छपरा: बिहार के छपरा में जयप्रकाश विश्वविद्यालय (Jaiprakash University in Chapra) के सीनेट की पहली बार अध्यक्षता कर रहे बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर के द्वारा शैक्षणिक अराजकता एवं भ्रष्टाचार के मुद्दे पर बात की गई. उन्होंने कहा कि इसको दूर करने के लिए कुछ कड़वे निर्णय लेने होंगे जो शायद लोगों को खराब भी लगे लेकिन अगर शैक्षणिक अराजकता और भ्रष्टाचार को खत्म करना है, तो कुछ तो कड़ाई करनी होगी. राज्यपाल ने कहा कि भ्रष्टाचार एक बड़ा मुद्दा है और इसमें सुधार करने की जरूरत है.
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सुधार के लिए बदलनी होगी सोच: आगे उन्होंने कहा कि अगर राजपाल सिर्फ राजभवन में बैठेंगे तो काम कैसे चलेगा. सुधार के लिए अपने सोच में बदलाव की भी जरूरत है और इसके लिए हमें स्वयं में भी बदलाव करना होगा. वहीं राज्यपाल ने अपने तय कार्यक्रम से काफी देर तक विश्वविद्यालय के सीनेट की बैठक में अध्यक्ष के रूप में भाग लिया और सभी समस्याओं को काफी बारीकी से सुना. उन्होंने कॉलेज के प्राचार्य से भी उनकी समस्याओं को सुना और शीघ्र ही सभी के निराकरण के लिए कारवाई की बात भी कही.
पहली बार पहुंचे कुलाधिपति: बता दें कि सीनेट की अध्यक्षता कर रहे राज्यपाल लोक नायक के विचारों पर चलने वाले व्यक्ति हैं. उन्होंने विश्वविद्यालय के सीनेट में कहा कि शिक्षा पर ध्यान देने की जरूरत है. हालांकि आजकल लोकनायक के विचार के खिलाफ काम हो रहा है, जो बर्दाश्त के बाहर है. इस मौके पर सीनेट की बैठक में जयप्रकाश विश्वविद्यालय के लिए लगभग 5 अरब रुपए के बजट पर मुहर भी लगी है.
"अराजकता एवं भ्रष्टाचार को दूर करने के लिए कुछ कड़वे निर्णय लेने होंगे जो शायद लोगों को खराब भी लगे लेकिन अगर शैक्षणिक अराजकता और भ्रष्टाचार को खत्म करना है, तो कुछ तो कड़ाई करनी होगी. भ्रष्टाचार एक बड़ा मुद्दा है और इसमें सुधार करने की जरूरत है."- डॉ फारूक अली, कुलपति जय प्रकाश विश्वविद्यालय, छपरा