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सीतामढ़ी: लॉकडाउन के कारण माता जानकी के जन्मोत्सव पर भी नहीं खुला मंदिर का कपाट

कोविड-19 और लॉकडाउन के कारण इस वर्ष भी माता जानकी जन्मोत्सव को लेकर मंदिर का कपाट नहीं खोला गया. लोगों ने अपने-अपने घरों में ही जानकी जन्मोत्सव को मनाया.

जानकी मंदिर
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Published : May 20, 2021, 3:26 PM IST

सीतामढ़ी: वैश्विक महामारी कोरोना वायरस को लेकर बिहार सरकार ने पूरे प्रदेश में लॉकडाउन लगा दिया है. इस कोरोना वायरस का प्रभाव आस्था पर भी देखने को मिल रहा है. कोरोना वायरस के कारण पिछली बार की तरह इस बार भी जगत जननी मां जानकी के जन्मोत्सव को लेकर माता जानकी के कपाट को भक्तों के दर्शन के लिए नहीं खोला गया.
इसे भी पढ़ें: लॉकडाउन के कारण इतिहास में पहली बार नहीं हुआ रामनवमी और जानकी जन्मोत्सव का आयोजन

लोगों ने अपने घरों में मनाया जानकी जन्मोत्सव
जिले के लोगों ने अपने-अपने घरों में ही जगत जननी मां जानकी का जन्मोत्सव मनाया. रामायण काल में धार्मिक ग्रंथों में उल्लेख है कि माता जानकी का जन्म राजा जनक के हल चलाने के दौरान पुनौरा धाम में हुआ था. माता जानकी धरती से प्रकट हुई थी. तभी से जिले में जानकी जन्मोत्सव मनाया जाता है.

ये भी पढ़ें: सीतामढ़ी में कोरोना ने जानकी जन्मोत्सव के उमंग को भी किया फीका

कोरोना के कारण बंद रहा कपाट
लॉकडाउन के कारण लोग अपने-अपने घरों में बंद है. वहीं जानकी जन्मोत्सव पर भी इसका असर देखने को मिला है. जानकी जन्मोत्सव के अवसर पर लाखों की संख्या में श्रद्धालु माता जानकी के दर्शन के लिए जानकी मंदिर और पुनौरा धाम आते थे. सुबह से लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ रहती थी. लेकिन कोविड-19 पिछले वर्ष से जानकी जन्मोत्सव में माता जानकी मंदिर के कपाट और पुनौरा धाम के कपाट भक्तों के दर्शन के लिए नहीं खोला जा रहा है. जदयू नेता नरेंद्र झा ने बताया की माता जानकी जल्द ही समस्त भारत को कोविड-19 के महामारी से बचाएगी. जिससे लोग पूर्व की तरह ही अपने-अपने कार्यों का निष्पादन करेंगे.

सीतामढ़ी: वैश्विक महामारी कोरोना वायरस को लेकर बिहार सरकार ने पूरे प्रदेश में लॉकडाउन लगा दिया है. इस कोरोना वायरस का प्रभाव आस्था पर भी देखने को मिल रहा है. कोरोना वायरस के कारण पिछली बार की तरह इस बार भी जगत जननी मां जानकी के जन्मोत्सव को लेकर माता जानकी के कपाट को भक्तों के दर्शन के लिए नहीं खोला गया.
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लोगों ने अपने घरों में मनाया जानकी जन्मोत्सव
जिले के लोगों ने अपने-अपने घरों में ही जगत जननी मां जानकी का जन्मोत्सव मनाया. रामायण काल में धार्मिक ग्रंथों में उल्लेख है कि माता जानकी का जन्म राजा जनक के हल चलाने के दौरान पुनौरा धाम में हुआ था. माता जानकी धरती से प्रकट हुई थी. तभी से जिले में जानकी जन्मोत्सव मनाया जाता है.

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कोरोना के कारण बंद रहा कपाट
लॉकडाउन के कारण लोग अपने-अपने घरों में बंद है. वहीं जानकी जन्मोत्सव पर भी इसका असर देखने को मिला है. जानकी जन्मोत्सव के अवसर पर लाखों की संख्या में श्रद्धालु माता जानकी के दर्शन के लिए जानकी मंदिर और पुनौरा धाम आते थे. सुबह से लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ रहती थी. लेकिन कोविड-19 पिछले वर्ष से जानकी जन्मोत्सव में माता जानकी मंदिर के कपाट और पुनौरा धाम के कपाट भक्तों के दर्शन के लिए नहीं खोला जा रहा है. जदयू नेता नरेंद्र झा ने बताया की माता जानकी जल्द ही समस्त भारत को कोविड-19 के महामारी से बचाएगी. जिससे लोग पूर्व की तरह ही अपने-अपने कार्यों का निष्पादन करेंगे.

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