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शेखपुरा: क्वॉरेंटाइन सेंटर में प्रवासियों के साथ मारपीट, CO ने सुधार का दिया आश्वासन

क्वॉरेंटाइन किए गए प्रवासियों ने बताया कि कारावास में भी कैदियों को समय पर गुणवत्ता पूर्ण भोजन उपलब्ध कराया जाता है. लेकिन क्वॉरेंटाइन सेंटर में उससे भी बदतर स्थिति है.

क्वॉरेंटाइन सेंटर में पुलिस ने की मारपीट
क्वॉरेंटाइन सेंटर में पुलिस ने की मारपीट
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Published : May 9, 2020, 12:52 PM IST

शेखपुरा: कोरोना वायरस से बचाव को लेकर पूरे देश में लॉकडाउन जारी है. वहीं, लॉकडाउन में दूसरे राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूर बड़ी संख्या में अपने गांव लौट रहे हैं. बाहर से आने वाले प्रवासियों को सीधे घर जाने से रोक कर अगले 21 दिनों के लिए जिला स्तर और प्रखंड स्तर पर बने क्वॉरेंटाइन सेंटर में आइसोलेट किया जा रहा है. जिला प्रशासन ने प्रवासियों के रहने के लिए अनुमंडल और प्रखंड मुख्यालय में क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाया है.

'हाकिम क्वॉरेंटाइन सेंटर में जेल से हालात'
आपदा प्रबंधन विभाग के दिशा निर्देश के आलोक में क्वॉरेंटाइन किए गए सभी लोगों को पौष्टिक भोजन के साथ-साथ सभी प्रकार की सुविधा उपलब्ध कराना है. ताकि अगले 21 दिनों तक सेंटर पर आराम से रह सके. वहीं, सरकार के दिशा निर्देश और गाइडलाइन का उल्लंघन करते हुए जिले के अधिकारी और पुलिस प्रशासन इस विकट स्थिति को भी कमाई का जरिया बना लिया है. कोरोना संकट में कई सामाजिक संस्थानों की ओर से जरूरतमंद लोगों को भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है. अरियरी प्रखंड अंतर्गत हुसैनाबाद में क्वॉरेंटाइन किए गए प्रवासियों के साथ कारावास में बंद कैदियों जैसा बर्ताव किया जा रहा है. जिले के हाकिम क्वॉरेंटाइन सेंटर को जेल में तब्दील कर दिया गया है.

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क्वॉरेंटाइन सेंटर में पुलिस ने की मारपीट

प्रवासी गुणवत्ताहीन भोजन खाने को मजबूर
क्वॉरेंटाइन किए गए प्रवासियों ने बताया कि कारावास में भी कैदियों को समय पर गुणवत्ता पूर्ण भोजन उपलब्ध कराया जाता है. लेकिन क्वॉरेंटाइन सेंटर में उससे भी बदतर स्थिति है. प्रवासियों ने बताया कि नाश्ते के नाम पर उन्हें 9 बजे के बाद थोड़ी सी मात्रा में चूड़ा और बदाम दे दिया जाता है. इसके बाद करीब 1 बजे भोजन में दाल-चावल-सब्जी दिया जाता है. उसके बाद फिर रात में करीब 9 बजे लोगों को भोजन उपलब्ध कराया जाता है. जिसके कारण लोगों को भूखे रहने की स्थिति उत्पन्न हो गई है. प्रवासी गुणवत्ताहीन भोजन खाने को मजबूर हैं.

सीओ रवि शंकर पांडेय ने सुधार का दिया भरोसा
वहीं, भोजन की मांग करने पर अधिकारी और पुलिसकर्मियों की ओर से बंद कमरे में ले जाकर उसके साथ मारपीट की जाती है. उन्हें कहा जाता है कि जिस तरह से रखा जा रहा है वैसे ही रहो. इतनी व्यवस्था तुम्हारे घर में भी नहीं दी जाती होगी जितनी व्यवस्था तुम लोगों को क्वॉरेंटाइन सेंटर में दी जा रही है. हालांकि प्रवासियों की ओर से हंगामा मचाने के बाद मौके पर मौजूद सीओ रवि शंकर पांडेय ने लोगों को समझा-बुझाकर शांत कराया है और भरपेट भोजन देने की भी बात कही.

