सीतामढ़ी: बिहार में पंचायत चुनाव (Bihar Panchayat Election) चल रहा है. लोग विभिन्न पदों के लिए अपना नामांकन (Nomination For Panchayat Election) करा रहे हैं और प्रत्याशी के रूप में जनता के बीच जा रहे हैं. इस दौरान कई ऐसे मामले सामने आ रहे हैं, जिनमें रिश्तों के बीच चुनावी जंग छिड़ी है. बेटी अपनी सगी मां को चुनौती दे रही है तो भाई-भाई आमने-सामने हैं.
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बिहार के सीतामढ़ी जिले में कई ऐसे प्रत्याशी हैं, जिनकी सोशल मीडिया पर चर्चा हो रही है. चोरौत प्रखंड के यदूपट्टी पंचायत से शकीला हुसैन और उनकी बेटी अनीशा हुसैन ने मुखिया पद के लिए पर्चा दाखिल किया है. मां-बेटी मुखिया पद के लिए चुनावी जंग में आमने-सामने हैं. अब तक के पंचायत चुनाव में जिले में पहला ऐसा मामला है जहां मुखिया पद के लिए मां और बेटी के बीच लड़ाई हो रही है. दोनों लोगों के बीच जा रहीं हैं और अपने पक्ष में वोट देने की अपील कर रहीं हैं. इस दौरान इनके बीच पारंपरिक प्रतिद्वंदी जैसी टक्कर भी दिख रही है.
ऐसा ही मामला चोरौत प्रखंड के चोरौत पूर्वी पंचायत का भी है. यहां मुखिया पद के लिए दो सगे भाई आमने-सामने हैं. रामनरेश चौधरी और रामप्रवेश चौधरी ने मुखिया पद के चुनाव के लिए नामांकन दाखिल किया है. भाई-भाई में पंचायत चुनाव की जंग 2001 से जारी है. 2001 में रामनरेश चौधरी ने अपने भाई रामप्रवेश चौधरी को हराकर मुखिया पद पर कब्जा जमाया है.
2006 और 2011 में मुखिया पद अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित होने के कारण दोनों भाई चुनाव नहीं लड़ सके थे. 2011 में पूर्व मुखिया रामनरेश चौधरी ने अपनी पत्नी ज्योति चौधरी को पंचायत समिति सदस्य के पद पर नामांकन कराया और उनकी जीत हुई. वहीं, 2016 के चुनाव में रामप्रवेश चौधरी ने अपने बड़े भाई रामनरेश चौधरी को हराकर मुखिया पद पर जीत दर्ज की. यहां 29 सितंबर को मतदान होना है. अब देखना है कि इस बार के चुनाव में मां-बेटी और सगे भाइयों की जंग में किस-किस को जीत मिलती है.
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