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सीतामढ़ी: अनुदान राशि की आस में पथराई किसानों की आंखें, जिला प्रशासन बेपरवाह

बाढ़ और सुखाड़ क्षेत्रों के पीड़ित 91 हजार किसानों ने कृषि इनपुट अनुदान योजना के तहत सरकारी सहायता राशि के लिए ऑनलाइन आवेदन जमा किया था. लेकिन आवेदन करने के महीनों बाद भी किसानों को योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है.

अनुदान राशि की आस में किसान
अनुदान राशि की आस में किसान
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Published : Feb 10, 2020, 4:41 PM IST

सीतामढ़ी: मौसम में बदलाव के कारण फसलों की क्षति स्थिति को देखते हुए सरकार ने कृषि इनपुट अनुदान योजना का शुभारंभ किया था. लेकिन विभागीय उदासीनता की वजह से किसानों को आवेदन करने के बाद भी इस योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है. जिस वजह से जिले के पीड़ित किसानों में निराशा देखी जा रही है.

'2 महीने पहले किया था आवेदन'
इस मामले पर पीड़ित किसानों ने कहा कि बाढ़ और सुखाड़ क्षेत्रों के पीड़ित 91 हजार किसानों ने सरकारी सहायता राशि के लिए कृषि इनपुट अनुदान योजना के तहत ऑनलाइन आवेदन जमा किया था. लेकिन आवेदन के 2 महीने बीतने के बाद भी अधिकांश किसानों को योजना की राशि नहीं मिल पाई है. हालांकि, विभाग ने खानापूर्ति करते हुए अलग-अलग प्रखंडों और पंचायतों के कुछ किसानों के खाते में योजना की राशि भेजी है. जो डूबते के लिए तिनके का सहारा साबित हो रहा है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

जल्द मिलेगा लाभ- कृषि अधिकारी
वहीं, इस मामले पर जब ईटीवी भारत संवाददाता ने जिला कृषि अधिकारी से सवाल पूछा तो उन्होंने कहा कि बाढ़ और सुखाड़ के बाद जिलेभर से 91 हजार किसानों ने योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन किया था. कुछ किसानों के खाते में राशि भेजी गई है. वहीं, वंचित किसानों के खाते में राशि भेजने के प्रक्रिया जारी है. इस योजना के माध्यम से सिंचित भूमि के लिए 13 हजार 500 और असिंचित भूमि के लिए 6 हजार 500 रुपये प्रति हेक्टेयर की दर से अनुदान की राशि किसानों को दी जा रही है. उन्होंने अश्वासन दिया कि जल्द ही किसानों के खाते में अनुदान की राशि भेज दी जाएगी.

सीतामढ़ी: मौसम में बदलाव के कारण फसलों की क्षति स्थिति को देखते हुए सरकार ने कृषि इनपुट अनुदान योजना का शुभारंभ किया था. लेकिन विभागीय उदासीनता की वजह से किसानों को आवेदन करने के बाद भी इस योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है. जिस वजह से जिले के पीड़ित किसानों में निराशा देखी जा रही है.

'2 महीने पहले किया था आवेदन'
इस मामले पर पीड़ित किसानों ने कहा कि बाढ़ और सुखाड़ क्षेत्रों के पीड़ित 91 हजार किसानों ने सरकारी सहायता राशि के लिए कृषि इनपुट अनुदान योजना के तहत ऑनलाइन आवेदन जमा किया था. लेकिन आवेदन के 2 महीने बीतने के बाद भी अधिकांश किसानों को योजना की राशि नहीं मिल पाई है. हालांकि, विभाग ने खानापूर्ति करते हुए अलग-अलग प्रखंडों और पंचायतों के कुछ किसानों के खाते में योजना की राशि भेजी है. जो डूबते के लिए तिनके का सहारा साबित हो रहा है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

जल्द मिलेगा लाभ- कृषि अधिकारी
वहीं, इस मामले पर जब ईटीवी भारत संवाददाता ने जिला कृषि अधिकारी से सवाल पूछा तो उन्होंने कहा कि बाढ़ और सुखाड़ के बाद जिलेभर से 91 हजार किसानों ने योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन किया था. कुछ किसानों के खाते में राशि भेजी गई है. वहीं, वंचित किसानों के खाते में राशि भेजने के प्रक्रिया जारी है. इस योजना के माध्यम से सिंचित भूमि के लिए 13 हजार 500 और असिंचित भूमि के लिए 6 हजार 500 रुपये प्रति हेक्टेयर की दर से अनुदान की राशि किसानों को दी जा रही है. उन्होंने अश्वासन दिया कि जल्द ही किसानों के खाते में अनुदान की राशि भेज दी जाएगी.

Intro:कृषि इनपुट अनुदान के भुगतान में विलंब होने से किसानों में निराशा।


Body:जिले में बाढ़ और सुखाड़ क्षेत्रों के करीब 91 हजार किसानों ने सरकारी सहायता के लिए कृषि इनपुट अनुदान योजना के तहत अपना ऑनलाइन आवेदन जमा किया था। लेकिन 2 माह बीत जाने के बाद भी अब तक अधिकांश किसानों को उस योजना की राशि उनके खाते में नहीं भेजी गई है। लिहाजा जिले के पीड़ित किसानों में निराशा देखी जा रही है। हालांकि कृषि विभाग की ओर से जिले के अलग-अलग प्रखंडों और पंचायतों के कुछ किसानों के खाते में इस योजना की राशि जरूर भेजी गई है। जो डूबते को तिनके का सहारा साबित हो रहा है।
बाइट टू बाइट 1, कमलेश कुमार सिंह। आवेदनकर्ता किसान।
2, गुड्डू कुमार। इनपुट अनुदान की राशि से वंचित किसान। काला जैकेट में।
इस संबंध में पूछे जाने पर जिला कृषि पदाधिकारी अनिल कुमार यादव ने बताया कि बाढ़ और सुखाड़ की विभीषिका झेलने वाले जिले के करीब 91 हजार किसानों ने कृषि इनपुट योजना के लिए आवेदन किया है। जिसमें से कुछ किसानों के खाते में राशि जा चुकी है जो वंचित किसान है। उनके खाते में राशि भेजने की प्रक्रिया जारी है। सरकार की ओर से सिंचित भूमि के लिए 13500 और असिंचित भूमि के लिए 6500 प्रति हेक्टेयर की दर से अनुदान की राशि किसानों को दी जा रही है। बहुत जल्द ही वंचित किसानों के खाते में इस अनुदान की राशि भेज दी जाएगी।
बाइट 3, अनिल कुमार यादव। जिला कृषि पदाधिकारी सीतामढ़ी।


Conclusion:पी टू सी ---राहुल देव सोलंकी।सीतामढ़ी।
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