शेखपुरा: जिले के घाटकुसुम्भा में अंधविश्वास का काला खेल कई घंटों तक चलता रहा. इस दौरान बच्चों से लेकर बूढ़े, सभी तमाशबीन बने रहे. उन्हें ये तक नहीं याद रहा कि कोरोना महामारी के लेकर सोशल डिस्टेंसिंग जरूरी है. पूरा मामला सर्पदंश के बाद एक बच्ची की मौत से जुड़ा है. जिसको लेकर तंत्र मंत्र किया गया.
चंद्रिक महतो की 12 वर्षीय बेटी सरिता कुमारी को सोते समय किसी जहरीले सांप ने काट लिया. इसके बाद जब उसकी हालत बिगड़ने लगी, तो परिजन उसे लेकर सदर अस्पताल पहुंचे. यहां डॉक्टरों ने सरिता को मृत घोषित कर दिया. इसके बाद परिजन डेड बॉडी लेकर घर लौट आए. दूसरी ओर गांव के ही तांत्रिक ने बच्ची को फिर से जिंदा करने का दावा ठोक दिया.
लग गया मेला
तांत्रिक के ऐलान के बाद, बच्ची के मृत शरीर पर तांत्रिक घंटों तक झाड़-फूंक करता रहा. इस दौरान मौके पर तमाशबीनों की भीड़ लग गई. काफी समय बीत जाने के बाद, जब तांत्रिक असफल हो गया. तो उसने 10 मिनट बाद वापस आने की बात कही और फरार हो निकला. बहरहाल, बच्ची के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. घंटो चला तमाशा अब शांत है.
अंधविश्वास का काला खेल...
इस वैज्ञानिक युग में जहां हम चांद और मंगल पर जाने की बात करते हैं. वहीं, देश के कई गांवों में आज भी अंधविश्वास की बेड़ियां लोगों को जकड़े हुए हैं. ईटीवी भारत ऐसे किसी भी अंधविश्वास का पुरजोर विरोध करता है. कोरोना काल में सजग रहिए, सावधान रहिए. अपने स्वास्थ्य को लेकर दो गज तन की दूरी को फॉलो करिए.