शिवहर: बिहार के शिवहर जिले में घोड़े पर बैठकर बिजली बिल वसूलने वाले कर्मचारी के खिलाफ विभाग ने कार्रवाई की है. बिजली कर्मचारी अभिजीत तिवारी (Electricity worker Abhijit Tiwari) को कार्यमुक्त कर दिया गया है. पिछले दिनों फ्रेंचाइजी कर्मी का वीडियो वायरल (Sheohar Employee Collect Electricity Bill By Sitting On Horse) हुआ था. जिसके बाद कार्यपालक अभियंता ने उच्चाधिकारियों से रिपोर्ट मांगी थी. जिसके बाद विभाग ने अभिजीत तिवारी पर कार्रवाई की.
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दरअसल, अभिजीत तिवारी का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें उसने पेट्रोल महंगा होने के कारण बाइक के बदले घोड़े पर बैठकर बिजली वसूलने की बात कही थी. अभिजित विशुनपुर किशुनदेव गांव का निवासी है और जाफरपुर में फ्रेंचाइजी (डेली वेजेज) के रूप में बिजली बिल वसूलता है. अभिजीत की यह अनोखी पहल इलाके में चर्चा का विषय बन गई थी. लोग इसे पेट्रोल की कीमत में वृद्धि का साइड इफेक्ट बता रहे थे.
दरअसल, बिहार के शिवहर जिले से एक अनोखी तस्वीर सामने आई थी, जहां एक बिजलीकर्मी बाइक छोड़ घोड़े की सवारी कर रहा है. शाहपुर निवासी अभिजीत ने बताया था कि पेट्रोल की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं. और इससे उनके बजट पर भी असर पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि घोड़े की अपेक्षा पेट्रोल खर्च दोगुना से अधिक है इसलिए वह घोड़े की सवारी कर रहे हैं.
''इस संबंध में उच्चाधिकारियों ने रिपोर्ट मांगी थी. जिसके बाद कार्रवाई करते हुए कर्मी को कार्यमुक्त कर दिया गया है. उसने सोची-समझी साजिश के तहत या किसी के उकसावे में आकर घोड़े पर बैठकर बिजली बिल बसूली का नाटक किया था. यह साजिशपूर्ण कार्य है. विभाग का इससे कोई लेना देना नहीं है.'' - श्रवण कुमार ठाकुर, कार्यपालक अभियंता
बाइक छोड़ घोड़े की सवारी क्यों? : इससे पहले, शिवहर के बिशुनपुर किशुनदेव गांव के रहने वाले अभिजीत तिवारी ने बताया था कि वो प्रतिदिन सुबह अपने गांव से क्षेत्र में निकलते हैं और बिजली उपभोक्ताओं के पास पहुंचकर बिजली का बिल थमाते हैं और जिन्हें पैसा देना होता है वे देते हैं और फिर पैसा जमाकर उन्हें वापस रसीद दे आते हैं. अभिजीत बताते हैं कि पेट्रोल की कीमत इतनी बढ़ गई है कि बाइक से सफर करना मुश्किल है. उन्होंने कहा कि पेट्रोल के दाम बढ़ने से बाइक चलाना मुश्किल हो गया. घर में घोड़ा था तो अब उसी से काम पर जाते हैं. बता दें कि अभिजीत विद्युत विभाग में डेली वेजेज कर्मचारी थे, जिनका काम इलाके में बिजली बिल बांटना था.
''घोड़े की अपेक्षा पेट्रोल का खर्च दोगुना से अधिक है, इसलिए घोड़े की सवारी कर रहे हैं. इलाके में जाफरपुर, माली, पोखरविंडा सहित छह से सात गांव हैं. घोड़े पर रोजाना 60 से 70 रुपये खर्च होता है. पेट्रोल का दाम लगातार बढ़ रहा है, जिसके कारण जेब का बोझ ज्यादा बढ़ गया है. बिजली बिल वसूली में प्रतिदिन 200 का पेट्रोल खर्च हो जाता है. जब बजट साथ देगा तब फिर से बाइक से जाएंगे.'' - अभिजीत तिवारी, कर्मचारी, विद्युत विभाग
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