शेखपुरा: झोलाछाप डॉक्टर के द्वारा इलाज के दौरान हुई एक महिला की मौत मामले में आक्रोशित लोगों ने एनएच 333 ए बुधौली के समीप सड़क जाम कर दिया और जमकर बबाल काटा. इस दौरान आक्रोशित लोगों ने उसके निजी क्लिनिक में भी तोड़फोड़ मचाया और उक्त डॉक्टर के घर को घेर लिया. इस दौरान झोलाछाप डॉक्टर अपने परिजनों के साथ घर में दुबके रहे. मृतक महिला बुधौली स्थित देवी स्थान मुशहरी टोला के फुलौरी उर्फ श्रवण मांझी की 40 वर्षीय पत्नी मंगली देवी थी.
वहीं, सड़क जाम की सुचना पर बीडीओ मंजुल मनोहर मधुप और शेखपुरा थानाध्यक्ष अखिलेश कुमार अपने दल बल ले साथ पहुंचे और सड़क जाम कर रहे लोगों समझाने-बुझाने का प्रयास किए, लेकिन उक्त लोग मुआवजे और डॉक्टर की कार्रवाई की मांग पर अड़े रहे. जिसके बाद कुछ दलाल के माध्यम से झोलाछाप के कर्मियों से बात हुई और मुआवजे देकर मामले की रफा-दफा करने का आग्रह किया. जिसके बाद मृतक के परिजनों को अस्पताल के पास के गोदाम में बुलाया गया जहां मृतक के परिजनों ने तीन लाख रूपये का डिमांड किया.
पुलिस पर उठा सवाल
बीडीओ थानाध्यक्ष और दलालों की हस्तक्षेप के बाद दो लाख रूपये में शव का सौदा हुआ और तुरंत मृतक के परिजनों को 10 हजार रूपये दिए. जिसके बाद एनएच 333 ए को मुक्त कराया गया. इस दौरान पत्रकारों द्वारा पूछने पर बीडीओ और थानाध्यक्ष ने बताया कि दोनों पक्षों में समझौता हो गया है जिसके कारण न ही लाश का पोस्टमार्टम कराया जायेगा और न ही कोई प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी. इसी बयान से अधिकारी और पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठना शुरू हो गया.
डॉक्टर के लापरवाही के कारण महिला की मौत
मृतक के पति फुलौरी उर्फ श्रवण मांझी ने बताया कि वह अपनी पत्नी मंगली देवी को गर्भाशय ऑपरेशन के लिए पास के ही जनता क्लिनिक में दिखाया था जहां उसके संचालक झोलाछाप डॉक्टर धीरज कुमार ने कहा कि उसके यहां पटना से बड़े डॉक्टर आते है जो उसका ऑपरेशन करवा देंगे. तय दिन के अनुसार वह जनता क्लीनिक में पत्नी को भर्ती कराया, जहां उक्त झोलाछाप डॉक्टर ने उसका ऑपरेशन कर दिया. इस दौरान महिला की तबियत बिगड़ने पर उसे बिहारशरीफ रेफर किया गया जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. जिसके बाद सोमवार की सुबह 07 बजे मृतक के परिजनों और स्थानीय लोगों ने एनएच 333 ए को जाम कर दिया.
पुलिस के द्वारा नहीं किया गया कोई कार्रवाई
इस मामले में ना ही उक्त झोलाछाप डॉक्टर और ना ही जाम करने वालों पर किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की गई. हालांकि जाम हटाने पहुंचे बीडीओ मंजुल मनोहर मधुप एवं थानाध्यक्ष अखिलेश कुमार ने स्थानीय दलालों से मिलकर लाश की दो लाख रूपये में सौदा करवा दिया. वहीं, इस मामले में उक्त आरोपी झोला छाप डॉक्टर पर किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं होना अधिकारी की भूमिका पर भी सवाल उठने लगा है.
आरोपित डॉक्टर पर होंगी कार्रवाई
सिविल सर्जन डॉ.वीर कुंवर सिंह ने कहा कि इस मामले में पुलिस को प्राथमिकी दर्ज करते हुए शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम कराया जाना है. जिसके आधार पर ही स्वास्थ्य विभाग की टीम गठित कर उक्त झोलाछाप डॉक्टर के विरुद्ध कार्रवाई करेगी.
वहीं, एसपी दयाशंकर ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग से सम्पर्क करके जिले में झोलाछाप डॉक्टर द्वारा संचालित निजी स्वास्थ केंद्रों का जांच कर आगे की कार्रवाई किया जाएगा। साथ ही उन्होंने कहा महिला के मौत से आक्रोशित ग्रामीणों के द्वारा किये गये सड़क जाम को हटाना पुलिस की पहली प्राथमिकता थी.