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कोरोना और लॉकडाउन के बीच गर्मी की मार, पेयजल का संकट गहराया

छपरा में पेयजल की स्थिति काफी गंभीर है. अप्रैल महीने में ही नदी, तालाब और हैण्ड पंप सूख गए हैं. इस कारण आम लोगों को परेशानी दोगुनी हो गई है.

लोगों को हो रही पेयजल की समस्या
लोगों को हो रही पेयजल की समस्या
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Published : Apr 19, 2020, 12:41 PM IST

छपरा: देशव्यापी कोरोना वायरस और लॉकडाउन के बीच जिले के लोगों को गर्मी की समस्या से भी दो-चार होना पड़ रहा है. अप्रैल महीने में ही पेयजल का संकट शुरू हो गया है. स्थिति अभी से ही गम्भीर बनी हुई है. पहले ही कोरोना संकट के कारण लोग घरों से कम निकल रहे हैं. हालांकि, कुछ लोगों को जिलाधिकारी से मिलकर पेयजल संकट की शिकायत की है. इसके अलावा जिलावासियों ने नल जल योजना में की जा रही कोताही के संबंध में जिलाधिकारी से गुहार लगाई है.

दरअसल, छपरा में पिछ्ले साल की अपेक्षा इस वर्ष अधिक गर्मी के कारण स्थिति काफी गम्भीर है. भू-जल स्तर काफी तेजी से नीचे जा रहा है. नतीजतन, पेयजल को लेकर हाहाकार मचा हुआ है. नदी, कुएं, तालाब और हैंड पंप सभी पूरी तरह से फेल हो चुके हैं. वहीं, नल जल योजना मे बरती जा रही लापरवाही के कारण भी पेयजल आपूर्ति में बाधा आ रही है.

saran
जितेन्द्र कुमार राय, विधायक

जल आपूर्ति में क्यों आ रही परेशानी?
जानकारी के मुताबिक कहीं नल जल योजना का मोटर खराब है तो कही पर्याप्त मात्रा में वोल्टेज नहीं होने की वजह से मोटर काम नहीं कर रहा है. कुछ इलाकों में ये हाल है कि नल जल योजना की सभी चीजें तैयार हैं लेकिन, अभी तक ठेकेदार ने हैण्ड ओवर नहीं किया है. इसके अलावा कहीं पम्प आपरेटर समय से पम्प चला नहीं रहे हैं. जिस कारण लोंगो को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

पेश है एक रिपोर्ट

इन इलाकों में हो रही अधिक परेशानी
बता दें कि छपरा के मर्हौरा विधानसभा क्षेत्र के नगरा ब्लाक के नबीगंज, तेजपुरवा, पटेढ़ा और गौरा क्षेत्र में पेयजल का भयानक संकट बना हुआ है. वहीं, नगरा के नबीगंज निवासी ने बताया कि इलाके में हाल-बेहाल है. ऐसे में उन्होंने जिलाधिकारी से मिलकर पेयजल और नल जल योजना की बात कही है. साथ ही इसका समाधान निकालने को भी कहा है. वहीं, स्थानीय विधायक ने कहा कि उन्होंने समस्या को लेकर जिलाधिकारी और मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है और सभी पुराने खराब चापाकल की मरम्मत और नए चापाकल लगाने की मांग की है.

छपरा: देशव्यापी कोरोना वायरस और लॉकडाउन के बीच जिले के लोगों को गर्मी की समस्या से भी दो-चार होना पड़ रहा है. अप्रैल महीने में ही पेयजल का संकट शुरू हो गया है. स्थिति अभी से ही गम्भीर बनी हुई है. पहले ही कोरोना संकट के कारण लोग घरों से कम निकल रहे हैं. हालांकि, कुछ लोगों को जिलाधिकारी से मिलकर पेयजल संकट की शिकायत की है. इसके अलावा जिलावासियों ने नल जल योजना में की जा रही कोताही के संबंध में जिलाधिकारी से गुहार लगाई है.

दरअसल, छपरा में पिछ्ले साल की अपेक्षा इस वर्ष अधिक गर्मी के कारण स्थिति काफी गम्भीर है. भू-जल स्तर काफी तेजी से नीचे जा रहा है. नतीजतन, पेयजल को लेकर हाहाकार मचा हुआ है. नदी, कुएं, तालाब और हैंड पंप सभी पूरी तरह से फेल हो चुके हैं. वहीं, नल जल योजना मे बरती जा रही लापरवाही के कारण भी पेयजल आपूर्ति में बाधा आ रही है.

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जानकारी के मुताबिक कहीं नल जल योजना का मोटर खराब है तो कही पर्याप्त मात्रा में वोल्टेज नहीं होने की वजह से मोटर काम नहीं कर रहा है. कुछ इलाकों में ये हाल है कि नल जल योजना की सभी चीजें तैयार हैं लेकिन, अभी तक ठेकेदार ने हैण्ड ओवर नहीं किया है. इसके अलावा कहीं पम्प आपरेटर समय से पम्प चला नहीं रहे हैं. जिस कारण लोंगो को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

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इन इलाकों में हो रही अधिक परेशानी
बता दें कि छपरा के मर्हौरा विधानसभा क्षेत्र के नगरा ब्लाक के नबीगंज, तेजपुरवा, पटेढ़ा और गौरा क्षेत्र में पेयजल का भयानक संकट बना हुआ है. वहीं, नगरा के नबीगंज निवासी ने बताया कि इलाके में हाल-बेहाल है. ऐसे में उन्होंने जिलाधिकारी से मिलकर पेयजल और नल जल योजना की बात कही है. साथ ही इसका समाधान निकालने को भी कहा है. वहीं, स्थानीय विधायक ने कहा कि उन्होंने समस्या को लेकर जिलाधिकारी और मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है और सभी पुराने खराब चापाकल की मरम्मत और नए चापाकल लगाने की मांग की है.

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