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बुनियादी सुविधाओं से कोसों दूर है बुनियाद केंद्र, लाभार्थी हो रहे चोटिल - लाभार्थी हो रहे परेशान

स्टेट सोसायटी फॉर अल्ट्रा पुअर एंड सोशल वेलफेयर नामक केंद्र खुलने के बावजूद भी वृद्धजनों, दिव्यांगजनों और विधवाओं को कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है. बता दें कि अनुमंडलीय बुनियाद केंद्र में सड़क मार्ग न होने के कारण लाभार्थियों को चोटिल भी होना पड़ रहा है.

बुनियाद केंद्र
बुनियाद केंद्र
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Published : Mar 13, 2021, 12:45 PM IST

सीतामढ़ी: बिहार सरकार की ओर से वृद्धजनों, दिव्यांगजनों और विधवाओं के लिए सामाजिक सुरक्षा और उनकी सामाजिक देखभाल से संबंधित समस्याओं पर कई तरह की सेवाएं देने के लिए बुनियाद केंद्र की स्थापना कराई गई है. जिसका नाम स्टेट सोसायटी फॉर अल्ट्रा पुअर एंड सोशल वेलफेयर है. लेकिन सच तो यह है कि सरकारी उदासीनता के कारण संचालित हो रहा बुनियाद केंद्र खुद बुनियादी सुविधाओं से कोसों दूर है. जिसका खामियाजा केंद्र में आने वाले लाभार्थियों को भुगतना पड़ रहा है.

अनुमंडलीय बुनियाद केंद्र.
अनुमंडलीय बुनियाद केंद्र.

इसे भी पढ़ें: सुपौल में एक ही परिवार के 5 लोगों ने फांसी लगाकर की आत्महत्या

लाभार्थी होते हैं चोटिल
बेलसंड अनुमंडल स्थित बुनियाद केंद्र तक पहुंचने के लिए कोई सड़क मार्ग नहीं होने के कारण वृद्धजनों, दिव्यांगजनों और विधवाओं को आने-जाने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. खेतों और गड्ढों से आने-जाने के दौरान लाभार्थी गिरकर चोटिल हो जाते हैं. लेकिन इस समस्या के समाधान की दिशा में कोई पहल नहीं किया जा रहा है. जिस कारण लाभार्थियों में काफी नाराजगी व्याप्त है.

सड़क का अभाव.
सड़क का अभाव.

जानिए कौन-कौन ले सकते हैं बुनियाद केंद्र की सुविधाएं

बुनियाद केंद्र में वृद्धजनों के लिए उपलब्ध सुविधाएं

  • आवश्यक कानूनी और अन्य प्रकार के परामर्श और सलाह.
  • फिजियोथेरेपी.
  • वॉक और कान संबंधी जांच उचित निदान और हस्तक्षेप.
  • आंखों की जांच और उनके इलाज के लिए परामर्श.
  • शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य की देखभाल और आवश्यक परामर्श.
  • कृत्रिम अंग और सहायक उपकरण संबंधित सुविधाएं.
  • रेफरल सेवाएं.
  • सामाजिक सुरक्षा पेंशन और सामाजिक सुरक्षा के अन्य कार्यक्रम से संबंधित योजनाओं का लाभ प्राप्त करने के लिए मार्गदर्शन.
    केंद्र पहुंचे लाभार्थी.
    केंद्र पहुंचे लाभार्थी.

बुनियाद केंद्र में दिव्यांगजनों के लिए उपलब्ध सुविधाएं

  • फिजियोथेरेपी.
  • विकलांगता से संबंधित समस्याओं का आकलन और प्रमाणीकरण में सहयोग.
  • शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य की देखभाल.
  • विभिन्न प्रकार की विकलांगताओं का आकलन और निदान के लिए आवश्यक सहायक उपकरण की व्यवस्था और भौतिक पुनर्वास से संबंधित आवश्यक उपाय.
  • रोजगार संबंधी मार्गदर्शन.
  • फॉलोअप और रेफरल सुविधाएं.
  • विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ प्राप्त करने के लिए मार्गदर्शन.

बुनियाद केंद्र में विधवाओं के लिए उपलब्ध सुविधाएं

  • आवश्यक कानूनी और भावनात्मक परामर्श.
  • विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ प्राप्त करने के लिए मार्गदर्शन.

    सड़क का अभाव.
    सड़क का अभाव.

चिकित्सक और कर्मियों को भी होती हैं परेशानियां
अनुमंडलीय बुनियाद केंद्र में सड़क मार्ग न होने के कारण लाभार्थियों के अलावा बुनियाद केंद्र में कार्यरत चिकित्सक और कर्मियों को केंद्र तक पहुंचने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है.

