छपरा: सारण (Saran) जिले में स्वास्थ्य विभाग (Health Department) की स्थिति बद से बदतर है. यहां के डॉक्टर सरकारी अस्पताल में कम और अपने प्राइवेट नर्सिग होम में ज्यादा समय देते हैं. इसका जीता जागता उदाहरण रेफरल अस्पताल मढ़ौरा (Referral Hospital, Marhowrah) में देखने को मिला. जहां अस्पताल के वार्ड में मरीजों के जगह कुत्ते घूमते नजर आए.
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इस विषय में जब ईटीवी भारत की टीम ने वहां उपस्थित डॉक्टर से जानकारी ली तो पता चला कि डॉक्टर साहब आपने प्राइवेट हॉस्पिटल चलाने के चक्कर में व्यस्त हैं. जबकि उस समय ड्यूटी डिप्टी हॉस्पीटल प्रभारी आरएन तिवारी की ही थी. इधर अस्पताल में इलाज कराने के लिये मरीज सुबह से ही डॉक्टर साहब का इंतजार कर रहे थे.
अस्पताल में उपस्थित मरीज के परिजनों ने कहा कि हमलोग सुबह से डॉक्टर साहब का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन डॉक्टर साहब अपना स्टेशन रोड स्थित प्राइवेट हॉस्पिटल पर मरीज देख रहे हैं. लोगों ने कहा कि अगर सरकारी हॉस्पिटल की यही स्थिति रही तो मरीज भगवान भरोसे ही बच पाएंगे.
वहीं अस्पताल में डॉक्टरों के रोस्टर के संबंध में जब ईटीवी भारत की टीम ने वहां के मैनेजर से जानकारी लेनी चाही, तो उन्होंने साफ तौर पर बोल दिया कि आप पूछने वाले कौन होते हैं. वहीं जब टीम डॉक्टर की अनुपस्थिति का चेंबर का वीडियो बनाने लगी तो अस्पताल के डाटा ऑपरेटर ने पत्रकार का मोबाइल छीन लिया और अभद्र भाषा का प्रयोग करने लगे.
जिसके बाद इसकी सूचना मढ़ौरा एसडीओ और डीएससी को दी गई. इस संबंध में मढौरा एसडीओ ने बताया कि वह अपने स्तर से इसकी जांच पड़ताल कर रहे हैं. काम में अनियमितता पाई गई तो किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा.
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