सीतामढ़ी: नेपाल की ओर से छोड़े गए पानी के कारण जिले से गुजरने वाली सभी नदियां बागमती, अधवारा समूह, झीम नदी, लालबेकिया और मनुष्यमरा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. मंगलवार से सभी नदियों के जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है. जिस कारण बाढ़ का पानी अधिकांश प्रखंड क्षेत्रों में फैल चुका है.
बाढ़ के पानी से किसान के खेतों में दोबारा लगाई गई धान, गन्ना और सब्जियों की फसल पूरी तरह डूब कर बर्बाद हो गई है. जलस्तर में लगातार वृद्धि होने के कारण कई ग्रामीण क्षेत्रों में पानी का फैलाव हो चुका है. बाढ़ का पानी कई सड़कों के ऊपर से बह रही है. जिस कारण आवागमन भी बाधित हो चुका है.
नाव की व्यवस्था नहीं
दरअसल, जिले में दोबारा बाढ़ आ जाने के कारण भारी तबाही देखी जा रही है. इंसानों के साथ-साथ मवेशियों का चारा के अभाव में बुरा हाल है. कई ऐसे बाढ़ प्रभावित क्षेत्र है, जहां लोगों को आने जाने के लिए नाव की व्यवस्था नहीं कराई गई है. इसलिए बाढ़ पीड़ित अपने मवेशियों का चारा लाने के लिए टूटे पीपा पुल के टुकड़े पर सवार होकर जान जोखिम में डालकर नदी की धारा पार करते हैं और अपने मवेशियों के लिए चार जुटाते हैं. लेकिन ऐसे क्षेत्रों में जिला प्रशासन या सरकार की ओर से नाव की व्यवस्था नहीं कराई गई है. जिस कारण बाढ़ पीड़ितों में नाराजगी व्याप्त है.
नदियों के जलस्तर में हो रही वृद्धि
जिले के रीगा, सुप्पी, सोनबरसा, सुरसंड, रुनीसैदपुर, परसौनी, बेलसंड, बाजपट्टी, सहित कई प्रखंड क्षेत्रों में बाढ़ का पानी चारो तरह फैल गया है. बागमती अंडर प्रमंडल के एसडीओ और अभियंता का बताना है कि नेपाल की तराई से निकलने वाली बागमती नदी खतरे के निशान से 57 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है. वहीं इस संबंध में पूछे जाने पर जिलाधिकारी अभिलाषा कुमारी शर्मा ने बताया कि जिले से गुजरने वाली नदियों के जलस्तर में वृद्धि हो रही है.
बाढ़ के मद्देनजर बरती जा रही सतर्कता
जिसे देखते हुए सभी संबंधित पदाधिकारियों को जिम्मेदारी तय की गई है. राहत और बचाव कार्य के लिए एसडीआरएफ की टीम को तैनात किया गया है. साथ ही जिला वासियों से सतर्क और सचेत रहने की अपील की गई है. 24 घंटे होमगार्ड के जवानों को तटबंधो की निगरानी करने का आदेश दिया गया है और जलजमाव वाले क्षेत्रों में नहीं जाने की चेतावनी दी गई है. जिला प्रशासन की ओर से बाढ़ के मद्देनजर पूरी सतर्कता बरती जा रही है.