाएं घटित होती रहती है. जिसमें अब तक कई लोगों की मौत हो चुकी है. जबकि इस पुल का निर्माण कार्य वर्ष 2013 में प्रारंभ किया गया था. यह पुल वर्ष 2015 में बनकर तैयार हो गया. लेकिन 7 साल बीत जाने के बावजूद अब तक इसका संपर्क पथ नहीं बनाया जा सका है.

इसे भी पढ़ें: ऐसा भी नंबर होता है क्या? कोरोना टेस्ट की जांच रिपोर्ट में 'जीरो-जीरो'

6 किसानों की भूमि अधिग्रहण
बता दें कि संपर्क पथ बनाने के लिए नवनिर्मित पुल के पश्चिम और पूर्व दिशा में कुल 6 किसानों की भूमि अधिग्रहण की गई थी. वहीं स्थानीय और जनप्रतिनिधि का कहना है कि भू-अर्जन विभाग ने जिन किसानों की जमीन अधिग्रहण किया था, उन किसानों को अब तक मुआवजे का भुगतान भी नहीं किया गया है. लिहाजा संपर्क पथ बनाने की प्रक्रिया अधर में लटकी हुई है. इसका खामियाजा इस मुख्य मार्ग से प्रतिदिन गुजरने वाले सैकड़ों राहगीरों को भुगतना पड़ रहा है. जिसे लेकर लोगों में नाराजगी व्याप्त है. यह मुख्य सड़क सीतामढ़ी जिले को शिवहर और मुजफ्फरपुर से जोड़ने का काम करती है. स्थानीय जनप्रतिनिधि का आरोप है कि इस क्षेत्र के विधायक सांसद और जिला प्रशासन के पदाधिकारी की उदासीनता के कारण आज तक संपर्क पथ नहीं बनाया जा सका है.

अधर में पड़ा कार्य.
अधर में पड़ा कार्य.

नाव के सहारे आवागमन
इस नवनिर्मित पुल के समीप बाढ़ के दौरान प्रत्येक वर्ष कई संख्या में लोगों की डूबकर मौत हो जाती है. बाढ़ की तेज धारा से डायवर्सन ध्वस्त हो जाने के कारण लोग नाव के सहारे आना-जाना करते हैं. कई लोग ध्वस्त डायवर्सन को पार करने के दौरान पानी के तेज बहाव में बह जाते हैं. जिस कारण विगत वर्ष ही 2 लोगों की जान चली गई थी. बाढ़ का पानी उतरने के बाद मिट्टी और ईंट का टुकड़ा डालकर आवागमन बहाल करने के लिए डायवर्शन बनाया जाता है. जहां वाहन दुर्घटना भी घटती होती रहती है.

बाढ़ के दौरान होती है परेशानियां.
बाढ़ के दौरान होती है परेशानियां.

ये भी पढ़ें: 'आपराधिक रिकॉर्ड' पर सियासी बवाल, मांझी का 'तेज' हमला, बोले- '...अपनों के लिए दाग अच्छे हैं'

इस संबंध में पूछे जाने पर स्थानीय विधायक संजय गुप्ता ने बताया कि-
संपर्क पथ बनाने के लिए जिन किसानों की भूमि अधिग्रहण करने की बात कही जा रही है वह गलत है. अब तक विभाग की ओर से किसानों की भूमि का अधिग्रहण तक नहीं किया गया है. जिस कारण संपर्क पथ का निर्माण अधर में लटका हुआ है. इस समस्या को लेकर विधानसभा में सवाल उठाएंगे. जल्द से जल्द संपर्क पथ का निर्माण हो इसके लिए मेरा प्रयास जारी है. -संजय गुप्ता, विधायक

अधूरा पड़ा कार्य.
अधूरा पड़ा कार्य.

3 जिले को लोगों को भुगतना पड़ रहा खामियाजा
पुल पर परिचालन न होने के कारण प्रत्येक वर्ष इस जगह पर घटनाएं घटित होती है. इसके बावजूद भी स्थानीय विधायक, सांसद और जिला प्रशासन के पदाधिकारी कुंभकरणी निद्रा में सोए हुए है. साथ ही जिन किसानों की भूमि का अधिग्रहण के लिए प्रक्रिया की गई. वे सभी किसान आज तक मुआवजे के लिए टकटकी लगाए हुए हैं. बिहार राज्य पुल निर्माण निगम और भू अर्जन विभाग के बीच जारी खींचतान का खामियाजा तीन जिलों के लोगों को भुगतना पड़ रहा है जो कहीं से उचित नहीं है.

