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सीतामढ़ी: ईंट उद्योग संचालक कर रहे लॉकडाउन का उल्लंघन, पुलिस पर मिलीभगत का आरोप

लॉकडाउन के बीच सीतामढ़ी के कई इलाकों में ईंट उद्योग का धड़ल्ले से संचालन हो रहा है. वहीं, लोगों का आरोप है कि पुलिस सबकुछ जानकर भी चुप्पी साधे हुई है.

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Published : Apr 3, 2020, 6:08 PM IST

brick industry
brick industry

सीतामढ़ी: कोरोना वायरस को लेकर पूरे देश में लॉकडाउन किया गया है. 22 मार्च से 14 अप्रैल तक सभी को इसका अनुपालन करना है. इसके बावजूद जिले में ईट उद्योग लगातार संचालित हैं. संचालक लॉकडाउन नियम का उल्लंघन कर रहे है. वहीं, शिकायत करने के बावजूद ईंट उद्योग संचालकों पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है.

खतरा पैदा कर सकती है लापरवाही

लिहाजा रात के अंधेरे में अधिकांश ईट उद्योग धड़ल्ले से चालू हैं. यहां सोशल डिस्टेंसिंग की भी धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. अन्य प्रदेशों से आए मजदूरों से खूब काम लिया जा रहा है जो कोरोना की इस वैश्विक विपदा में अधिक खतरा पैदा कर सकता है. यह लापरवाही गंभीर रूप ले सकती है.

ईंट उद्योग संचालक
धड़ल्ले से चल रहा ईंट उद्योग

‘पुलिस की मिलीभगत से चल रहा धंधा‘
स्थानीय सूत्रों का बताना है कि जिले के सुरसंड और परिहार सहित अन्य थाना क्षेत्र में कई ऐसे ईट उद्योग हैं जहां स्थानीय पुलिस की मिलीभगत से रात में मजदूरों से काम लिया जा रहा है. एक समाजसेवी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि उनके द्वारा इसकी शिकायत उच्च पदाधिकारियों से की गई. लेकिन लॉकडाउन के नौवें दिन भी ईट उद्योग संचालक पर किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गई. लिहाजा लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंस की बात ताक पर रखकर ईंट उद्योग में कामकाज खुलेआम चल रहा है.

अन्य राज्यों के प्रवासी मजदूरों से लिया जा रहा काम

वहीं, परिहार ब्लॉक के नरगा, सरदलपट्टी, बराही, पिपरा बिशनपुर इत्यादि ग्रामीण क्षेत्र में अधिकतर उद्योग सुचारू रूप से चल रहे हैं. हर उद्योग में 100 से 150 लोग काम कर रहे हैं, जिसमें 25 से 30 प्रवासी मजदूर हैं जो उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश के विभिन्न क्षेत्र से आए हुए हैं. इसके बावजूद स्थानीय प्रशासन लापरवाही बरत रहा है.

सीतामढ़ी: कोरोना वायरस को लेकर पूरे देश में लॉकडाउन किया गया है. 22 मार्च से 14 अप्रैल तक सभी को इसका अनुपालन करना है. इसके बावजूद जिले में ईट उद्योग लगातार संचालित हैं. संचालक लॉकडाउन नियम का उल्लंघन कर रहे है. वहीं, शिकायत करने के बावजूद ईंट उद्योग संचालकों पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है.

खतरा पैदा कर सकती है लापरवाही

लिहाजा रात के अंधेरे में अधिकांश ईट उद्योग धड़ल्ले से चालू हैं. यहां सोशल डिस्टेंसिंग की भी धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. अन्य प्रदेशों से आए मजदूरों से खूब काम लिया जा रहा है जो कोरोना की इस वैश्विक विपदा में अधिक खतरा पैदा कर सकता है. यह लापरवाही गंभीर रूप ले सकती है.

ईंट उद्योग संचालक
धड़ल्ले से चल रहा ईंट उद्योग

‘पुलिस की मिलीभगत से चल रहा धंधा‘
स्थानीय सूत्रों का बताना है कि जिले के सुरसंड और परिहार सहित अन्य थाना क्षेत्र में कई ऐसे ईट उद्योग हैं जहां स्थानीय पुलिस की मिलीभगत से रात में मजदूरों से काम लिया जा रहा है. एक समाजसेवी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि उनके द्वारा इसकी शिकायत उच्च पदाधिकारियों से की गई. लेकिन लॉकडाउन के नौवें दिन भी ईट उद्योग संचालक पर किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गई. लिहाजा लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंस की बात ताक पर रखकर ईंट उद्योग में कामकाज खुलेआम चल रहा है.

अन्य राज्यों के प्रवासी मजदूरों से लिया जा रहा काम

वहीं, परिहार ब्लॉक के नरगा, सरदलपट्टी, बराही, पिपरा बिशनपुर इत्यादि ग्रामीण क्षेत्र में अधिकतर उद्योग सुचारू रूप से चल रहे हैं. हर उद्योग में 100 से 150 लोग काम कर रहे हैं, जिसमें 25 से 30 प्रवासी मजदूर हैं जो उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश के विभिन्न क्षेत्र से आए हुए हैं. इसके बावजूद स्थानीय प्रशासन लापरवाही बरत रहा है.

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