शेखपुरा: कोरोना वायरस से बचाव को लेकर पूरे देश में लॉकडाउन जारी है. वहीं, लॉकडाउन में दूसरे राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूर बड़ी संख्या में अपने गांव लौट रहे हैं. बाहर से आने वाले प्रवासियों को सीधे घर जाने से रोक कर अगले 21 दिनों के लिए जिला स्तर और प्रखंड स्तर पर बने क्वॉरेंटाइन सेंटर में आइसोलेट किया जा रहा है. जिला प्रशासन ने प्रवासियों के रहने के लिए अनुमंडल और प्रखंड मुख्यालय में क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाया है.

'हाकिम क्वॉरेंटाइन सेंटर में जेल से हालात'
आपदा प्रबंधन विभाग के दिशा निर्देश के आलोक में क्वॉरेंटाइन किए गए सभी लोगों को पौष्टिक भोजन के साथ-साथ सभी प्रकार की सुविधा उपलब्ध कराना है. ताकि अगले 21 दिनों तक सेंटर पर आराम से रह सके. वहीं, सरकार के दिशा निर्देश और गाइडलाइन का उल्लंघन करते हुए जिले के अधिकारी और पुलिस प्रशासन इस विकट स्थिति को भी कमाई का जरिया बना लिया है. कोरोना संकट में कई सामाजिक संस्थानों की ओर से जरूरतमंद लोगों को भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है. अरियरी प्रखंड अंतर्गत हुसैनाबाद में क्वॉरेंटाइन किए गए प्रवासियों के साथ कारावास में बंद कैदियों जैसा बर्ताव किया जा रहा है. जिले के हाकिम क्वॉरेंटाइन सेंटर को जेल में तब्दील कर दिया गया है.

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क्वॉरेंटाइन सेंटर में पुलिस ने की मारपीट

प्रवासी गुणवत्ताहीन भोजन खाने को मजबूर
क्वॉरेंटाइन किए गए प्रवासियों ने बताया कि कारावास में भी कैदियों को समय पर गुणवत्ता पूर्ण भोजन उपलब्ध कराया जाता है. लेकिन क्वॉरेंटाइन सेंटर में उससे भी बदतर स्थिति है. प्रवासियों ने बताया कि नाश्ते के नाम पर उन्हें 9 बजे के बाद थोड़ी सी मात्रा में चूड़ा और बदाम दे दिया जाता है. इसके बाद करीब 1 बजे भोजन में दाल-चावल-सब्जी दिया जाता है. उसके बाद फिर रात में करीब 9 बजे लोगों को भोजन उपलब्ध कराया जाता है. जिसके कारण लोगों को भूखे रहने की स्थिति उत्पन्न हो गई है. प्रवासी गुणवत्ताहीन भोजन खाने को मजबूर हैं.

सीओ रवि शंकर पांडेय ने सुधार का दिया भरोसा
वहीं, भोजन की मांग करने पर अधिकारी और पुलिसकर्मियों की ओर से बंद कमरे में ले जाकर उसके साथ मारपीट की जाती है. उन्हें कहा जाता है कि जिस तरह से रखा जा रहा है वैसे ही रहो. इतनी व्यवस्था तुम्हारे घर में भी नहीं दी जाती होगी जितनी व्यवस्था तुम लोगों को क्वॉरेंटाइन सेंटर में दी जा रही है. हालांकि प्रवासियों की ओर से हंगामा मचाने के बाद मौके पर मौजूद सीओ रवि शंकर पांडेय ने लोगों को समझा-बुझाकर शांत कराया है और भरपेट भोजन देने की भी बात कही.

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