सीतामढ़ी: बिहार केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन की तीन दिवसीय हड़ताल का व्यापक असर देखने को मिल रहा है. इस हड़ताल के कारण जिले की सभी 2000 दुकानें बुधवार को बंद नजर आईं. जिस कारण मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. हड़ताल में थोक और खुदरा दुकानों के दुकानदार शामिल हैं.
सभी दवा दुकानदार फार्मासिस्ट की उपलब्धता और तकनीकी के नाम पर विभागीय उत्पीड़न और शोषण का आरोप लगा रहे हैं. हड़ताल के जरिए वे इसके खिलाफ अपना विरोध जता रहे हैं. हड़ताल के कारण जिले में करीब 3 दिनों के भीतर 50 करोड़ का कारोबार प्रभावित होने की संभावना है.
पर्चा लेकर भटक रहे मरीज
दुकानें बंद होने के कारण सरकारी और निजी अस्पतालों में इलाजरत मरीज दवा की खोज में दर-दर भटक रहे हैं. लेकिन, उन्हें दवाईयां नहीं मिल रही हैं. वहीं, जिला केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष मनोज कुमार सिंह ने बताया कि सरकार की गलत नीति के कारण लाचार होकर उन्होंने ये कदम उठाया है. इसके बावजूद भी अगर सरकार उनकी नहीं सुनती है तो वे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने को मजबूर हो जाएंगे.
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सीतामढ़ी में खुली हैं ये दुकानें
बता दें कि केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के आह्वान पर सभी प्रखंड मुख्यालय में एक-एक और जिला मुख्यालय में 3 दवा दुकानें खोले रखने का निर्णय लिया गया है. सदर अस्पताल के डॉक्टर शकील अंजुम का बताना है कि हड़ताल के मद्देनजर सभी आवश्यक दवाइयां पहले से खरीद कर रख दी गई हैं लेकिन, वहां भर्ती मरीज अस्पताल प्रबंधन के दावे को झूठा बता रहे हैं.