सारण (बनियापुर): छात्रों और शिक्षकेत्तर कर्मियों के हंगामे के चलते लोक महाविद्यालय हाफिजपुर में गुरुवार को पूरे दिन गहमागहमी का माहौल रहा. एक तरफ जहां शिक्षकेत्तर कर्मी वेतन निर्धारण में मनमामी करने का आरोप लगाते हुए माहाविद्यालय खुलते ही कार्य का बहिष्कार कर धरने पर बैठ गए. वहीं, प्रायोगिक परीक्षा में शामिल होने आए सैकड़ों छात्रों ने प्रायोगिक परीक्षा के नाम पर राशि वसूली का आरोप लगाते हुए नारेबाजी करते हुए हंगामा खड़ा कर दिया.
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शिक्षकेत्तर कर्मियों ने उप प्राचार्य के आश्वाशन के बाद घंटे भर के भीतर ही धरने को समाप्त कर दिया था फिर विश्वविद्यालय द्वारा जारी कार्यक्रम के अनुसार टीडीसी पार्ट 2 की प्रायोगिक परीक्षा में सहयोग की बात की. अभी यह मामला शांत हुआ ही था कि छात्रों की मंडली ने महाविद्यालय के मुख्य गेट पर ताला जड़ विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया.
शिक्षकेत्तर कर्मी संजय कुमार सिंह, कृपा शंकर ओझा, विनायक राय, श्याम नारायण गिरी, मोतीलाल प्रसाद साह सहीत दर्जनों ने बताया कि महाविद्यालय प्रबंधन शिक्षकेत्तर कर्मियों के साथ वेतन भुगतान के मामले में सौतेला व्यवहार कर रहा है. वेतन वितरण को लेकर लिए गए निर्णय में किसी भी शिक्षकेत्तर कर्मी अथवा शिष्टमंडल के सदस्यों से विचार विमर्श नहीं किया जाता है.
विकासकोष के नाम पर पैसे की वसूली
छात्रों ने बताया कि नामांकन, फॉर्म फिलअप और प्रायोगिक परीक्षा के दौरान विकासकोष के नाम पर छात्रों से मनमाना पैसा वसूला जा रहा है. छात्र प्रायोगिक परीक्षा के दौरान लिए जाने वाले पैसे को लेकर आक्रोश में थे. छात्रों ने बताया कि विश्वविद्यालय के निर्देश के विरुद्ध महाविद्यालय द्वारा उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे छात्र-छात्राओं से भी राशि वसूल की जाती है.
इस संबंध में उप प्राचार्य तारकेश्वर सिंह ने बताया कि वित्तरहित महाविद्यालय के संचालन व आंतरिक श्रोत से शिक्षकों के वेतन व अन्य खर्च के लिए छात्रों से निर्धारित राशि ली जाती है. प्रायोगिक परीक्षा के बाद शिक्षकेत्तर कर्मियों से वार्ता के बाद वेतन भुगतान संबंधी समस्या का समाधान निकाला जाएगा.
नहीं हुआ प्रायोगिक परीक्षा, बैरंग लौटे छात्र
टीडीसी पार्ट 2 की पहले दिन की प्रायोगिक परीक्षा शिक्षकेत्तर कर्मियों और छात्रों के हंगामे की भेंट चढ़ गई. शिक्षकेत्तर कर्मियों के धरने को लेकर परीक्षा का आयोजन पूर्व से ही संसय में था. इसी दौरान छात्रों ने नारेबाजी करते हुए हंगामा कर दिया. घंटों हंगामे को देख अधिकाधिक छात्र-छात्राएं परीक्षा दिए बगैर ही वापस लौट गए. कुछ छात्र देर तक महाविद्यालय परिसर में जमे रहे, जिन्हें महाविद्यालय प्रशासन ने दूसरे दिन आने को कहा.