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ये हुई न बात! पहली बेटी बैंक ऑफिसर, दूसरी IIT इंजीनियर, तीसरी बनीं SDM

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Published : Oct 9, 2021, 5:50 PM IST

सारण जिले के मढ़ौरा की रहने वाली शिखा ने पहले ही प्रयास में 65 वीं बीपीएससी की परीक्षा में सफलता हासिल कर लिया. जमशेदपुर से इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी कर वो पहले ओरेकल जैसी मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी भी कर चुकी हैं.

बीपीएससी में सफलता पाकर बनीं एसडीएम
बीपीएससी में सफलता पाकर बनीं एसडीएम

सारण: बिहार के सारण जिले के रहने वाली शिखा ने पहले ही बार में 65 वीं बीपीएससी (BPSC) की परीक्षा में सफलता पा लिया है. ये इस प्रतिष्ठित प्रतियोगी परीक्षा में 37वां रैंक प्राप्त कर अब बिहार में एसडीएम (SDM) के पद को सुशोभित करेंगी. शिखा एनआइटी जमशेदपुर से इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी कर पहले ओरेकल जैसी मल्टीनेशनल कंपनी (Multinational Company Oracle) में सेवा दे चुकी हैं.

ये भी पढ़ें- खाद बेचने वाले के बेटे ने BPSC में मारी बाजी, 8वीं रैंक लाकर जिले का नाम किया रोशन

मढ़ौरा प्रखंड स्थित राजगांवा निवासी इंजिनियर संतोष कुमार एवं शिक्षिका भागमणी देवी की छोटी बेटी शिखा ने पहले ही प्रयास में 65 वीं बीपीएससी की परीक्षा में सफलता हासिल कर ली. इंजीनियर संतोष कुमार की तीन पुत्रियों में शिखा सबसे छोटी हैं जबकि उनकी बड़ी पुत्री सिप्पी कुमारी केनरा बैंक समस्तीपुर में शाखा प्रबंधक हैं. दूसरी पुत्री डेजी कुमारी, आईआईटी खड़गपुर एवं आईआईएम कोलकाता से पढ़ाई कर फिलहाल फ्रांस में एमेजॉन जैसी मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी कर रहीं हैं.

ये भी पढ़ें- वरुण ने बढ़ाया नालंदा का मान, BPSC की परीक्षा में लाया तीसरा स्थान

शिखा की इस असाधारण सफलता से उनके घर परिवार, रिश्तेदारों के साथ-साथ गांव के लोगों में खुशी का माहौल है. लोग अपने गांव की इस बेटी पर गर्व कर रहे हैं. उनकी प्रेरणास्रोत रहे उनके बड़े बहनोई समस्तीपुर यूनियन बैंक के प्रबन्धक रविभूषण कुमार ने बताया कि शिखा ने प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षा हाजीपुर से प्राप्त की. इंजीनियरिंग की पढ़ाई एनआइटी जमशेदपुर से पूरी की. बीपीएससी में सफल होने के बाद शिखा ने इसका श्रेय गुरुओं के साथ-साथ अपनी माता भागमनी देवी और पिता इंजीनियर संतोष कुमार को दिया है.

'इतने से संतुष्ट नही हूं. भविष्य में यूपीएससी में सफल होकर आइएएस अधिकारी बनना चाहती हूं.' : शिखा, 65 वीं BPSC सफल प्नतिभागी

शिखा ने बीपीएससी और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले युवक व युवतियों को सन्देश देते हुए कहा कि- 'किसी भी प्रतियोगी परीक्षा में सफल होने के लिए कोई शॉटकट रास्ता नहीं है. इसके लिए पूरी लगन से रूटीन बनाकर नियमित रूप से एक तपस्वी की तरह लगातार पढ़ाई करनी ही पड़ेगी तभी जाकर आपको अपना लक्ष्य प्राप्त हो सकेगा.'

ये भी पढ़ें- 67वीं BPSC परीक्षा के लिए आवेदन शुरू, 5 नवंबर है आखिरी तारीख

बताते चलें कि बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) 65वीं का फाइनल रिजल्ट (BPSC Result) जारी हो चुका है. इस परीक्षा में कुल 422 छात्र पास हुए हैं. गौरव सिंह (BPSC Topper Gaurav Singh) ने टॉप किया है. चंदन भारती को दूसरा स्थान (BPSC Second Topper Chandan Bharti) मिला है. तीसरे स्थान पर वरुण कुमार ने कब्जा जमाया है. टॉप टेन छात्रों में 2 छात्राओं ने भी जगह बनाई है.

65वीं BPSC में 14 विभागों में 423 पदों पर नियुक्ति की जानी है. इस साल सबसे अधिक ग्रामीण विकास पदाधिकारी के 110, बिहार शिक्षा सेवा के 72, डीएसपी के 62 पद हैं. जिनकी नियुक्ति को लेकर रिजल्ट जारी कर दिया गया है.

ये भी पढ़ें- BPSC 64th Final Result: बच्चे की परवरिश और परिवार की देखरेख करते हुए अर्चना ने क्लियर की परीक्षा, ये है इनकी कहानी

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मढ़ौरा प्रखंड स्थित राजगांवा निवासी इंजिनियर संतोष कुमार एवं शिक्षिका भागमणी देवी की छोटी बेटी शिखा ने पहले ही प्रयास में 65 वीं बीपीएससी की परीक्षा में सफलता हासिल कर ली. इंजीनियर संतोष कुमार की तीन पुत्रियों में शिखा सबसे छोटी हैं जबकि उनकी बड़ी पुत्री सिप्पी कुमारी केनरा बैंक समस्तीपुर में शाखा प्रबंधक हैं. दूसरी पुत्री डेजी कुमारी, आईआईटी खड़गपुर एवं आईआईएम कोलकाता से पढ़ाई कर फिलहाल फ्रांस में एमेजॉन जैसी मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी कर रहीं हैं.

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शिखा की इस असाधारण सफलता से उनके घर परिवार, रिश्तेदारों के साथ-साथ गांव के लोगों में खुशी का माहौल है. लोग अपने गांव की इस बेटी पर गर्व कर रहे हैं. उनकी प्रेरणास्रोत रहे उनके बड़े बहनोई समस्तीपुर यूनियन बैंक के प्रबन्धक रविभूषण कुमार ने बताया कि शिखा ने प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षा हाजीपुर से प्राप्त की. इंजीनियरिंग की पढ़ाई एनआइटी जमशेदपुर से पूरी की. बीपीएससी में सफल होने के बाद शिखा ने इसका श्रेय गुरुओं के साथ-साथ अपनी माता भागमनी देवी और पिता इंजीनियर संतोष कुमार को दिया है.

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शिखा ने बीपीएससी और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले युवक व युवतियों को सन्देश देते हुए कहा कि- 'किसी भी प्रतियोगी परीक्षा में सफल होने के लिए कोई शॉटकट रास्ता नहीं है. इसके लिए पूरी लगन से रूटीन बनाकर नियमित रूप से एक तपस्वी की तरह लगातार पढ़ाई करनी ही पड़ेगी तभी जाकर आपको अपना लक्ष्य प्राप्त हो सकेगा.'

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65वीं BPSC में 14 विभागों में 423 पदों पर नियुक्ति की जानी है. इस साल सबसे अधिक ग्रामीण विकास पदाधिकारी के 110, बिहार शिक्षा सेवा के 72, डीएसपी के 62 पद हैं. जिनकी नियुक्ति को लेकर रिजल्ट जारी कर दिया गया है.

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