छपरा: शराबबंदी को सफल बनाने के लिए उत्पाद विभाग, स्थानीय पुलिस, एंटी लिकर स्क्वायड लगातार सक्रिय और चौकस है. बाहर से आने वाली शराब पर बराबर निगरानी रखी जा रही है. छपरा शराब कांड (Chapra Hooch Tragedy) के बाद पुलिस अलर्ट हो गई है. वह शराब माफियाओं को पकड़ने और शराब को जब्त करने में पीछे नहीं है. इसी का नतीजा है कि छपरा में 10 लाख की कीमत की शराब पकड़ी गई है.
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हरियाणा से आ रही शराब जब्त: सारण उत्पाद विभाग की टीम को गुप्त सूचना मिली की हरियाणा से बड़ी मात्रा में शराब बिहार लाई जा रही है. इसे लेकर उत्पाद विभाग की टीम ने घेरा बंदी शुरू की, तभी उत्तर प्रदेश की सीमा से एक एम्बुलेंस तेजी से हूटर बजाता हुआ सरयू नदी के पुल जय प्रभा सेतु को पार कर बिहार की सीमा में पहुंचा. वहीं पहले से घात लगाए हुए उत्पाद विभाग की टीम ने मांझी चेकपोस्ट के पास इस एम्बुलेंस को रुकने का इशारा किया, लेकिन उत्पाद विभाग के अधिकारियों और जवानों के इशारे के बाद भी यह एंबुलेंस रुकने की जगह और तेजी से भागने लगा उस पर शक के आधार पर उत्पाद विभाग के अधिकारियों और जवानों ने इस एम्बुलेंस को आगे जाकर जबरदस्ती रुकवाया.
एंबुलेंस से शराब का काला धंधा: उत्पाद विभाग ने जब एंबुलेंस की तलाशी ली तो इससे 88 कार्टन विदेशी शराब जो 782.640 लीटर के बराबर है, उसे जब्त किया गया. बता दें कि जब्त शराब का मूल्य लगभग 10 लाख रूपये से अधिक है. जब्त शराब एम्बुलेंस के माध्यम से हरियाणा से मुजफ्फरपुर ले जाई जा रही थी. इसमें दो व्यक्तियों की गिरफ्तारी भी हुई है. इनकी पहचान हरियाणा के विक्की विवान और सुमित कुमार के रूप में हुई है.