ETV Bharat / state

सीतामढ़ी में शराब को लेकर वाहन पर बैठे सवारी और ड्राइवर की परिवहन विभाग कर रहा जांच - Etv Bharat News

छपरा में जहरीली शराब से मौत के बाद पुलिस सख्त हो गई है. सीतामढ़ी नगर निगम चुनाव (Sitamarhi Municipal Corporation Election) को लेकर परिवहन विभाग हरकत में आ गई है. शराब को लेकर वाहन पर बैठे सवारी और ड्राइवर की परिवहन विभाग ब्रेथलाइजर से जांच कर रही है. पढ़ें पूरी खबर...

सीतामढ़ी में शराब को लेकर वाहन पर बैठे सवारी और ड्राइवर की परिवहन विभाग कर रहा जांच
सीतामढ़ी में शराब को लेकर वाहन पर बैठे सवारी और ड्राइवर की परिवहन विभाग कर रहा जांच
author img

By

Published : Dec 25, 2022, 11:10 PM IST

सीतामढ़ी: छपरा शराब कांड (chhapra liquor case) के बाद पुलिस सख्ती से शराबबंदी का पालन कराने में जुटी है. पुलिस शराब के खिलाफ लगातार छापेमारी कर रही है. इस दौरान 28 दिसंबर को होने वाले नगर निगम चुनाव (Municipal election In Sitamarhi) को लेकर जिला प्रशासन शराब कारोबारी और शराब पीने वालों पर कड़ी कार्रवाई कर रही है. परिवहन विभाग भी लगातार शराब को लेकर चेकिंग अभियान चला रही है.

यह भी पढ़ेंः छपरा जहरीली शराब कांड: घर-घर दस्तक दे रही NHRC, टीम ने बनाई सवालों की लंबी लिस्ट


सवारियो और ड्राइवर की ब्रेथलाइजर से हो रही जांच: दरअसल जिला अधिकारी मनेश कुमार मीणा के निर्देश के बाद परिवहन विभाग के पुलिसकर्मी जिला मुख्यालय के विभिन्न चौकों पर शराब को लेकर ब्रेथालाइजर के सहारे थ्री व्हीलर पर बैठे सवारियों और ड्राइवर की जांच करते नजर आ रहे हैं. वही परिवहन विभाग के द्वारा अब तक एक भी शराबी नहीं पकड़ा गया है.



किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा शराबी: इस बाबत पूछे जाने पर यान निरीक्षक एसएन मिश्रा ने बताया कि बिहार में मद्य निषेध कानून लागू है. शराब पीने और बेचने पर पाबंदी है. सरकार और जिलाधिकारी के निर्देश पर शराब पीने वालों की लगातार विभाग के द्वारा जांच की जा रही है. यान निरीक्षक ने कहा किसी भी हाल में शराब पीने और बेचने वाले को बख्शा नहीं जाएगा. चाहे वह कितने भी प्रभावशाली लोग क्यों ना हो.

"बिहार में मद्य निषेध कानून लागू है. शराब पीने और बेचने पर पाबंदी है. सरकार और जिलाधिकारी के निर्देश पर शराब पीने वालों की लगातार विभाग के द्वारा जांच की जा रही है. यान निरीक्षक ने कहा किसी भी हाल में शराब पीने और बेचने वाले को बख्शा नहीं जाएगा चाहे वह कितने भी प्रभावशाली लोग क्यों ना हो." :- एसएन मिश्रा, यान निरीक्षक

बिहार में 2016 से शराबबंदी : बता दें कि बिहार सरकार ने 2016 में शराबबंदी कानून (Bihar Liquor Ban) लागू किया गया था. कानून के तहत शराब की बिक्री, पीने और बनाने पर प्रतिबंध है. शुरुआत में इस कानून के तहत संपत्ति कुर्क करने और उम्र कैद की सजा तक का प्रावधान था, लेकिन 2018 में संशोधन के बाद सजा में थोड़ी छूट दी गई थी. बिहार में शराबबंदी कानून लागू होने के बाद से बिहार पुलिस मुख्यालय के आंकड़ों के मुताबिक, अब तक मद्य निषेध कानून उल्लंघन से जुड़े करीब 3 लाख से ज्यादा मामले दर्ज हुए हैं.

सीतामढ़ी: छपरा शराब कांड (chhapra liquor case) के बाद पुलिस सख्ती से शराबबंदी का पालन कराने में जुटी है. पुलिस शराब के खिलाफ लगातार छापेमारी कर रही है. इस दौरान 28 दिसंबर को होने वाले नगर निगम चुनाव (Municipal election In Sitamarhi) को लेकर जिला प्रशासन शराब कारोबारी और शराब पीने वालों पर कड़ी कार्रवाई कर रही है. परिवहन विभाग भी लगातार शराब को लेकर चेकिंग अभियान चला रही है.

यह भी पढ़ेंः छपरा जहरीली शराब कांड: घर-घर दस्तक दे रही NHRC, टीम ने बनाई सवालों की लंबी लिस्ट


सवारियो और ड्राइवर की ब्रेथलाइजर से हो रही जांच: दरअसल जिला अधिकारी मनेश कुमार मीणा के निर्देश के बाद परिवहन विभाग के पुलिसकर्मी जिला मुख्यालय के विभिन्न चौकों पर शराब को लेकर ब्रेथालाइजर के सहारे थ्री व्हीलर पर बैठे सवारियों और ड्राइवर की जांच करते नजर आ रहे हैं. वही परिवहन विभाग के द्वारा अब तक एक भी शराबी नहीं पकड़ा गया है.



किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा शराबी: इस बाबत पूछे जाने पर यान निरीक्षक एसएन मिश्रा ने बताया कि बिहार में मद्य निषेध कानून लागू है. शराब पीने और बेचने पर पाबंदी है. सरकार और जिलाधिकारी के निर्देश पर शराब पीने वालों की लगातार विभाग के द्वारा जांच की जा रही है. यान निरीक्षक ने कहा किसी भी हाल में शराब पीने और बेचने वाले को बख्शा नहीं जाएगा. चाहे वह कितने भी प्रभावशाली लोग क्यों ना हो.

"बिहार में मद्य निषेध कानून लागू है. शराब पीने और बेचने पर पाबंदी है. सरकार और जिलाधिकारी के निर्देश पर शराब पीने वालों की लगातार विभाग के द्वारा जांच की जा रही है. यान निरीक्षक ने कहा किसी भी हाल में शराब पीने और बेचने वाले को बख्शा नहीं जाएगा चाहे वह कितने भी प्रभावशाली लोग क्यों ना हो." :- एसएन मिश्रा, यान निरीक्षक

बिहार में 2016 से शराबबंदी : बता दें कि बिहार सरकार ने 2016 में शराबबंदी कानून (Bihar Liquor Ban) लागू किया गया था. कानून के तहत शराब की बिक्री, पीने और बनाने पर प्रतिबंध है. शुरुआत में इस कानून के तहत संपत्ति कुर्क करने और उम्र कैद की सजा तक का प्रावधान था, लेकिन 2018 में संशोधन के बाद सजा में थोड़ी छूट दी गई थी. बिहार में शराबबंदी कानून लागू होने के बाद से बिहार पुलिस मुख्यालय के आंकड़ों के मुताबिक, अब तक मद्य निषेध कानून उल्लंघन से जुड़े करीब 3 लाख से ज्यादा मामले दर्ज हुए हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.