शेखपुरा: जिले में नगर परिषद के सफाई कर्मियों ने बुधवार को कचरे के ढ़ेर को बाजार के मुख्य सड़कों पर फेंकने दिया. इसके बाद आक्रोशित सफाई कर्मियों ने चांदनी चौक के सड़क को जाम कर प्रदर्शन शुरू कर दिया. हालांकि, कुछ समय के बाद ही उन्होंने खुद ही जाम हटा लिया. लेकिन सड़कों पर कचरा फेंके जाने के कारण स्थानीय लोगों और दुकानदारों को सुबह काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. इस दौरान सफाई कर्मियों ने नगर परिषद के कार्यपालक अधिकारी दिनेश दयाल और मुख्य पार्षद के पति शम्भू यादव के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
सड़क पर लगा कचरे का अंबार
प्रदर्शन कर रहे सफाई कर्मी अरुण मल्लिक और उमेश मांझी ने बताया कि वह अपनी मांगों को लेकर पिछले तीन दिनों से धरना पर बैठे हुए हैं. मंगलवार को मुख्य पार्षद कुमकुम भारती के पति शम्भू यादव ने फोन कर संघ के अध्यक्ष उमेश भगत को धमकी दी. जिसको लेकर संघ के अध्यक्ष की ओर से शेखपुरा थाने के अलावा पुलिस अधीक्षक, पुलिस महानिदेशक, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को आवेदन देकर जान-माल की सुरक्षा की गुहार लगाई. वहीं, अपनी मांगों के समर्थन में सफाई कर्मियों का प्रदर्शन जारी है. सफाई कर्मियों के प्रदर्शन से बाजार की सड़कों के साथ-साथ समाहरणालय के मुख्य गेट पर कचरे का अंबार लगा हुआ है.
सड़क पर कचरा फेंकने से लोगों को हुई परेशानी
मंगलवार की सुबह सफाई कर्मियों की ओर से चांदनी चौक के मुख्य सड़क पर कचरे का अंबार लगा दिया. जिसकी वजह से स्थानीय लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. रास्ते से गुजरने वाले लोगों को कचरे से होकर गुजरना पड़ा. अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर उतरे सफाई कर्मी ने कचरे के अंबार को मुख्य सड़क पर ही फेंकना शुरू कर दिया. वहीं, सफाई कर्मियों ने मुख्य पार्षद के पति पर कार्रवाई और मांगों के समर्थन में जमकर नारेबाजी की. संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष उमेश भगत ने कहा कि वह किसी से डरने वाले नहीं हैं और सफाई कर्मियों की मांगों के समर्थन में जिले में धरना प्रदर्शन जारी रहेगा.
सफाई कर्मियों की मांग
सफाई कर्मियों ने बताया कि सोमवार से नगर परिषद कार्यालय के सामने सभी कर्मचारी अपनी विभिन्न मांगों को लेकर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. जिसमें सफाई कर्मी अपनी न्यूनतम दैनिक मजदूरी 427 रूपये, ड्रेस और सुरक्षा उपकरण के साथ-साथ 10 लाख रूपये की बीमा का मांग कर रहे हैं. इसके साथ ही हटाए गए कर्मचारियों को दोबारा कार्य पर रखने और अस्थाई कर्मचारी को स्थाई करने की मांग कर रहे हैं. जिसको लेकर तीसरे दिन बाजार के मुख्य सड़कों पर कचरा फेंककर विरोध जताया गया. इस दौरान नगर परिषद के अधिकारियों ने हड़ताल से सफाई कर्मियों को हटाने का प्रयास किया. लेकिन कर्मियों की एक भी मांग पूरा करने में असमर्थ रहे.