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केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन हड़ताल: दवा दुकानें बंद, बढ़ी मरीजों की परेशानी

दुकानें बंद होने के कारण सरकारी और निजी अस्पतालों में इलाजरत मरीज दवा की खोज में दर-दर भटक रहे हैं. लेकिन, उन्हें दवाईयां नहीं मिल रही हैं.

दवाई दुकानें बंद
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Published : Jan 22, 2020, 5:47 PM IST

Updated : Jan 22, 2020, 8:04 PM IST

सीतामढ़ी: बिहार केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन की तीन दिवसीय हड़ताल का व्यापक असर देखने को मिल रहा है. इस हड़ताल के कारण जिले की सभी 2000 दुकानें बुधवार को बंद नजर आईं. जिस कारण मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. हड़ताल में थोक और खुदरा दुकानों के दुकानदार शामिल हैं.

सभी दवा दुकानदार फार्मासिस्ट की उपलब्धता और तकनीकी के नाम पर विभागीय उत्पीड़न और शोषण का आरोप लगा रहे हैं. हड़ताल के जरिए वे इसके खिलाफ अपना विरोध जता रहे हैं. हड़ताल के कारण जिले में करीब 3 दिनों के भीतर 50 करोड़ का कारोबार प्रभावित होने की संभावना है.

देखें पूरी रिपोर्ट

पर्चा लेकर भटक रहे मरीज
दुकानें बंद होने के कारण सरकारी और निजी अस्पतालों में इलाजरत मरीज दवा की खोज में दर-दर भटक रहे हैं. लेकिन, उन्हें दवाईयां नहीं मिल रही हैं. वहीं, जिला केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष मनोज कुमार सिंह ने बताया कि सरकार की गलत नीति के कारण लाचार होकर उन्होंने ये कदम उठाया है. इसके बावजूद भी अगर सरकार उनकी नहीं सुनती है तो वे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने को मजबूर हो जाएंगे.

ये भी पढ़ें: 'पीके और पवन वर्मा को कोई समस्या है तो उन्हें फोरम में बोलना चाहिए'- वशिष्ठ नारायण

सीतामढ़ी में खुली हैं ये दुकानें
बता दें कि केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के आह्वान पर सभी प्रखंड मुख्यालय में एक-एक और जिला मुख्यालय में 3 दवा दुकानें खोले रखने का निर्णय लिया गया है. सदर अस्पताल के डॉक्टर शकील अंजुम का बताना है कि हड़ताल के मद्देनजर सभी आवश्यक दवाइयां पहले से खरीद कर रख दी गई हैं लेकिन, वहां भर्ती मरीज अस्पताल प्रबंधन के दावे को झूठा बता रहे हैं.

सीतामढ़ी: बिहार केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन की तीन दिवसीय हड़ताल का व्यापक असर देखने को मिल रहा है. इस हड़ताल के कारण जिले की सभी 2000 दुकानें बुधवार को बंद नजर आईं. जिस कारण मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. हड़ताल में थोक और खुदरा दुकानों के दुकानदार शामिल हैं.

सभी दवा दुकानदार फार्मासिस्ट की उपलब्धता और तकनीकी के नाम पर विभागीय उत्पीड़न और शोषण का आरोप लगा रहे हैं. हड़ताल के जरिए वे इसके खिलाफ अपना विरोध जता रहे हैं. हड़ताल के कारण जिले में करीब 3 दिनों के भीतर 50 करोड़ का कारोबार प्रभावित होने की संभावना है.

देखें पूरी रिपोर्ट

पर्चा लेकर भटक रहे मरीज
दुकानें बंद होने के कारण सरकारी और निजी अस्पतालों में इलाजरत मरीज दवा की खोज में दर-दर भटक रहे हैं. लेकिन, उन्हें दवाईयां नहीं मिल रही हैं. वहीं, जिला केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष मनोज कुमार सिंह ने बताया कि सरकार की गलत नीति के कारण लाचार होकर उन्होंने ये कदम उठाया है. इसके बावजूद भी अगर सरकार उनकी नहीं सुनती है तो वे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने को मजबूर हो जाएंगे.

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सीतामढ़ी में खुली हैं ये दुकानें
बता दें कि केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के आह्वान पर सभी प्रखंड मुख्यालय में एक-एक और जिला मुख्यालय में 3 दवा दुकानें खोले रखने का निर्णय लिया गया है. सदर अस्पताल के डॉक्टर शकील अंजुम का बताना है कि हड़ताल के मद्देनजर सभी आवश्यक दवाइयां पहले से खरीद कर रख दी गई हैं लेकिन, वहां भर्ती मरीज अस्पताल प्रबंधन के दावे को झूठा बता रहे हैं.

Intro:तीन दिवसीय दवा दुकान हड़ताल का जिले में व्यापक असर दवा के अभाव में हजारों लोग परेशान।


Body:बिहार केमिस्ट एंड ड्रजिस्ट एसोसिएशन का तीन दिवसीय हड़ताल का व्यापक असर जिले में देखने को मिल रहा है। इस हड़ताल के कारण जिले की सभी 2000 दुकाने बंद कर दिया गया है। जिस कारण मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हड़ताल में थोक और खुदरा दुकानों के दुकानदार शामिल हैं। जो फार्मासिस्ट की उपलब्धता एवं तकनीकी के नाम पर विभागीय उत्पीड़न और शोषण का आरोप लगाकर अपना विरोध जता रहे हैं। इस हड़ताल के कारण जिले में करीब 3 दिनों के भीतर 50 करोड़ का कारोबार प्रभावित होगा। दवा नहीं मिल पाने के कारण सरकारी और निजी अस्पतालों में इलाज करा रहे हजारों मरीज दवा की खोज में दर-दर भटक रहे हैं। लेकिन उन्हें जान बचाने के लिए जीवन रक्षक दवाइयां नहीं मिल पा रही है।
बाइट-टू बाइट 1 राम बहादुर सिंह मरीज। और उमेश कुमार मरीज के परिजन। जैकेट में।
जिला केमिस्ट एंड ड्रजिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष मनोज कुमार सिंह ने बताया कि सरकार की गलत नीति के कारण लाचार होकर यह कदम उठाना पड़ा है। इसके बावजूद भी अगर सरकार हमारी मांगों पर अभिलंब विचार नहीं करती है तो आगे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे। हालांकि इस हड़ताल के कारण मरीजों को परेशानी का सामना जरूर करना पड़ रहा है। लेकिन केमिस्ट एंड ड्रजिस्ट एसोसिएशन के आह्वान पर सभी प्रखंड मुख्यालय में एक-एक और जिला मुख्यालय में तीन दवा दुकान ने खोले रखने का निर्णय लिया गया है।
बाइट 2 मनोज कुमार सिंह। जिला केमिस्ट एंड ड्रजिस्ट एसोसिएशन अध्यक्ष सीतामढ़ी।
सदर अस्पताल के डीएस डॉक्टर शकील अंजुम का बताना है कि हड़ताल के मद्देनजर सभी आवश्यक दवाइयां पूर्व से खरीद कर रख दी गई है ताकि अस्पताल में आने वाले मरीजों को मुश्किलों का सामना नहीं करना पड़े। लेकिन अस्पताल में भर्ती मरीज के परिजनों का बताना है कि डीएस का जो बताना है उसके अनुसार अभी सरकारी अस्पतालों में सभी प्रकार की आवश्यक दवाइयां नहीं मिल पा रही है।


Conclusion:पी टू सी ---राहुल देव सोलंकी।सीतामढ़ी।
Last Updated : Jan 22, 2020, 8:04 PM IST
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