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Thakur vs Brahmin Dispute: परशुराम सेना ने फूंका आनंद मोहन का पुतला, कहा- 'ब्राह्मणों का अपमान.. नहीं सहेगा हिंदुस्तान' - Bihar Politics

आरजेडी सांसद मनोज झा पर हमलावर रुख रखने वाले पूर्व सांसद आनंद मोहन का अब विरोध शुरू हो गया है. ब्राह्मणों को लेकर उनके आपत्तिजनक बयान के खिलाफ उनकी सियासी कर्मभूमि शिवहर में परशुराम सेना ने उनका पुतला फूंका (Parshuram Sena burnt effigy of Anand Mohan) है. कार्यकर्ताओं ने कहा कि ब्राह्मणों का अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे.

परशुराम सेना ने आनंद मोहन का पुतला फूंका
परशुराम सेना ने आनंद मोहन का पुतला फूंका
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Sep 30, 2023, 7:22 PM IST

शिवहर: 'ठाकुर का कुआं' कविता पाठ करने पर जिस तरह से आरजेडी सांसद मनोज झा राजपूत नेताओं के निशाने पर आ गए हैं, वैसे में अब धीरे-धीरे ही सही कई ब्राह्मण संगठनों का उनको समर्थन भी मिलने लगा है. इसी कड़ी में परशुराम सेना ने आनंद मोहन के विरोध में प्रदर्शन किया और उनको चेतावनी दी कि ब्राह्मणों के खिलाफ अपमान टिप्प्णी करना बंद करें, अन्यथा व्यापक स्तर पर विरोध होगा.

ये भी पढ़ें: Thakur vs Brahmin Dispute: अपने सांसद के समर्थन में आए तेजस्वी, MLA चेतन आनंद को दी नसीहत, 'पार्टी फोरम में रखें बात'

परशुराम सेना ने आनंद मोहन का पुतला फूंका: परशुराम सेना के कार्यकर्ताओं ने शहर के जीरोमाइल चौक पर पूर्व सांसद आनंद मोहन का पुतला दहन किया और उनके खिलाफ नारेबाजी की. इस दौरान परशुराम सेना के जिला अध्यक्ष हर्षवर्धन मिश्रा ने कहा कि ब्राह्मणों का अपमान, हिंदुस्तान नहीं सहेगा. आनंद मोहन हमारे समाज को लेकर अपशब्द कहना बंद करें

"देश की आजादी और आधुनिक भारत के निर्माण में ब्राह्मणों के योगदान किसी से कम नहीं है. ब्राह्मण के बिना राज्य और देश का भला नहीं होगा. कुछ लोग मीडिया में बने रहने के लिए आपत्तिजनक बयान देते हैं, यह उनकी मानसिकता का परिचायक है. इससे हमारे समाज का कोई लेना-देना नहीं है. आनंद मोहन को ब्राह्मण समाज से माफी मांगनी होगी"- हर्षवर्धन मिश्रा, जिला अध्यक्ष, परशुराम सेना

आनंद मोहन ने दी जीभ काटने की धमकी: दरअसल, पूर्व सांसद आनंद मोहन ने ने कहा था कि अगर वह उस वक्त संसद में होते तो मनोज झा की जीभ खींचकर आसन की तरफ उछाल देते. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मनोज झा को पहले अपने अंदर के ब्राह्मण को मारना चाहिए, क्योंकि वह लोग देश चलाते हैं. उन्हीं लोगों की वजह से देश का ये हाल है.

क्यों मचा है बिहार में सियासी बवाल?: दरअसल, 21 सितंबर को राज्यसभा में महिला आरक्षण बिल पर चर्चा के दौरान आरजेडी सांसद मनोज झा ने प्रख्यात कवि ओमप्रकाश वाल्मीकि की कविता 'ठाकुर का कुआं' पढ़ी थी, जिसके आखिर में उन्होंने कहा था कि हम सब के अंदर एक ठाकुर है, जिसे मार देना चाहिए. इसी को लेकर चेतन आनंद और आनंद मोहन समेत कई राजपूत नेता विरोध कर रहे हैं. आपको बताएं कि राजपूत समाज के नेता 'ठाकुर' को अपने से जोड़कर विरोध कर रहे हैं. हालांकि इस मामले में आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव भी मनोज झा के समर्थन में बयान दे चुके हैं.

शिवहर: 'ठाकुर का कुआं' कविता पाठ करने पर जिस तरह से आरजेडी सांसद मनोज झा राजपूत नेताओं के निशाने पर आ गए हैं, वैसे में अब धीरे-धीरे ही सही कई ब्राह्मण संगठनों का उनको समर्थन भी मिलने लगा है. इसी कड़ी में परशुराम सेना ने आनंद मोहन के विरोध में प्रदर्शन किया और उनको चेतावनी दी कि ब्राह्मणों के खिलाफ अपमान टिप्प्णी करना बंद करें, अन्यथा व्यापक स्तर पर विरोध होगा.

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परशुराम सेना ने आनंद मोहन का पुतला फूंका: परशुराम सेना के कार्यकर्ताओं ने शहर के जीरोमाइल चौक पर पूर्व सांसद आनंद मोहन का पुतला दहन किया और उनके खिलाफ नारेबाजी की. इस दौरान परशुराम सेना के जिला अध्यक्ष हर्षवर्धन मिश्रा ने कहा कि ब्राह्मणों का अपमान, हिंदुस्तान नहीं सहेगा. आनंद मोहन हमारे समाज को लेकर अपशब्द कहना बंद करें

"देश की आजादी और आधुनिक भारत के निर्माण में ब्राह्मणों के योगदान किसी से कम नहीं है. ब्राह्मण के बिना राज्य और देश का भला नहीं होगा. कुछ लोग मीडिया में बने रहने के लिए आपत्तिजनक बयान देते हैं, यह उनकी मानसिकता का परिचायक है. इससे हमारे समाज का कोई लेना-देना नहीं है. आनंद मोहन को ब्राह्मण समाज से माफी मांगनी होगी"- हर्षवर्धन मिश्रा, जिला अध्यक्ष, परशुराम सेना

आनंद मोहन ने दी जीभ काटने की धमकी: दरअसल, पूर्व सांसद आनंद मोहन ने ने कहा था कि अगर वह उस वक्त संसद में होते तो मनोज झा की जीभ खींचकर आसन की तरफ उछाल देते. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मनोज झा को पहले अपने अंदर के ब्राह्मण को मारना चाहिए, क्योंकि वह लोग देश चलाते हैं. उन्हीं लोगों की वजह से देश का ये हाल है.

क्यों मचा है बिहार में सियासी बवाल?: दरअसल, 21 सितंबर को राज्यसभा में महिला आरक्षण बिल पर चर्चा के दौरान आरजेडी सांसद मनोज झा ने प्रख्यात कवि ओमप्रकाश वाल्मीकि की कविता 'ठाकुर का कुआं' पढ़ी थी, जिसके आखिर में उन्होंने कहा था कि हम सब के अंदर एक ठाकुर है, जिसे मार देना चाहिए. इसी को लेकर चेतन आनंद और आनंद मोहन समेत कई राजपूत नेता विरोध कर रहे हैं. आपको बताएं कि राजपूत समाज के नेता 'ठाकुर' को अपने से जोड़कर विरोध कर रहे हैं. हालांकि इस मामले में आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव भी मनोज झा के समर्थन में बयान दे चुके हैं.

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