शेखपुरा: जिले के सदर अस्पताल से अमानवीयता भरा मामला सामने आया है. यहां इलाज कराने गई एक महिला को बेशर्मी से भगा दिया. डॉक्टरों का कहना है कि महिला की उस गांव से है जहां कोरोना संदिग्ध पाए गए हैं.
डॉक्टरों के रवैये से आमलोग परेशान
इस समय कोरोना का खौफ सभी के मन बैठा है. विश्व भर के डॉकटर अपनी जान खतरे में डालकर कोरोना मरीजों का इलाज कर रहे हैं. लेकिन सदर अस्पताल के डॉक्टरों व कर्मियों का रवैया आमलोगों को परेशान कर देने वाला है. दरअसल, आज सुबह कोरोना पॉजिटिव गांव से एक महादलित महिला मरीज लूज मोशन से तबीयत खराब होने पर अस्पता आई. महिला की गलती इतनी थी कि वह महिला कोरोना संदिग्ध के गांव से थी.
गेट पर घंटों कराहती रही पीड़िता
महिला के गांव का नाम जानते ही डॉक्टरों ने असंवेदनशीलता से उसका इलाज किए बगैर ही अस्पताल से भगा दिया. पीड़िता घंटों अस्पताल के गेट के सामने कराहती रही लेकिन किसी ने सुध नहीं ली. पत्रकारों के पूछने पर डॉक्टर ने कहा कि यह महिला उसी गांव से है जहां कोरोना पॉजिटिव मामला सामने आया है. सदर अस्पताल में क्वॉरेंटाइन सेंटर नहीं है. इसलिए हमने उसे अस्पताल से बाहर भेज दिया.
मूक दर्शक बना अस्पताल प्रशासन
गौरतलब है कि अस्पताल में मरीज का इलाज करने की बजाय उसे कोरोना संदिग्ध बताकर भगा दिया जा रहा है. अस्पताल के इस रवैये से अब आम लोगों को खासा परेशानी होने लगी है. वहीं, अस्पताल प्रशासन मूक दर्शक बना हुआ है.