सारण : आजादी का 75वां वर्षगांठ स्वतंत्रता दिवस रविवार को पूरे देश में धूमधाम से मनाया गया. वहीं सारण (Saran) जिले में एक स्कूल में स्वतंत्रता दिवस पर (No Flag Hoisting In School) ध्वजारोहन नहीं किया गया. इसको लेकर यहां के ग्रामीणों में नाराजगी है. जिसे लेकर सोमवार को छात्रों और स्थानीय ग्रामीणों ने स्कूलों के सामने विरोध प्रदर्शन किया. वहीं बता दें कि जिले के गड़खा प्रखंड में बाढ़ से घिरे बसंत महाविद्यालय में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया. बाढ़ की विभीषिका भी महाविद्यालय के कर्मियों के उत्साह को कमजोर नहीं कर सका.
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ये पूरा मामला अमनौर के प्राथमिक विद्यालय किशुनपुर का है. स्वतंत्रता दिवस पर झंडोत्तोलन कार्यक्रम नहीं होने से नाराज ग्रामीणों ने दूसरे दिन स्कूल के सामने विरोध प्रदर्शन किया. ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि प्रधानाध्यापक के लापरवाही के कारण झंडात्तोलन कार्यक्रम नहीं हुआ. ये गंभीर मामला है. जबकि इस दिन स्कूल के अन्य शिक्षक विद्यालय आये हुए थे. स्कूल प्रभारी के नहीं आने के कारण झंडात्तोलन नहीं हो सका. विद्यालय के प्राधानाध्यापक का स्थानांतरण कर देना चाहिए.
'15 अगस्त के दिन प्राधानाध्यपक को फोन किया गया लेकिन वे नहीं उठाये. 4 घंटे तक हमलोगों ने स्कूल में उनका इंतजार किया लेकिन उनके नहीं आने के बाद हम सभी लौट गए.' :- रवि कुमार, शिक्षक
प्राथमिक विद्यालय किशुनपुर में ग्रामीणों के हंगामे की खबर सुन शिक्षा पदाधिकारी ने अपने एक प्रतिनिधि बीआरपी को जांच में भेजा. जांच करने आये हरिवंशी ने बताया कि समाजसेवी भावी मुखिया प्रत्याशी बाबू साहेब महतो समेत ग्रामीणों के अनुसार 15 अगस्त को स्कूल में झंडोत्तोलन नहीं किया गया. वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक स्कूल प्रधानाध्यपक कोरोना पॉजिटिव हो चुके हैं, जिस वजह से झंत्तोलन कार्यक्रम का आयोजन नहीं कर पाये. हालांकि इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है.
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