सीतामढ़ी: जिले में बाढ़ ने जमकर तबाही मचायी थी और उस तबाही में जिले का 16 प्रखंड प्रभावित थे. हजारों हेक्टेयर में लगी धान की फसल के अलावा गन्ना, मक्का व सब्जी की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई थी. अब जिले से बाढ़ का पानी निकल चुका है और जिंदगी धीरे-धीरे पटरी पर लौट रही है तो अब ऐसे में बाढ़ पीड़ित किसानों की सुध लेने के लिए जिला प्रशासन का कहीं अता-पता नहीं हैं.
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जिला प्रशासन ने की थी घोषणा
जब जिले में बाढ़ ने तांडव मचा रखा था, उस समय जिला प्रशासन ने बाढ़ प्रभावित किसानों के जख्म पर मरहम लगाते हुए घोषणा की थी कि बाढ़ पीड़ितों की हरसंभव सहायता व सहयोग के लिए जिला प्रशासन खड़ा है. हर बाढ़ पीड़ित किसानों को फसल क्षतिपूर्ति की राशि दी जाएगी. बकायदा इसके लिए प्रखंड स्तर पर एक सर्वे कर पीड़ित किसानों को चिन्हित कर फसल क्षतिपूर्ति की राशि भुगतान करना था, लेकिन कृषि विभाग की उदासीनता के कारण अब ये सभी बातें ख्याली पुलाव लगने लगी हैं.
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मदद की आस में बैठै हैं किसान
इस मामले पर जब ईटीवी की टीम जिले के किसानों की सुध लेने पहुंची. तो किसानों ने कहा कि बाढ़ में धान, गन्ना मक्का सहित सभी फसलें बर्बाद हो गई थीं. सरकार से मदद की आस जागी थी लेकिन अब तक सर्वे का काम भी शुरू नहीं किया गया है. किसानों का कहना है की हमें यह भी मालूम नहीं है कि फसल क्षति की राशि किस माध्यम से मिलेगी.
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किसानों में बढ़ रहा आक्रोश
जिले के परसौनी, रुनीसैदपुर, बेलसंड और कई अन्य प्रखंडों में अब तक कृषि सलाहकार और कृषि समन्वयक की ओर से पंचायतों और गांव में पीड़ित किसानों को इस मामले में कोई जानकारी नहीं दी गई है. जिससे किसानों में व्यापक असंतोष है. प्रखंड के मदनपुर गांव निवासी किसान रामलोचन सहनी और रामचंद्र बैठा का कहना है कि हमलोगों को कुछ नहीं मालूम है. हमलोगों की किसी ने अब तक सुध नहीं ली है.
बाढ़ प्रभावित प्रखंडों में चल रहा है सर्वे का काम- कृषि पदाधिकारी
वहीं, इस मामले पर जिले के कृषि पदाधिकारी अनील कुमार का कहना है कि जिले के सभी बाढ़ प्रभावित प्रखंडों में सर्वे का काम चल रहा है. सर्वे का काम पूरे होने पर उसकी रिपोर्ट संबंधित विभाग को भेजी जाएगी. जिसके बाद प्रभावित किसानों के खाते में फसल क्षति की राशि भेज दी जाएगी.