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बिहार में एक बार फिर बाढ़ की आशंका, वाल्मीकि नगर बैराज से छोड़े गए पानी से ग्रामीण भयभीत - valmiki nagar barrage

नेपाल के तराई में हुई भीषण बारिश के बाद सीमांचल की नदियां उफान पर हैं. गंगा, कोसी और महानंदा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. जिससे क्षेत्र के ताल-तलैया पूरी तरह पानी से लबालब हैं.

Fear of flood
बाढ़ की आशंका
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Published : Aug 16, 2020, 3:12 PM IST

सारण: नेपाल और बिहार के कई क्षेत्रों में हुई बारिश ने उत्तर बिहार ने लोगों का जीना दूभर कर दिया है. अभी जिन इलाकों में बाढ़ का पानी था. वहां एक बार फिर से बाढ़ का पानी बढ़ रहा है और कई नए क्षेत्रों में भी बाढ़ का पानी फैल रहा है.

राज्य के आपदा कार्यालय के मुताबिक अभी भी 7 लाख लोग बाढ़ ग्रस्त हैं और 16 जिले के 134 प्रखंडों की 1231 पंचायतों में बाढ़ है. अब तक 77 लाख 18 हजार 788 लोग बाढ़ पीड़ित हुए हैं. हालांकि कहीं-कहीं हालात में सुधार देखने को मिल रहा है. इधर छपरा, दरभंगा, मुजफ्फरपुर और पूर्वी चंपारण में अभी भी स्थिति अच्छी नहीं कही जा सकती है.

बाढ़ की आशंका से सहमें ग्रामीण
वहीं, वाल्मीकि नगर में गंडक बराज से 2 लाख 12 हजार क्यूसेक पानी का डिस्चार्ज एक बार फिर कर दिया गया है. इससे बिहार समेत पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्रों में भी पानी का जमाव होने की आशंका बढ़ गई है और छपरा जिले में भी बाढ़ का एक बार दोबारा असर होने वाला है. इससे ग्रामीणों में की परेशानी बढ़ गई है और सभी ग्रामीण काफी सहमे हैं कि पिछली बार 1 लाख 10 क्यूसेक पानी छोड़ा गया था. अब 2 लाख 12 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है अब क्या स्थिति होती है.

नेपाल में हो रही लगातार बारिश
वहीं, छपरा जिले के कई नये क्षेत्रों में भी बाढ़ का पानी फैला है जबकि गंडक बराज के अधिकारियों की मानें तो नेपाल में हो रही लगातार बारिश से तराई और पहाड़ी क्षेत्रों में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. नेपाल से छूटे पाने के कारण गंडक बराज का जलस्तर लगातार बढ़ने के क्रम में है. वहीं, उम्मीद जताई जा रही है कि जलस्तर में और बढ़ोतरी हो सकती है. बता दें कि लगातार गंडक बराज के जलस्तर में उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है. वहीं, जिले में कई जगहों पर बाढ़ का पानी कम हुआ है. छपरा जिले से गुजरने वाली अन्य नदियां जिसमें सरयू और गंगा का भी जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है. लेकिन बाल्मीकि नगर बैराज से इतने मात्रा में पानी छोड़े जाने के बाद स्थिति एक बार फिर गंभीर हो सकती है.

बाढ़ प्रभावित क्षेत्र
वहीं, छपरा जिला प्रशासन की ओर से बाढ़ पीड़ितों के लिए इंतजाम भी काफी किया गया है. छपरा जिला प्रशासन ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रभावित प्रखंड की संख्या 9 है. 102 पंचायत और 460 गांव है. आबादी 7010 495 है जो बाढ़ प्रभावित हैं यहां पर प्रशासन की ओर से 185 नाव का परिचालन किया जा रहा है. एनडीआरएफ की 5 टीमें है मोटर बोट की संख्या 19 है. 155 सामुदायिक किचन चल रहे हैं. वहीं, ग्रामीणों के लिए बाढ़ पीड़ितों के लिए वितरित पॉलीथिन शीट 24812 मीटर दी गई है. इसके साथ ही भोजन करने वालों की संख्या 94613, मेडिकल कैंप 28, पशु कैंप 8 और 56क्विटल पशु चारा वितरित किया गया है.

