छपरा: बिहार के सारण जिले के मशरक और इसुआपुर थाना क्षेत्र (Isuapur police station) में 30 लोगों की संदिग्ध मौत हो गई. जबकि कई बीमार लोग अस्पताल में इलाजरत हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि सभी की मौत (Many People Died from Poisonous liquor in chapra) जहरीली शराब पीने से हुई है. हालांकि प्रशासन जहरीली शराब पीने से मौत की पुष्टि नहीं कर रहा है. फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुट गई है.
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आक्रोशित ग्रामीणों ने जाम की सड़कः घटना से आक्रोशित ग्रामीणों की मौके पर भीड़ उमड़ पड़ी है. ग्रामीणों की भीड़ ने SH73 और SH90 पर आवागमान बाधित कर दिया है. वहीं इतनी बड़ी घटना होने के बाद भी किसी भी तरह की प्रशासनिक पहल दिखाई नहीं दे रही है. इलाके के लोगों को आवागमन में परेशानी हो रही है. मौके पर गाड़ियों की कतारें भी लग गई हैं. उधर आक्रोशित लोग बड़े अधिकारियों को बुलाने और मुआवजे की मांग पर अड़े हुए हैं.
पुलिस मुख्यालय का क्या कहना है : बिहार पुलिस मुख्यालय के एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार के मुताबिक, सारण जिले में जहरीली शराब से अब तक 6 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है. वहीं पांच लोग इलाजरत हैं. शराब से जुड़े तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है. बाकी की गिरफ्तारी को लेकर छापेमारी की जा रही है.
''जैसा कि आप लोग और पीड़ितों के परिजन बता रहे हैं कि शराब पीने से इन लोगों की तबीयत बिगड़ी है. बाद में पीड़ितों की मौत हो गई है. अब तक कई लोगों की मौत हो चुकी है. यह संख्या कितना होगा. यह कहा नहीं जा सकता है. मौत कैसे हुई है, यह पोस्टमार्टम रिपोर्ट और उनके सैंपल के लैब जांच के बाद ही पता चल पायेगा. गांव में कई लोग बीमार हैं. हमारी टीम गांव में कैंप कर रही है. आशा सहित कई माइकिंग कर बीमार लोगों को इलाज के लिए आगे आने के लिए कहा जा रहा है. मिथाइल अल्कोहल का असर तेजी से फैलता है. इलाज में जितना लेट होगा, मरीजों को बचाना उतना मुश्किल है. जब हालत काफी खराब हो जाता है, तब मरीजों को लोग घरों से बाहर लेकर आ रहे हैं. इस काम में न तो पीड़ित परिवार न ही ग्रामीण मदद कर रहे हैं.''- सागर दुलाल सिन्हा, सिविल सर्जन, सारण
मृत व्यक्तियों की हुई पहचानः जहरीली शराब पीने से मृत सभी व्यक्तियों की पहचान हो गई है. इनमें 22 लोग मशरक, 6 मढ़ौरा और 2 लोग दोयला इसुआपुर के रहने वाले थे. घटना के बाद जिला प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है. डॉक्टर ने आशंका जताई है कि सभी की मौत जहरीली शराब पीने से हुई है लेकिन मौत का असल कारण पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही पता चल पाएगा. बता दें कि सारण जिले में जहरीली शराब पीने से मौत की ये घटना कोई पहली है. यहां जहरीली शराब पीने से इस साल अब तक कई लोगों की जान जा चुकी है.
मृत व्यक्तियों के नाम.....