सीतामढ़ी: बसौल गांव के समीप मनुष्मरा नदी के ऊपर करोड़ों की लागत से बने नवनिर्मित पुल का संपर्क पथ नहीं बनाए जाने के कारण लोगों में नाराजगी व्याप्त है. इस पुल का संपर्क पथ न होने के कारण प्रत्येक वर्ष वहां बने डायवर्सन पर घटनाएं घटित होती रहती है. जिसमें अब तक कई लोगों की मौत हो चुकी है. जबकि इस पुल का निर्माण कार्य वर्ष 2013 में प्रारंभ किया गया था. यह पुल वर्ष 2015 में बनकर तैयार हो गया. लेकिन 7 साल बीत जाने के बावजूद अब तक इसका संपर्क पथ नहीं बनाया जा सका है.

इसे भी पढ़ें: ऐसा भी नंबर होता है क्या? कोरोना टेस्ट की जांच रिपोर्ट में 'जीरो-जीरो'

6 किसानों की भूमि अधिग्रहण
बता दें कि संपर्क पथ बनाने के लिए नवनिर्मित पुल के पश्चिम और पूर्व दिशा में कुल 6 किसानों की भूमि अधिग्रहण की गई थी. वहीं स्थानीय और जनप्रतिनिधि का कहना है कि भू-अर्जन विभाग ने जिन किसानों की जमीन अधिग्रहण किया था, उन किसानों को अब तक मुआवजे का भुगतान भी नहीं किया गया है. लिहाजा संपर्क पथ बनाने की प्रक्रिया अधर में लटकी हुई है. इसका खामियाजा इस मुख्य मार्ग से प्रतिदिन गुजरने वाले सैकड़ों राहगीरों को भुगतना पड़ रहा है. जिसे लेकर लोगों में नाराजगी व्याप्त है. यह मुख्य सड़क सीतामढ़ी जिले को शिवहर और मुजफ्फरपुर से जोड़ने का काम करती है. स्थानीय जनप्रतिनिधि का आरोप है कि इस क्षेत्र के विधायक सांसद और जिला प्रशासन के पदाधिकारी की उदासीनता के कारण आज तक संपर्क पथ नहीं बनाया जा सका है.

अधर में पड़ा कार्य.
अधर में पड़ा कार्य.

नाव के सहारे आवागमन
इस नवनिर्मित पुल के समीप बाढ़ के दौरान प्रत्येक वर्ष कई संख्या में लोगों की डूबकर मौत हो जाती है. बाढ़ की तेज धारा से डायवर्सन ध्वस्त हो जाने के कारण लोग नाव के सहारे आना-जाना करते हैं. कई लोग ध्वस्त डायवर्सन को पार करने के दौरान पानी के तेज बहाव में बह जाते हैं. जिस कारण विगत वर्ष ही 2 लोगों की जान चली गई थी. बाढ़ का पानी उतरने के बाद मिट्टी और ईंट का टुकड़ा डालकर आवागमन बहाल करने के लिए डायवर्शन बनाया जाता है. जहां वाहन दुर्घटना भी घटती होती रहती है.

बाढ़ के दौरान होती है परेशानियां.
बाढ़ के दौरान होती है परेशानियां.

ये भी पढ़ें: 'आपराधिक रिकॉर्ड' पर सियासी बवाल, मांझी का 'तेज' हमला, बोले- '...अपनों के लिए दाग अच्छे हैं'

इस संबंध में पूछे जाने पर स्थानीय विधायक संजय गुप्ता ने बताया कि-
संपर्क पथ बनाने के लिए जिन किसानों की भूमि अधिग्रहण करने की बात कही जा रही है वह गलत है. अब तक विभाग की ओर से किसानों की भूमि का अधिग्रहण तक नहीं किया गया है. जिस कारण संपर्क पथ का निर्माण अधर में लटका हुआ है. इस समस्या को लेकर विधानसभा में सवाल उठाएंगे. जल्द से जल्द संपर्क पथ का निर्माण हो इसके लिए मेरा प्रयास जारी है. -संजय गुप्ता, विधायक

अधूरा पड़ा कार्य.
अधूरा पड़ा कार्य.

3 जिले को लोगों को भुगतना पड़ रहा खामियाजा
पुल पर परिचालन न होने के कारण प्रत्येक वर्ष इस जगह पर घटनाएं घटित होती है. इसके बावजूद भी स्थानीय विधायक, सांसद और जिला प्रशासन के पदाधिकारी कुंभकरणी निद्रा में सोए हुए है. साथ ही जिन किसानों की भूमि का अधिग्रहण के लिए प्रक्रिया की गई. वे सभी किसान आज तक मुआवजे के लिए टकटकी लगाए हुए हैं. बिहार राज्य पुल निर्माण निगम और भू अर्जन विभाग के बीच जारी खींचतान का खामियाजा तीन जिलों के लोगों को भुगतना पड़ रहा है जो कहीं से उचित नहीं है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.