सारण: नेपाल और बिहार के कई क्षेत्रों में हुई बारिश ने उत्तर बिहार ने लोगों का जीना दूभर कर दिया है. अभी जिन इलाकों में बाढ़ का पानी था. वहां एक बार फिर से बाढ़ का पानी बढ़ रहा है और कई नए क्षेत्रों में भी बाढ़ का पानी फैल रहा है.

राज्य के आपदा कार्यालय के मुताबिक अभी भी 7 लाख लोग बाढ़ ग्रस्त हैं और 16 जिले के 134 प्रखंडों की 1231 पंचायतों में बाढ़ है. अब तक 77 लाख 18 हजार 788 लोग बाढ़ पीड़ित हुए हैं. हालांकि कहीं-कहीं हालात में सुधार देखने को मिल रहा है. इधर छपरा, दरभंगा, मुजफ्फरपुर और पूर्वी चंपारण में अभी भी स्थिति अच्छी नहीं कही जा सकती है.

बाढ़ की आशंका से सहमें ग्रामीण
वहीं, वाल्मीकि नगर में गंडक बराज से 2 लाख 12 हजार क्यूसेक पानी का डिस्चार्ज एक बार फिर कर दिया गया है. इससे बिहार समेत पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्रों में भी पानी का जमाव होने की आशंका बढ़ गई है और छपरा जिले में भी बाढ़ का एक बार दोबारा असर होने वाला है. इससे ग्रामीणों में की परेशानी बढ़ गई है और सभी ग्रामीण काफी सहमे हैं कि पिछली बार 1 लाख 10 क्यूसेक पानी छोड़ा गया था. अब 2 लाख 12 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है अब क्या स्थिति होती है.

नेपाल में हो रही लगातार बारिश
वहीं, छपरा जिले के कई नये क्षेत्रों में भी बाढ़ का पानी फैला है जबकि गंडक बराज के अधिकारियों की मानें तो नेपाल में हो रही लगातार बारिश से तराई और पहाड़ी क्षेत्रों में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. नेपाल से छूटे पाने के कारण गंडक बराज का जलस्तर लगातार बढ़ने के क्रम में है. वहीं, उम्मीद जताई जा रही है कि जलस्तर में और बढ़ोतरी हो सकती है. बता दें कि लगातार गंडक बराज के जलस्तर में उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है. वहीं, जिले में कई जगहों पर बाढ़ का पानी कम हुआ है. छपरा जिले से गुजरने वाली अन्य नदियां जिसमें सरयू और गंगा का भी जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है. लेकिन बाल्मीकि नगर बैराज से इतने मात्रा में पानी छोड़े जाने के बाद स्थिति एक बार फिर गंभीर हो सकती है.

बाढ़ प्रभावित क्षेत्र
वहीं, छपरा जिला प्रशासन की ओर से बाढ़ पीड़ितों के लिए इंतजाम भी काफी किया गया है. छपरा जिला प्रशासन ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रभावित प्रखंड की संख्या 9 है. 102 पंचायत और 460 गांव है. आबादी 7010 495 है जो बाढ़ प्रभावित हैं यहां पर प्रशासन की ओर से 185 नाव का परिचालन किया जा रहा है. एनडीआरएफ की 5 टीमें है मोटर बोट की संख्या 19 है. 155 सामुदायिक किचन चल रहे हैं. वहीं, ग्रामीणों के लिए बाढ़ पीड़ितों के लिए वितरित पॉलीथिन शीट 24812 मीटर दी गई है. इसके साथ ही भोजन करने वालों की संख्या 94613, मेडिकल कैंप 28, पशु कैंप 8 और 56क्विटल पशु चारा वितरित किया गया है.

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