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शेखपुरा: सिविल सर्जन ने HIV AIDS जागरुकता रथ को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना - HIV AIDS awareness chariot departs in Sheikhpura

बीमारियों के प्रति जागरूक करने के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से जागरुकता रथ रवाना किया गया है. इसी कड़ी में शेखपुरा में एचआईवी एड्स जागरुकता रथ को सिविल सर्जन डॉ.वीर कुंवर सिंह ने हरी झंडी दिखा कर रवाना किया.

HIV AIDS awareness chariot flagged off in Shiekhpura
HIV AIDS awareness chariot flagged off in Shiekhpura
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Published : Dec 17, 2020, 11:27 PM IST

शेखपुरा: जिले में विभिन्न बीमारियों के प्रति जागरुकता और बचाव को लेकर स्वास्थ्य विभाग की ओर से समय-समय पर कार्य किए जाते हैं. इसी कड़ी में राज्य स्तर से भेजी गई एचआईवी एड्स जागरुकता रथ को सिविल सर्जन डॉ.वीर कुंवर सिंह ने हरी झंडी दिखा कर रवाना किया. यह रथ 23 दिसंबर तक कुल 7 दिनों में जिले के दर्जनों गांवों का दौरा करेगी. इस दौरान मुफ्त एचआईवी टेस्ट, गुप्त रोग और नशे को रोकने के लिए काउंसलिंग से लोगों को एचआईवी एड्स जैसी बीमारी के बारे में जागरूक किया जाएगा.

इस मौके पर सिविल सर्जन ने बताया कि एड्स एक लाइलाज बीमारी है और इस का कोई पक्का इलाज संभव नहीं है. इस बीमारी से बचाव ही इसका इलाज है. यह रोग असुरक्षित शारीरिक संबंध, दूषित इंजेक्शन का इस्तेमाल, एचआईवी ग्रस्त रक्त के चढ़ाने के साथ और एचआईवी से पीड़ित मां से उसके गर्भ में पल रहे बच्चे को हो सकता है.

महिलाओं की जाएगी जांच
इसके अलावा सिविल सर्जन कहा कि एचआईवी प्रभावित व्यक्ति एंटी रेट्रोवायरल दवाइयां लेकर एक लंबा और सेहतमंद जीवन जी सकता है. यह दवाई मरीज को एआरटी केंद्रों में इलाज शुरू करवाने के बाद मुफ्त दिया जाता है. साथ ही उन्होंने बताया कि गर्भवती महिला से बच्चे को ये संक्रमण होने की आशंका सबसे अधिक होती है. दरअसल, गर्भ में पल रहा बच्चा अपने पोषण के लिए मां पर ही निर्भर होता है. ऐसे में उसके संक्रमित होने का खतरा काफी बढ़ जाता है. साथ ही मां का दूध भी संक्रमण का कारण बन सकता है. इसलिए इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य सभी गर्भवती महिलाओं को एचआईवी परामर्श और जांच किया जाना है. जागरुकता रथ के माध्यम से गांव-गांव घूमकर गर्भवती महिलाओं का जांच की जाएगी.

'2 गर्भवती महिला एड्स से पीड़ित'
सिविल सर्जन डॉ.वीर कुंवर सिंह ने साथ ही बताया कि जागरुकता को लेकर संचालित विभिन्न गतिविधियों के कारण जिले में एड्स के मामलों में लगातार कमी देखी जा रही है. जिले में 2003 से अब तक एड्स के कुल 320 मामले सामने आए हैं. वहीं, साल 2020 में 8 मामले ही सामने आए हैं. जिसमें 4 पुरुष और 4 महिला शामिल है, जिसमें से 2 गर्भवती महिलाएं है. उन सभी इलाज किया जा रहा है.

शेखपुरा: जिले में विभिन्न बीमारियों के प्रति जागरुकता और बचाव को लेकर स्वास्थ्य विभाग की ओर से समय-समय पर कार्य किए जाते हैं. इसी कड़ी में राज्य स्तर से भेजी गई एचआईवी एड्स जागरुकता रथ को सिविल सर्जन डॉ.वीर कुंवर सिंह ने हरी झंडी दिखा कर रवाना किया. यह रथ 23 दिसंबर तक कुल 7 दिनों में जिले के दर्जनों गांवों का दौरा करेगी. इस दौरान मुफ्त एचआईवी टेस्ट, गुप्त रोग और नशे को रोकने के लिए काउंसलिंग से लोगों को एचआईवी एड्स जैसी बीमारी के बारे में जागरूक किया जाएगा.

इस मौके पर सिविल सर्जन ने बताया कि एड्स एक लाइलाज बीमारी है और इस का कोई पक्का इलाज संभव नहीं है. इस बीमारी से बचाव ही इसका इलाज है. यह रोग असुरक्षित शारीरिक संबंध, दूषित इंजेक्शन का इस्तेमाल, एचआईवी ग्रस्त रक्त के चढ़ाने के साथ और एचआईवी से पीड़ित मां से उसके गर्भ में पल रहे बच्चे को हो सकता है.

महिलाओं की जाएगी जांच
इसके अलावा सिविल सर्जन कहा कि एचआईवी प्रभावित व्यक्ति एंटी रेट्रोवायरल दवाइयां लेकर एक लंबा और सेहतमंद जीवन जी सकता है. यह दवाई मरीज को एआरटी केंद्रों में इलाज शुरू करवाने के बाद मुफ्त दिया जाता है. साथ ही उन्होंने बताया कि गर्भवती महिला से बच्चे को ये संक्रमण होने की आशंका सबसे अधिक होती है. दरअसल, गर्भ में पल रहा बच्चा अपने पोषण के लिए मां पर ही निर्भर होता है. ऐसे में उसके संक्रमित होने का खतरा काफी बढ़ जाता है. साथ ही मां का दूध भी संक्रमण का कारण बन सकता है. इसलिए इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य सभी गर्भवती महिलाओं को एचआईवी परामर्श और जांच किया जाना है. जागरुकता रथ के माध्यम से गांव-गांव घूमकर गर्भवती महिलाओं का जांच की जाएगी.

'2 गर्भवती महिला एड्स से पीड़ित'
सिविल सर्जन डॉ.वीर कुंवर सिंह ने साथ ही बताया कि जागरुकता को लेकर संचालित विभिन्न गतिविधियों के कारण जिले में एड्स के मामलों में लगातार कमी देखी जा रही है. जिले में 2003 से अब तक एड्स के कुल 320 मामले सामने आए हैं. वहीं, साल 2020 में 8 मामले ही सामने आए हैं. जिसमें 4 पुरुष और 4 महिला शामिल है, जिसमें से 2 गर्भवती महिलाएं है. उन सभी इलाज किया जा रहा है.

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