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सम्राट अशोक पर विवादित टिप्पणी करने पर छपरा में साहित्यकार दया प्रकाश सिन्हा का फूंका पुतला

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Published : Jan 14, 2022, 6:58 PM IST

छपरा के नगर पालिका चौक पर साहित्यकार दया प्रकाश सिन्हा का कुशवाहा समाज (Daya Prakash Sinha Effigy Burnt In Chapra) और महात्मा फुले समता परिषद के कार्यकर्ताओं ने पुतला फूंका है, साहित्यकार द्वारा सम्राट अशोक की तुलना औरंगजेब से करने पर नाराज लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया है. पढ़िए पूरी खबर...

साहित्यकार दया प्रकाश सिन्हा का फूंका पुतला
साहित्यकार दया प्रकाश सिन्हा का फूंका पुतला

सारण (छपरा): बिहार के छपरा में कुशवाहा समाज (Kushwaha Samaj Protest In Chapra) और महात्मा फुले समता परिषद के कार्यकर्ताओं ने सम्राट अशोक की तुलना औरंगजेब से (Controversial Statement On Samrat Ashok) किए जाने वाले साहित्यकार दया प्रकाश सिन्हा की टिप्पणी पर विरोध प्रदर्शन किया है और उनका (Daya Prakash Sinha Effigy Burnt In Chapra) पुतला फूंका है. कुशवाहा समाज के नेताओं ने साहित्यकार से पद्मश्री समेत सभी पुरस्कार वापस लेने की मांग की है.

ये भी पढ़ें- वैशाली: सम्राट अशोक को औरंगजेब जैसा बताने पर विवाद, साहित्यकार दया प्रसाद सिन्हा का JDU ने जलाया पुतला
दरअसल, कुशवाहा समाज और महात्मा फुले समता परिषद के कार्यकर्ताओं में काफी आक्रोश देखा गया. वहीं, कुशवाहा समाज के नेता ने रोष जताते हुए कहा कि, इतने बड़े और उच्च कोटि के साहित्यकार इतनी गिरी हुई मानसिकता के तहत महान सम्राट अशोक की तुलना औरंगजेब से क्यों और किस तरीके से की है ये अपने आप में एक बड़ा सवाल है. साहित्यकार से पद्मश्री समेत सभी पुरस्कारों को भारत सरकार द्वारा वापस लेने की मांग की गई है.

साहित्यकार दया प्रकाश सिन्हा का फूंका पुतला

वहीं, साहित्यकार दया प्रसाद सिन्हा की सम्राट अशोक पर टिप्पणी के बाद लोगों में काफी उबाल है. इस मामले पर दया प्रकाश सिन्हा ने अपनी सफाई देते हुए कहा कि, यह महज संयोग है. लेकिन मेरा इरादा किसी की तुलना करना नहीं था. समाचार पत्रों में छपी उनके वक्तव्यों में यह साफ किया गया है कि, उन्होंने जानबूझकर इस मामले में कोई टिप्पणी नहीं की है.

ये भी पढ़ें- सम्राट अशोक और औरंगजेब की तुलना पर सियासी घमासान, JDU की नाराजगी के बाद BJP ने लेखक पर दर्ज कराया FIR
बता दें कि, दया प्रकाश सिन्हा ने कहा था कि, जब वे सम्राट अशोक नाटक लिख रहे थे. तब गहरे गहन रिसर्च किए. इसके बाद उन्हें आश्चर्य हुआ कि, अशोक सम्राट और मुगल बादशाह औरंगजेब के चरित्र में बहुत समानता नजर आई. दोनों ने अपने शुरुआती दिनों में काफी पाप किए. फिर उन्हें छुपाने के लिए अतिधार्मिकता का सहारा लिया. ताकि उनके पाप पर किसी का ध्यान न जाए. दोनों ने अपने भाइयों की हत्या की थी और अपने पिता को जेल में डाला था. पूर्व में दिए गए दया प्रकाश सिन्हा के इसी बयान के कारण राजनीतिक विवाद छिड़ा हुआ है.

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सारण (छपरा): बिहार के छपरा में कुशवाहा समाज (Kushwaha Samaj Protest In Chapra) और महात्मा फुले समता परिषद के कार्यकर्ताओं ने सम्राट अशोक की तुलना औरंगजेब से (Controversial Statement On Samrat Ashok) किए जाने वाले साहित्यकार दया प्रकाश सिन्हा की टिप्पणी पर विरोध प्रदर्शन किया है और उनका (Daya Prakash Sinha Effigy Burnt In Chapra) पुतला फूंका है. कुशवाहा समाज के नेताओं ने साहित्यकार से पद्मश्री समेत सभी पुरस्कार वापस लेने की मांग की है.

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दरअसल, कुशवाहा समाज और महात्मा फुले समता परिषद के कार्यकर्ताओं में काफी आक्रोश देखा गया. वहीं, कुशवाहा समाज के नेता ने रोष जताते हुए कहा कि, इतने बड़े और उच्च कोटि के साहित्यकार इतनी गिरी हुई मानसिकता के तहत महान सम्राट अशोक की तुलना औरंगजेब से क्यों और किस तरीके से की है ये अपने आप में एक बड़ा सवाल है. साहित्यकार से पद्मश्री समेत सभी पुरस्कारों को भारत सरकार द्वारा वापस लेने की मांग की गई है.

साहित्यकार दया प्रकाश सिन्हा का फूंका पुतला

वहीं, साहित्यकार दया प्रसाद सिन्हा की सम्राट अशोक पर टिप्पणी के बाद लोगों में काफी उबाल है. इस मामले पर दया प्रकाश सिन्हा ने अपनी सफाई देते हुए कहा कि, यह महज संयोग है. लेकिन मेरा इरादा किसी की तुलना करना नहीं था. समाचार पत्रों में छपी उनके वक्तव्यों में यह साफ किया गया है कि, उन्होंने जानबूझकर इस मामले में कोई टिप्पणी नहीं की है.

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बता दें कि, दया प्रकाश सिन्हा ने कहा था कि, जब वे सम्राट अशोक नाटक लिख रहे थे. तब गहरे गहन रिसर्च किए. इसके बाद उन्हें आश्चर्य हुआ कि, अशोक सम्राट और मुगल बादशाह औरंगजेब के चरित्र में बहुत समानता नजर आई. दोनों ने अपने शुरुआती दिनों में काफी पाप किए. फिर उन्हें छुपाने के लिए अतिधार्मिकता का सहारा लिया. ताकि उनके पाप पर किसी का ध्यान न जाए. दोनों ने अपने भाइयों की हत्या की थी और अपने पिता को जेल में डाला था. पूर्व में दिए गए दया प्रकाश सिन्हा के इसी बयान के कारण राजनीतिक विवाद छिड़ा हुआ है.

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