शेखपुरा: बिहार के शेखपुरा (Seikhpura Sadar Hospital) जिले का सदर अस्पताल अपने लचर व्यवस्था को लेकर लगातार चर्चा में है. दरअसल शनिवार को सदर अस्पताल में डॉक्टरों एवं एएनएम की लापरवाही व मनमानी के कारण एसएनसीयू वार्ड में बीमार बच्चे को भर्ती नहीं किया गया. जिसके कारण कुछ देर बाद बच्चे की मौत हो गई. वहीं परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाकर जमकर हंगामा किया.
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लापरवाही का ये पूरा मामला सदर थाना अंतर्गत मेहुस मोड़ के पिंटू कुमार के साथ हुआ है. जहां एक दम्पति अपने नवजात को भर्ती कराने के लिए एसएनसीयू में आये थे. जहां एसएनसीयू के चिकित्सकों एवं एएनएम के द्वारा बच्चा ठीक रहने की बात बताकर भगा दिया. जिसके कारण कुछ ही देर बाद बच्चे की मृत्यु हो गई. जिसके बाद परिजनों ने अस्पताल में जमकर बवाल काटा.
जानकारी के मुताबिक मेहूंस मोड़ निवासी पिंटू कुमार अपनी पत्नी का प्रसव बरबीघा के एक निजी अस्पताल में कराया था. जहां एक बच्चा जन्म लिया. लेकिन बच्चे की स्थिति गंभीर होने पर वह गुरुवार को एसएनसीयू वार्ड में पहुंचा. जहां डॉ.सतीश चंद्र बोस और एएनएम रंजना कुमारी और कंचन माला सिन्हा एवं चतुर्थवर्गीय कर्मियों में बबीता कुमारी और रंजू कुमारी ड्यूटी पर तैनात थी.
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वहीं, इलाज के लिए एसएनसीयू पहुंचते ही डॉक्टर के द्वारा बच्चे की जांच कर स्थिति सही बताते हुए घर भेज दिया गया. इस दौरान उनके परिजन भर्ती लेने की गुहार भी लगाई, लेकिन डॉक्टरों ने एक भी नहीं सुनी. जिसके बाद बच्चा को वापस मां के पास लाया गया. जिसके बाद उक्त निजी अस्पताल के डॉक्टर ने एसएनसीयू के चिकित्सक से बात कर बच्चा को आईसीयू में भर्ती कराना जरूरी बताया तो डॉक्टर ने पुन: उसे एसएनसीयू भेजने को कहा.
वहीं एसएनसीयू वार्ड ले जाने के दौरान बच्चे की मौत हो गयी. यदि एसएनसीयू के डॉक्टर इस तरह की लापरवाही नहीं बरतती तो शायद आज बच्चा जिन्दा होता. घटना के बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. इधर, विधायक विजय सम्राट ने बच्चा की मौत दुःख व्यक्त करते हुए कहा कि डॉक्टरों की मनमानी कारण लगातार मौतें हो रही है. इस मामले को वह विधानसभा सत्र में रखेंगे और संबंधित डॉक्टर एवं कार्रवाई हेतु स्वास्थ्य मंत्री को पत्राचार किया जा रहा है.
इस घटना पर सिविल सर्जन डॉ.कृष्ण मुरारी प्रसाद सिंह ने कहा कि हमें इस मामले की जानकारी नहीं है. सूचना मिलने के बाद इसकी जानकारी प्राप्त की जा रही है. जांचोपरांत संबंधित चिकित्सक व एएनएम पर कार्रवाई की जाएगी. साथ ही उन्होंने कहा कि एसएनसीयू के बाहर लगे आश्रय स्थल को अधिक बेहतर बनाने का प्रयास किया जा रहा है. ताकि गर्मी, ठंडी एवं बरसात के दिनों में भर्ती नवजात के परिजनों को किसी प्रकार की परेशानी न हो.