इस बुनियाद केंद्र तक पहुंचने के लिए कोई सड़क मार्ग नहीं है. केंद्र के चारों तरफ जलजमाव बना रहता है. खासकर बारिश के दिनों में लाभार्थी केंद्र तक नहीं पहुंच पाते हैं. खेतों और गड्ढों से चलकर आने के दौरान वृद्धजन, दिव्यांगजन और विधवा महिलाएं गिरकर चोटिल हो जाती हैं. इस समस्या के समाधान के लिए कई बार जिलाधिकारी, अनुमंडल पदाधिकारी सहित अन्य पदाधिकारी से पत्राचार किया जा चुका है. लेकिन अब तक इस विकट समस्या का समाधान नहीं किया जा सका है, जो बेहद ही दु:खद है. -डॉक्टर सुजीत, वरीय भौतिक चिकित्सक, बुनियाद केंद्र

सीतामढ़ी: बिहार सरकार की ओर से वृद्धजनों, दिव्यांगजनों और विधवाओं के लिए सामाजिक सुरक्षा और उनकी सामाजिक देखभाल से संबंधित समस्याओं पर कई तरह की सेवाएं देने के लिए बुनियाद केंद्र की स्थापना कराई गई है. जिसका नाम स्टेट सोसायटी फॉर अल्ट्रा पुअर एंड सोशल वेलफेयर है. लेकिन सच तो यह है कि सरकारी उदासीनता के कारण संचालित हो रहा बुनियाद केंद्र खुद बुनियादी सुविधाओं से कोसों दूर है. जिसका खामियाजा केंद्र में आने वाले लाभार्थियों को भुगतना पड़ रहा है.

अनुमंडलीय बुनियाद केंद्र.
अनुमंडलीय बुनियाद केंद्र.

इसे भी पढ़ें: सुपौल में एक ही परिवार के 5 लोगों ने फांसी लगाकर की आत्महत्या

लाभार्थी होते हैं चोटिल
बेलसंड अनुमंडल स्थित बुनियाद केंद्र तक पहुंचने के लिए कोई सड़क मार्ग नहीं होने के कारण वृद्धजनों, दिव्यांगजनों और विधवाओं को आने-जाने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. खेतों और गड्ढों से आने-जाने के दौरान लाभार्थी गिरकर चोटिल हो जाते हैं. लेकिन इस समस्या के समाधान की दिशा में कोई पहल नहीं किया जा रहा है. जिस कारण लाभार्थियों में काफी नाराजगी व्याप्त है.

सड़क का अभाव.
सड़क का अभाव.

जानिए कौन-कौन ले सकते हैं बुनियाद केंद्र की सुविधाएं

बुनियाद केंद्र में वृद्धजनों के लिए उपलब्ध सुविधाएं

  • आवश्यक कानूनी और अन्य प्रकार के परामर्श और सलाह.
  • फिजियोथेरेपी.
  • वॉक और कान संबंधी जांच उचित निदान और हस्तक्षेप.
  • आंखों की जांच और उनके इलाज के लिए परामर्श.
  • शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य की देखभाल और आवश्यक परामर्श.
  • कृत्रिम अंग और सहायक उपकरण संबंधित सुविधाएं.
  • रेफरल सेवाएं.
  • सामाजिक सुरक्षा पेंशन और सामाजिक सुरक्षा के अन्य कार्यक्रम से संबंधित योजनाओं का लाभ प्राप्त करने के लिए मार्गदर्शन.
    केंद्र पहुंचे लाभार्थी.
    केंद्र पहुंचे लाभार्थी.

बुनियाद केंद्र में दिव्यांगजनों के लिए उपलब्ध सुविधाएं

  • फिजियोथेरेपी.
  • विकलांगता से संबंधित समस्याओं का आकलन और प्रमाणीकरण में सहयोग.
  • शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य की देखभाल.
  • विभिन्न प्रकार की विकलांगताओं का आकलन और निदान के लिए आवश्यक सहायक उपकरण की व्यवस्था और भौतिक पुनर्वास से संबंधित आवश्यक उपाय.
  • रोजगार संबंधी मार्गदर्शन.
  • फॉलोअप और रेफरल सुविधाएं.
  • विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ प्राप्त करने के लिए मार्गदर्शन.

बुनियाद केंद्र में विधवाओं के लिए उपलब्ध सुविधाएं

  • आवश्यक कानूनी और भावनात्मक परामर्श.
  • विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ प्राप्त करने के लिए मार्गदर्शन.

    सड़क का अभाव.
    सड़क का अभाव.

चिकित्सक और कर्मियों को भी होती हैं परेशानियां
अनुमंडलीय बुनियाद केंद्र में सड़क मार्ग न होने के कारण लाभार्थियों के अलावा बुनियाद केंद्र में कार्यरत चिकित्सक और कर्मियों को केंद्र तक पहुंचने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है.

इस बुनियाद केंद्र तक पहुंचने के लिए कोई सड़क मार्ग नहीं है. केंद्र के चारों तरफ जलजमाव बना रहता है. खासकर बारिश के दिनों में लाभार्थी केंद्र तक नहीं पहुंच पाते हैं. खेतों और गड्ढों से चलकर आने के दौरान वृद्धजन, दिव्यांगजन और विधवा महिलाएं गिरकर चोटिल हो जाती हैं. इस समस्या के समाधान के लिए कई बार जिलाधिकारी, अनुमंडल पदाधिकारी सहित अन्य पदाधिकारी से पत्राचार किया जा चुका है. लेकिन अब तक इस विकट समस्या का समाधान नहीं किया जा सका है, जो बेहद ही दु:खद है. -डॉक्टर सुजीत, वरीय भौतिक चिकित्सक, बुनियाद केंद्र

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