1. मुकेश शर्मा - 30 वर्ष पुत्र बच्चा शर्मा - हनुमानगंज थाना, मशरक
2. अमित रंजन- 38 वर्ष पुत्र द्विजेंद्र कुमार सिन्हा, डोईला, इसुआपुर
3. संजय सिंह- 45 वर्ष पुत्र वकील सिंह- डोइला, इसुआपुर
4. विजेन्द्र यादव - 46 वर्ष पुत्र स्व. नरसिंह राय, डोईला थाना इसुआपुर
5. रामजी साह- 55 वर्ष पुत्र गोपाल साह, शास्त्री टोला, मशरक
6. कुणाल कुमार सिंह- 38 वर्ष पुत्र भदु सिंह- मसरख यदु मोड़, मशरक
7. नासिर हुसैन- 42 वर्ष पुत्र समसुद्दीन, मसरख तख्त थाना मशरक
8. जयदेव सिंह- 43 वर्ष पुत्र बिंदा सिंह, गांव बेंग छपरा, मशरक
9. रमेश राम- 42 वर्ष पुत्र कन्होया राम, मशरक
10. चंद्रमा राम- 48 वर्ष पुत्र स्व. जीताराम- मशरक
11. विक्की महतो- 16 वर्ष पुत्र सुरेश महतो, मढ़ौरा
12. भरत राम- पुत्र मोहर राम, मशरक
13. गोविंदा राम पुत्र घिनावन राय पचखंडा, मशरक
14. मनोज राम पुत्र सपूत राम दुर्गौली, मशरक
15. हरेंद्र राम, पुत्र गणेश राम, मशरक तख्त
16. अजय गिरि, पुत्र सूरज गिरी, बहरौली
17. ललन राम, पुत्र करीमन राम, सियारभुका मशरक
18. शैलेंद्र राय, पुत्र दीना नाथ राय, बहरौली
19. दिनेश ठाकुर, पुत्र असरफी ठाकुर
20. प्रेम चंद्रसाह, पुत्र मुन्नी लाल साह, महुली इसुआपुर
21. जय प्रकाश सिंह, गोपाल बाड़ी, मशरख
22. विश्वकर्मा पटेल, गोपाल बाड़ी, मशरख
23. उपेंद्र राम, पुत्र अच्छेलाल राम, अमनौर
24. उमेश राय, पुत्र शिवपूजन राय, अमनौर
25. सलाउद्दीन मियां, पुत्र वकील मियां, अमनौर
26. सीता राम राय, पुत्र सिपाही राय, बहरौली मसरख
27. इकराकुल हक, पुत्र मकसूद अंसारी. बहरौली मसरख
28. दूधनाथ तिवारी, पुत्र महावीर तिवारी, बहरौली मसरख
29. अनिल ठाकुर, पुत्र परमा ठाकुर, बहरौली मसरख
शराबबंदी पर उठ रहे हैं सवालः मालूम हो कि इससे पहले भी इसी साल अगस्त में मरहौरा और मशरक में तकरीबन 13 लोगों की शराब पीने से मृत्यु हुई थी. इस मामले में भी पुलिस पल्ला झाड़ती नजर आई थी, अब इस घटना को लेकर भी लोग पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रहे हैं. राज्य सरकार के आंकड़ों के मुताबिक पिछले एक साल में जहरीली शराब के सेवन से करीब 173 लोगों की मौत हुई है. जनवरी 2022 में बिहार के बक्सर, सारण और नालंदा जिलों में बैक टू बैक घटनाओं में 36 लोगों की मौत हुई थी. ये घटनाएं साबित करती हैं कि बिहार में शराबबंदी विफल है, लेकिन सरकार इस हकीकत को स्वीकार नहीं करना चाहती.
बिहार में शराबबंदी कानून फेल : बता दें कि 5 अप्रैल 2016 से बिहार में पूर्ण शराबबंदी के बावजूद भी बिहार में शराबबंदी कानून पूर्ण रूप से लागू नहीं हो पा रहा है. इस कारण से जहरीली शराब से बिहार के विभिन्न जिलों में लोगों की मौत होती रहती है. यह पहली बार नहीं है, जब जहरीली शराब से लोगों की मौत हुई है. सवाल यह उठ रहा है कि आखिर जहरीली शराब से हो रही मौत का जिम्मेदार कौन है. क्या वह शराब माफिया जो जहरीली शराब बेच रहे हैं या वह प्रशासन जिनकी मिलीभगत से शराब जिलों में बेची जा रही है. ऐसे में सवाल यह उठ रहा है कि जहरीली शराब से मौत का जिम्मेदार सिर्फ चौकीदार या थाना प्रभारी ही कैसे हो सकता है, जिन्हें शराब से मौत के मामले में अक्सर दोषी पाकर सस्पेंड कर दिया जाता है.