समस्तीपुर: बिहार के सियासत में हसनपुर विधानसभा सुर्खियों में है. जिले के आखरी छोड़ पर अवस्थित यह सीट वर्तमान चुनाव के कई मायनों में खास होने जा रहा. दरअसल इस सीट से लालू के बड़े लाल और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप यादव ने चुनाव लड़ने का मन बना लिया है. वैसे तो यह सीट जदयू का सुरक्षित गढ़ माना जाता है.
2010 और 2015 में जदयू के खाते में थी यह सीट
2010 का चुनाव हो या फिर 2015 का जदयू ने इस सीट पर अपना कब्जा जमाया है. तो सवाल यह बनता है कि क्या तेजप्रताप यंहा नीतीश कुमार के चक्रव्यूह को तोड़ पायेंगे. वैसे करीब 2,90,366 मतदाता वाले इस सीट पर हावी सोशल इंजीनियरिंग पर गौर करे तो यंहा यादव और कुशवाहा वोट निर्णायक भूमिका में है. वंही भुमिहार राजपूत और एससी वोट बैंक का भी कुछ प्रभाव है. वैसे तमाम सियासी कयासों को लेकर जदयू ने विरोधी पर निशाना साधते हुए कहा कि हसनपुर समाजवादियों का गढ़ है और लालू के लाल से वाकिफ भी.
आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी
वैसे 2005 के फरवरी और अक्टूबर में हुए चुनाव में इस सीट पर राजद जरूर काबिज हुआ था. लेकिन 2000 में भी यह सीट जदयू के पास था. वैसे वर्तमान समीकरण में बीजेपी जदयू गठबंधन एक साथ है. बहरहाल अगड़ी जातियों का भी समीकरण राजद के खिलाफ है. वैसे हसनपुर सीट पर तेजप्रताप यादव के चुनाव लड़े जाने के कयासों के बीच जिला राजद इस सीट पर खास तैयारी में जुटा है. वैसे विरोधियों के सवालों पर पलटवार करते हुए राजद नेता ने कहा कि तेजप्रताप को लेकर जिले के जनता में इतना उत्साह है की सिर्फ हसनपुर नहीं जिले के अन्य सीटों पर भी इसका प्रभाव दिखेगा.