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UPSC Results: आईटी की अच्छी जॉब छोड़कर बिहार की श्रुति अब बनेंगी 'कलेक्टर', मिली 25वीं रैंक

बिहार के सारण की रहने वाली श्रुति राजलक्ष्मी ने यूपीएससी में 25वीं रैंक हासिल की है. कंप्यूटर साइंस से बी-टेक करने के बाद श्रुति का यूपीएससी की ओर कैसे झुकाव हुआ जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर.

आईटी की अच्छी जॉब छोड़कर बिहार की श्रुति अब बनेंगी 'कलेक्टर'
आईटी की अच्छी जॉब छोड़कर बिहार की श्रुति अब बनेंगी 'कलेक्टर'
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Published : May 30, 2022, 9:54 PM IST

सारण/रांची : यूपीएससी की तैयारी कर रहे झारखंड के युवाओं के लिए एक प्रेरणादायी खबर है. झारखंड की एक बिटिया ने यूपीएससी में ऑल इंडिया 25वीं रैंक हासिल कर अपने परिवार के साथ-साथ राज्य का नाम रौशन किया है. श्रुति राजलक्ष्मी ने बीएचयू आईआईटी से 2019 में कंप्यूटर साइंस से पास करके एक साल नौकरी की. फिर सेल्फ तैयारी कर यूपीएससी में सफलता पाई. श्रुत्रि की प्रारंभिक शिक्षा लोयला स्कूल रांची में हुई और फिर जमशेदपुर में साइंस टॉपर रहीं. 12वीं कक्षा डीपीएस आरके पुरम दिल्ली से पास की. श्रुति मूलत: बिहार के सारण की रहने वाली हैं.

ये भी पढ़ें- UPSC Result :बकरी और भैंस पालकर मां ने बेटे को बनाया IAS.. बचपन में ही उठ गया था पिता का साया

ईटीवी भारत से ब्यूरो चीफ राजेश कुमार सिंह को श्रुति राजलक्ष्मी ने बताया कि आईटी सेक्टर में काम करने के दौरान यूपीएससी की तरफ उनका झुकाव कब और कैसे हुआ. श्रुति के पिता आनंद कुमार झारखंड हाई कोर्ट में अधिवक्ता हैं. उनकी माता जी का नाम प्रीति रानी है. वह महिला एवं बाल विकास विभाग में सेवारत हैं. श्रुति के दादाजी का नाम रामाश्रय प्रसाद सिंह और दादी का नाम सुशीला सिंह है. श्रुति ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और दादा-दादी को दिया.

पढ़ें-पिता प्राइवेट टीचर.. बेटा बना आईएएस, आशीष को UPSC में मिला 23 वां रैंक

उन्होंने कहा कि अच्छी खासी आईटी जॉब छोड़कर यूपीएसएसी की तैयारी के लिए पूरे परिवार ने मोटिवेट किया. पहली कोशिश में पीटी पास नहीं करने के बावजूद परिवार का श्रुति पर भरोसा बरकरार रहा. उसी का नतीजा रहा कि श्रुति ने अपने लक्ष्य को पाया. कंप्यूटर साइंस में बी-टेक करने वाली श्रुति ने ऑपशनल पेपर एंथ्रोपोलॉजी क्यों लिया. आजकल प्रशासनिक सेवा के अफसरों पर भ्रष्टाचार के गंभीर दाग लग रहे हैं. ऐसे में श्रुति खुद को एक अलग अफसल के रूप में कैसे स्थापित करेंगी. इन तमाम सवालों का जवाब श्रुति ने बेहद सादगी और विश्वास के साथ दिया. उन्होंने झारखंड कैडर के लिए अप्लाई किया है.

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सारण/रांची : यूपीएससी की तैयारी कर रहे झारखंड के युवाओं के लिए एक प्रेरणादायी खबर है. झारखंड की एक बिटिया ने यूपीएससी में ऑल इंडिया 25वीं रैंक हासिल कर अपने परिवार के साथ-साथ राज्य का नाम रौशन किया है. श्रुति राजलक्ष्मी ने बीएचयू आईआईटी से 2019 में कंप्यूटर साइंस से पास करके एक साल नौकरी की. फिर सेल्फ तैयारी कर यूपीएससी में सफलता पाई. श्रुत्रि की प्रारंभिक शिक्षा लोयला स्कूल रांची में हुई और फिर जमशेदपुर में साइंस टॉपर रहीं. 12वीं कक्षा डीपीएस आरके पुरम दिल्ली से पास की. श्रुति मूलत: बिहार के सारण की रहने वाली हैं.

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ईटीवी भारत से ब्यूरो चीफ राजेश कुमार सिंह को श्रुति राजलक्ष्मी ने बताया कि आईटी सेक्टर में काम करने के दौरान यूपीएससी की तरफ उनका झुकाव कब और कैसे हुआ. श्रुति के पिता आनंद कुमार झारखंड हाई कोर्ट में अधिवक्ता हैं. उनकी माता जी का नाम प्रीति रानी है. वह महिला एवं बाल विकास विभाग में सेवारत हैं. श्रुति के दादाजी का नाम रामाश्रय प्रसाद सिंह और दादी का नाम सुशीला सिंह है. श्रुति ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और दादा-दादी को दिया.

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उन्होंने कहा कि अच्छी खासी आईटी जॉब छोड़कर यूपीएसएसी की तैयारी के लिए पूरे परिवार ने मोटिवेट किया. पहली कोशिश में पीटी पास नहीं करने के बावजूद परिवार का श्रुति पर भरोसा बरकरार रहा. उसी का नतीजा रहा कि श्रुति ने अपने लक्ष्य को पाया. कंप्यूटर साइंस में बी-टेक करने वाली श्रुति ने ऑपशनल पेपर एंथ्रोपोलॉजी क्यों लिया. आजकल प्रशासनिक सेवा के अफसरों पर भ्रष्टाचार के गंभीर दाग लग रहे हैं. ऐसे में श्रुति खुद को एक अलग अफसल के रूप में कैसे स्थापित करेंगी. इन तमाम सवालों का जवाब श्रुति ने बेहद सादगी और विश्वास के साथ दिया. उन्होंने झारखंड कैडर के लिए अप्लाई किया है.

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