छपराः बिहार के छपरा में नगर निगम चुनाव के लिए वोटिंग खत्म हो चुकी है. बुधवार को शहरी क्षेत्र में धीमी वोटिंग (Voting for municipal elections in Chapra) से शुरुआत हुई. यहां नगर निगम के चुनाव को लेकर सुबह 7:00 बजे से मतदान प्रारंभ हो गया था. सुबह-सुबह ठंड होने के कारण लोग देर से बूथों पर पहुंचे थे. इस कारण शुरुआत में बूथों पर कम भीड़ दिखाई दी थी. जैसे ही दिन चढ़ा मतदान केंद्रों पर भीड़ भी बढ़ने लगी. सभी बूथों पर दिन चढ़ने के साथ ही लंबी कतारें देखी गई. ठंड कम होने पर लोगों ने घर से निकलकर मतदान किया. इस दौरान खासकर युवा मतदाताओं में एक अलग ही उत्साह देखने को मिला.
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छपरा में 196 बूथों पर हुआ मतदानः छपरा शहर के 45 वार्ड में 196 बूथ पर मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. छपरा नगर निगम में तीन पदों के लिए मतदान हुआ. नगर निगम बनने के बाद यह दूसरा चुनाव है. पहली बार मतदाता वार्ड पार्षद और मेयर के चुनाव के लिए सीधे तौर पर मतदान कर रहे हैं. इसके लिए लोगों में खासा उत्साह है. बात करें छपरा नगर निगम की तो मेयर पद के लिए 24 प्रत्याशी चुनाव में उतरे हैं. वहीं उप मेयर पद के लिए 15 प्रत्याशी मैदान में हैं. पूरे नगर निगम क्षेत्र में 174000 मतदाता हैं. मेयर, डिप्टी मेयर और वार्ड पार्षद के चुनाव के लिए सभी बूथों पर सुबह से लोग जुटने लगे थे.
ठंड के कारण सुबह धीमी रही वोटिंग की रफ्तारः हाड़ कंपा देने वाली ठंड और कोहरे के बावजूद भी मतदाताओं में खासा उत्साह दिखा. शुरुआत में रफ्तार थोड़ी धीमी रही, लेकिन ठंड कम होते ही छपरा नगर निगम समेत तीन नगर पंचायत में वोटिंग ने गति पकड़ ली. इसमें मशरख नगर पंचायत, गोपाल नगर पंचायत और मांझी नगर पंचायत शामिल है. इन तीनों नगर पंचायत में भी मतदाताओं के बीच काफी उत्साह देखने को मिला. बूढ़े-बुजुर्ग के साथ ही युवा मतदाताओं ने भी घर से निकलकर बूथों में कतार में लग मतदान किया. तीनों नगर पंचायत का नया परिसीमन हुआ है ।
"मैं ऐसा जनप्रतिनिधि चुनना चाहूंगी जो हमारी सुविधाओं का ख्याल रख सके. स्वास्थ्य, शिक्षा आदि पर ध्यान दे और क्षेत्र का विकास करे. मैं ऐसे प्रत्याशी को ही वोट करूंगी" - पूजा कुमारी, युवा मतदाता
तीन नगर पंचायतों भी ठीक-ठाक हुई वोटिंग: मांझी नगर पंचायत में 16632 मतदाताओं ने मुख्य पार्षद के 16 और उप मुख्य पार्षद के 18 प्रत्याशियों के लिए मतदान किया. वहीं मशरख नगर पंचायत में 19832 मतदाताओं ने मुख्य पार्षद के 12 प्रत्याशी तथा उपमुख्यपार्षद के 16 प्रत्याशियों के लिए मतदान किया. जिला प्रशासन ने वार्ड के मतदान केंद्र में एक पिंक बूथ बनाया था. इसका सारा दायित्व निर्वहन महिला कर्मियों के हाथ में था. इसमें पीठासीन पदाधिकारी से लेकर पोलिंग 123 और यहां तक कि पुलिसकर्मी भी महिलाएं ही थी
पिंक बूथों पर कोई सुविधा नहीं दिखीः छपरा में जिला प्रशासन की ओर से बनाए गए पिंक बूथ पर सारे मापदंडों को ताक पर रख दिया गया. केवल पिंक बूथ की औपचारिकता निभाई गई. छपरा के सारण एकेडमी कॉलेज में दो-दो पिंक बूथ बनाए गए थे, लेकिन पिंक बूथ के नाम पर केवल खानापूर्ति की गई. यहां जो भी सुविधाएं होनी चाहिए वह उपलब्ध नहीं थी. केवल पिंक बूथ के नाम पर बैनर और पोस्टर टांग दिया गया था.
''पिंक बूथ के नाम पर यहां कोई सुविधा नहीं है. यह पिंक बूथ के नाम पर धब्बा है. यहां कोई सुविधा नहीं दी गई. कोई सजावट वगैरह नहीं किया गया है'' - तुलसी पाल, पीठासीन पदाधिकारी
पीठासीन पदाधिकारियों में भी दिखा आक्रोशः पिंक बूथों पर नदारद सुविधाओं को लेकर पीठासीन पदाधिकारियों ने भी कहा कि इसमें काफी हिल हवाला की गई है. हमारी तो ड्यूटी है, तो हमको तो करना है. विगत चुनाव में जिला प्रशासन द्वारा प्रत्येक वार्ड में एक पिंक बूथ बनाने की बात कही गई थी, लेकिन पिंक बूथ के नाम पर केवल पोस्टर और बैनर टांग दिया गया. इसको लेकर पीठासीन पदाधिकारियों ने भी अपनी बात खुल कर रखी है।
"यहां पिंक बूथ की सुविधाएं हैं. महिला पुलिसकर्मी भी मौजूद हैं, लेकिन अभी कहीं गई हुई हैं. सजावट तो यहां नहीं की गई थी. कुछ बैनर पोस्टर टांग दिया गया था" - अरुण कुमार सिंह, पीठासीन पदाधिकारी