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शेखपुरा: मजदूरों से नहीं, जेसीबी से कराया जा रहा है मनरेगा का कार्य - मजदूरों को नहीं मिल रहा काम

अधिकारियों एवं संवेदकों की मिलीभगत से मनरेगा का कार्य धड़ल्ले से जेसीबी मशीन द्वारा किया जा रहा है. इसको लेकर जिला प्रशासन द्वारा संवेदक पर किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की जा रही है. जिसके कारण जिले में मजदूरों को मनरेगा के तहत रोजगार नहीं मिल रहा है.

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Published : May 23, 2021, 8:13 AM IST

शेखपुरा: अरियरी प्रखंड अंतर्गत ससबहना गांव में अधिकारियों की मिलीभगत से संवेदक के द्वारा मनरेगा का काम जेसीबी मशीन से किया जा रहा है. जिस स्थान पर मनरेगा का कार्य किया गया है, वहां पर जेसीबी के निशान भी देखे जा सकते हैं. वहीं, राज्य सरकार ने मनरेगा का कोई भी कार्य जेसीबी से कराने पर प्रतिबंध लगाया गया है. मनरेगा के सभी कार्य मनरेगा जॉब कार्ड धारक मजदूरों से ही कराये जाने हैं. लेकिन संवेदक के द्वारा खुलेआम जेसीबी मशीन से आहर का निर्माण किया जा रहा है.

ये भी पढ़ें- मोतिहारी: लॉकडाउन में 48 हजार से अधिक प्रवासी और स्थानीय श्रमिकों को मनरेगा से मिला रोजगार

मजदूरों को नहीं मिल रहा काम
इसको लेकर अधिकारियों के द्वारा भी किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की जा रही है. जेसीबी के द्वारा कार्य कराए जाने के कारण, मनरेगा जॉब कार्ड धारक मजदूरों को काम नहीं मिल पा रहा है. जिसके कारण मजबूर होकर मजदूर दूसरे राज्यों में पलायन करने पर मजबूर हैं.

अधिकांश पंचायतों की यही स्थिति
यही स्थिति जिले के अधिकांश पंचायतों की है. सभी जगहों पर मनरेगा का कार्य जेसीबी के द्वारा किया जा रहा है. वहीं, लॉकडाउन में अधिकारियों ने दावा किया था कि दूसरे राज्यों से जिले में पहुंच रहे सभी मजदूरों को मनरेगा के तहत कार्य उपलब्ध कराया जाएगा. लेकिन धरातल पर हकीकत कुछ और ही हैं.

ये भी पढ़ें- मोतिहारी: मनरेगा रोजगार रथ रवाना, रोजगार को लेकर लोगों को करेगा जागरूक

अधिकारियों पर लगे गंभीर आरोप
अब तक मनरेगा के तहत किसी भी मजदूर को कार्य उपलब्ध नहीं कराया गया है. जिसके कारण मजदूर पलायन करने पर मजबूर हैं. अधिकारियों का दावा सिर्फ खानापूर्ति बनकर ही रह गया है. वहीं, इस बारे में पूछे जाने पर अरियरी बीडीओ संजय कुमार ने बताया कि शिकायत मिलने के पश्चात मनरेगा पीओ को जांच हुए स्थल पर भेजा गया है. उसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.

शेखपुरा: अरियरी प्रखंड अंतर्गत ससबहना गांव में अधिकारियों की मिलीभगत से संवेदक के द्वारा मनरेगा का काम जेसीबी मशीन से किया जा रहा है. जिस स्थान पर मनरेगा का कार्य किया गया है, वहां पर जेसीबी के निशान भी देखे जा सकते हैं. वहीं, राज्य सरकार ने मनरेगा का कोई भी कार्य जेसीबी से कराने पर प्रतिबंध लगाया गया है. मनरेगा के सभी कार्य मनरेगा जॉब कार्ड धारक मजदूरों से ही कराये जाने हैं. लेकिन संवेदक के द्वारा खुलेआम जेसीबी मशीन से आहर का निर्माण किया जा रहा है.

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मजदूरों को नहीं मिल रहा काम
इसको लेकर अधिकारियों के द्वारा भी किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की जा रही है. जेसीबी के द्वारा कार्य कराए जाने के कारण, मनरेगा जॉब कार्ड धारक मजदूरों को काम नहीं मिल पा रहा है. जिसके कारण मजबूर होकर मजदूर दूसरे राज्यों में पलायन करने पर मजबूर हैं.

अधिकांश पंचायतों की यही स्थिति
यही स्थिति जिले के अधिकांश पंचायतों की है. सभी जगहों पर मनरेगा का कार्य जेसीबी के द्वारा किया जा रहा है. वहीं, लॉकडाउन में अधिकारियों ने दावा किया था कि दूसरे राज्यों से जिले में पहुंच रहे सभी मजदूरों को मनरेगा के तहत कार्य उपलब्ध कराया जाएगा. लेकिन धरातल पर हकीकत कुछ और ही हैं.

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अधिकारियों पर लगे गंभीर आरोप
अब तक मनरेगा के तहत किसी भी मजदूर को कार्य उपलब्ध नहीं कराया गया है. जिसके कारण मजदूर पलायन करने पर मजबूर हैं. अधिकारियों का दावा सिर्फ खानापूर्ति बनकर ही रह गया है. वहीं, इस बारे में पूछे जाने पर अरियरी बीडीओ संजय कुमार ने बताया कि शिकायत मिलने के पश्चात मनरेगा पीओ को जांच हुए स्थल पर भेजा गया है. उसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.

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