सीतामढ़ी: डीएम अभिलाषा कुमारी शर्मा ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भारत सरकार के सचिव कौशल विकास के साथ बैठक की. इस दौरान उन्होंने कहा कि जिले में विभिन्न राज्यों से आए श्रमिकों के स्किल मैपिंग के बाद उन्हें रोजगार उपलब्ध कराने के लिए बनाई गई कार्ययोजना पर तेजी से अमल किया जा रहा है. 29 हजार 500 श्रमिकों का स्कील मैपिंग किया गया है. जिसमें लगभग 10 हजार रेडीमेड गारमेंट्स, लेदर वर्क आदि और 10 हजार कंस्ट्रक्शन वर्क से जुड़े हुए हैं.
निर्माण के लिए कलस्टर का प्रस्ताव
डीएम ने कहा कि लगभग 10 हजार श्रमिकों का जॉब कार्ड बनाया गया है. जिन्हें मनरेगा, जल जीवन हरियाली आदि योजनाओं के अंतर्गत रोजगार उपलब्ध करवाया जा रहा है. श्रमिकों को रोजगार से जोड़ने के लिए राज्य सरकार और केंद्र सरकार को कलस्टर का प्रस्ताव भेजा गया है. राज्य सरकार को परिहार में कपड़ा और साड़ी पर जरी कार्य के लिए लघु क्लस्टर का प्रस्ताव भेजा गया है.
जिसमें लगभग 400 रोजगार सृजन की संभावना है. सुरसंड और पुपरी में कशीदाकारी से संबंधित लघु कलस्टर, बथनाहा में सिलाई से संबंधित लघु क्लस्टर, रुन्नीसैदपुर में सिलाई से संबंधित लघु कलस्टर और सीतामढ़ी औद्योगिक क्षेत्र में रेडीमेड गारमेंट्स का एक मेगा कलस्टर के साथ ही सीतामढ़ी औद्योगिक क्षेत्र में ही चमड़े का बेल्ट, पर्स, जूता और चप्पल के निर्माण के लिए कलस्टर का प्रस्ताव भेजा गया है.
10 हजार रोजगार सृजन की संभावना
डीएम ने इन सभी कलस्टरों में लगभग 10 हजार रोजगार सृजन की संभावना है. जिसमें अनुमानित लागत लगभग 10 करोड़ रुपये संभावित है. भारत सरकार को भी परिहार में जड़ी वर्क के लिए और सीतामढ़ी में सीकी वर्क के लिए क्लस्टर का प्रस्ताव भेजा गया है. जिसमें लगभग 500 रोजगार सृजन की संभावना है. इसके अतिरिक्त जिले के सभी सरकारी भवनों और पूनोराधाम मंदिर परिसर में मधुबनी पेंटिंग चित्रकला से सुसज्जित किया जाएगा.
बता दें डीएम अभिलाषा कुमारी शर्मा ने कपड़ा मंत्रालय भारत सरकार के अंतर्गत विकास आयुक्त का कार्यालय है. क्राफ्ट्स के सहायक निर्देशक को पत्र लिखकर इस कार्य के लिए अनुरोध किया गया था. जिसकी स्वीकृति संबंधित पत्र जिला प्रशासन को प्राप्त हो गई है.
आर्थिक संकट झेल रहे श्रमिक
इस पेंटिंग कार्य के प्रारंभ होने से कोरोना महामारी के इस संकट काल में आर्थिक संकट झेल रहे श्रमिक सहित अन्य लोगों के लिए भी बड़े पैमाने पर रोजगार उत्पन्न हो सकेगा. कोरोना महामारी के कारण जिले के हजारों श्रमिक, जो बिहार के बाहर अन्य राज्यों में कार्य कर रहे थे, उनकी वापसी हुई है. इनमें से ज्यादा श्रमिक लुधियाना, सूरत, दिल्ली, मुंम्बई आदि शहरों से आये हैं. जिनमें काफी संख्या में दक्ष लोग भी हैं. जो वर्तमान में आर्थिक संकट से गुजर रहे हैं.
श्रमिकों की स्किल मैपिंग
सरकार के निर्देश के आलोक में सभी श्रमिकों का स्किल मैपिंग कराई गई है. जिनमें ज्यादा संख्या रेडीमेड गारमेंट्स, लेदर वर्क, कंस्ट्रक्शन वर्क आदि में दक्ष श्रमिक हैं. जिला प्रशासन ने स्किल मैपिंग के बाद इन सभी श्रमिकों के दक्षता में प्रवीणता लाने के लिए इन्हें प्रशिक्षण देने का भी प्लान किया है. एटीडीसी, आरसेटी, बीएसडीएम, एसडीआईटी के माध्यम से श्रमिकों की दक्षता में प्रवीणता लाने और उन्हें प्रोफेशनल रूप प्रदान के लिए प्रशिक्षण कार्य योजना भी बनाई गई है.