शेखपुरा: कोरमा थाने की पुलिस के सहयोग से उत्तराखंड की पुलिस ने ऐसे शातिर ठगों को गिरफ्तार किया है जो मनरेगा मजदूरों का बैंक खाता खुलवाते थे. ये ठगी उसी अकाउंट में ठगी की रकम को मंगवाते थे. इसका खुलासा तब हुआ जब एक ही महीने में 50 लाख रुपए से ज्यादा की रकम ट्रांसफर हुई.
मामले में एक की गिरफ्तारी
साइबर ठगों के द्वारा विज्ञापन छपाकर 'चेहरा पहचानो इनाम पाओ' के साथ-साथ विभिन्न प्रकार के इनाम का प्रलोभन देकर और नौकरी देने के नाम पर लोगों से ठगी कर रहे थे. वहीं, अब जिले के विभिन्न स्थानों पर ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को खाता खुलवाने के नाम पर हेराफेरी कर लोगों से ठगी कर रहे हैं. जिसको लेकर रविवार को उत्तराखंड के पुलिस ने कोरमा थाना पुलिस के सहयोग से चाडे गांव निवासी संतोष मलिक को गिरफ्तार किया है.
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ये है इन ठगों के काम का तरीका
दरअसल, ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबों और अनपढ़ लोगों को लालच देकर उक्त ठग उनका बैंक में खाता खुलवा रहे हैं और एटीएम भी बनवा रहे हैं. वहीं, खाता खुल जाने और एटीएम मिल जाने पर ठग इन गरीबों को 10 से 20 हजार देकर इनका खाता और एटीएम ले लेते हैं. इन गरीबों को मनरेगा का रुपया दिलाने के नाम पर खाता खुलावाया जा रहा है. ठगों ने खाता खुलवाने के लिए अपने कई ऐजेंट भी कई गांवों और शहर के मुहल्लों में रखा है. जिसे ठग की ओर से राशि दिया जा रहा है. वहीं, ये शातिर ठग इन खातों का उपयोग ठगी का रुपया मंगवाने में करते हैं.
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पेट्रोल पंप दिलाने का झांसा देकर 17.5 लाख रुपये ठगा
उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग के एक व्यक्ति से साइबर ठग संतोष मलिक के द्वारा पेट्रोल पंप दिलाने के नाम पर 17.5 लाख रुपए की ठगी की गई थी. जिसको लेकर युवक के द्वारा उत्तराखंड रुद्रप्रयाग थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी. जिसको लेकर रविवार को पुलिस कोरमा थाना पहुंचकर एसआई निरंजन कुमार सिंह के द्वारा छापेमारी अभियान चलाया गया. इसके बाद छापेमारी कर चाले गांव निवासी संतोष मलिक को गिरफ्तार किया गया है.
1 माह में 50 लाख से अधिक ट्रांजैक्शन
वहीं आरोपी की निशानदेही पर उत्तराखंड की पुलिस ने खाता खरीदने वाले चेवाड़ा के बेलछी गांव में भी छापेमारी कर साइबर ठग को पकड़ने का प्रयास किया. लेकिन साइबर ठग मौके से फरार हो गया. बताया जाता है कि पकड़े गए आरोपी के खाते से 1 माह में 50 लाख से अधिक ट्रांजैक्शन किया गया है. जिसको लेकर संबंधित बैंक से भी पूछताछ की जा रही है.