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छपरा शराब कांड में एक्शन : 200 से ज्यादा आरोपियों को पेशी के लिए लाई पुलिस, देखें VIDEO

छपरा में 50 से ज्यादा लोगों की जहरीली शराब से मौत (More than 50 people died due to poisonous liquor) के बाद पुलिस ने ताबड़तोड़ छापेमारी कर 200 से ज्यादा लोगों को हिरासत में ले लिया है. वहीं इस मुद्दे को लेकर बिहार विधानसभा से लेकर संसद तक चर्चा हो रही है. सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दायर कर एसआईटी जांच की मांग की जा रही है. पढ़ें पूरी खबर...

छपरा में पुलिस का बड़ा एक्शन
छपरा में पुलिस का बड़ा एक्शन
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Published : Dec 16, 2022, 2:22 PM IST

सारण: बिहार के छपरा में जहरीली शराब कांड (Chapra Poisonous Liquor Case) के बाद पुलिस एक्शन में है. 50 से भी ज्यादा लोगों की मौत के बाद पुलिस ताबड़तोड़ छापेमारी कर संदिग्धों को हिरासत में ले रही हैं. पुलिस ने अब तक 200 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है. जिसमें महिलाएं भी शामिल है. गिरफ्तार लोगों की संख्या इतनी अधिक हो गई है कि उसे मिनी ट्रक और बसों में भर भर कर पुलिस मेडिकल जांच के लिए छपरा सदर अस्पताल ले जा रही है. सभी को मेडिकल जांच के बाद कोर्ट में पेशी के लिए ले जाया जाएगा.

ये भी पढ़ें: छपरा शराब कांड: नीतीश के इस्तीफे पर अड़ी BJP का राजभवन मार्च, हत्या का केस दर्ज करने की मांग

200 संदिग्धों को पुलिस ने किया गिरफ्तार: पुलिस की टीम ने अवैध शराब बेचने के मामले में लगभग 200 लोगों को हिरासत में लिया है. जिसमें कई महिलाएं भी शामिल है. बताया जा रहा है कि ये महिलाएं गांव में ताड़ी बेचती है. सभी को गिरफ्तार करने के बाद ट्रक और बसों में भर कर छपरा सदर अस्पताल लाया गया. जहां सभी का मेडिकल जांच किया जाएगा. जांच के बाद उन्हें कोर्ट में हाजिर किया जाएगा और उसके बाद कोर्ट अपना कार्रवाई करेगी.

पुलिस की भूमिका पर भी सवालियां निशान; छपरा में जहरीली शराब पीने से मौतों का सिलसिला लगातार बढ़ रहा है. इस मामले में पुलिस की भूमिका पर भी सवालियां निशान खड़े किए जा रहे हैं. गौरतलब है कि थाना परिसर से स्प्रिट गायब हो जाने मामले में पुलिस ने एक थाना प्रभारी और चौकीदार को सस्पेंड कर दिया है. वहीं पुलिस और जिला प्रशासन पर आरोप है कि छपरा सदर अस्पताल में इलाज के लिए पहुंच रहे बीमार लोगों को पटना रेफर किया जा रहा है और लोगों पर ये कहने का दबाव बनाया जा रहा है कि मरीजों की मौत जहरीली शराब से नहीं बल्कि किसी बीमारी या ठंड लगने से हुई है. इस प्रलोभन का लोगों ने खुलकर विरोध किया है और थानों का घेराव भी किया.

जानिए क्या है छपरा जहरीली शराब कांड मामला: बिहार के छपरा में जहरीली शराब से मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा; रही (Suspected death in Chhapra due to poisonous liquor) है. अब तक 54 लोगों की मौत संदिग्ध जहरीला पदार्थ पीने से हुई है. सारण के मशरक, मढ़ौरा, इसुआपुर और अमनौर प्रखंड में ही ये मौतें हुईं हैं. इस मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए तस्करी करने वाले 200 से अधिक धंधेबाजों को गिरफ्तार किया है. ऐसी आशंका जताई जा रही है मृतकों की संख्या बढ़ सकती है. क्योंकि कई लोगों की हालत अभी गंभीर बनी हुई है. छपरा सदर अस्पताल, पीएमसीएच और एनएमसीएच में मरीजों का इलाज चल रहा है.

पटना से लेकर दिल्ली तक जहरीली शराब कांड की गूंज: छपरा में जहरीली शराब कांड का मामला अब सड़क से लेकर संसद तक पहुंच गया है. बिहार में इस मुद्दे को लेकर भाजपा आक्रमक हो गई है और नीतीश कुमार से इस्तीफे की मांग पर अड़ी है. वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बयान ने मामले को और गरमा दिया है. वहीं बिहार में जहरीली शराब कांड (Bihar Poisonous Liquor Case) की एसआईटी जांच की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है. याचिका में अवैध शराब के निर्माण, व्यापार और बिक्री पर अंकुश लगाने के लिए एक स्वतंत्र जांच और कार्य योजना तैयार करने की मांग की गई है. पीआईएल में पीड़ितों के परिवारों के लिए मुआवजे की भी मांग की गई है

ये भी पढ़ें: बिहार में जहरीली शराब कांड की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल दायर

सारण: बिहार के छपरा में जहरीली शराब कांड (Chapra Poisonous Liquor Case) के बाद पुलिस एक्शन में है. 50 से भी ज्यादा लोगों की मौत के बाद पुलिस ताबड़तोड़ छापेमारी कर संदिग्धों को हिरासत में ले रही हैं. पुलिस ने अब तक 200 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है. जिसमें महिलाएं भी शामिल है. गिरफ्तार लोगों की संख्या इतनी अधिक हो गई है कि उसे मिनी ट्रक और बसों में भर भर कर पुलिस मेडिकल जांच के लिए छपरा सदर अस्पताल ले जा रही है. सभी को मेडिकल जांच के बाद कोर्ट में पेशी के लिए ले जाया जाएगा.

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200 संदिग्धों को पुलिस ने किया गिरफ्तार: पुलिस की टीम ने अवैध शराब बेचने के मामले में लगभग 200 लोगों को हिरासत में लिया है. जिसमें कई महिलाएं भी शामिल है. बताया जा रहा है कि ये महिलाएं गांव में ताड़ी बेचती है. सभी को गिरफ्तार करने के बाद ट्रक और बसों में भर कर छपरा सदर अस्पताल लाया गया. जहां सभी का मेडिकल जांच किया जाएगा. जांच के बाद उन्हें कोर्ट में हाजिर किया जाएगा और उसके बाद कोर्ट अपना कार्रवाई करेगी.

पुलिस की भूमिका पर भी सवालियां निशान; छपरा में जहरीली शराब पीने से मौतों का सिलसिला लगातार बढ़ रहा है. इस मामले में पुलिस की भूमिका पर भी सवालियां निशान खड़े किए जा रहे हैं. गौरतलब है कि थाना परिसर से स्प्रिट गायब हो जाने मामले में पुलिस ने एक थाना प्रभारी और चौकीदार को सस्पेंड कर दिया है. वहीं पुलिस और जिला प्रशासन पर आरोप है कि छपरा सदर अस्पताल में इलाज के लिए पहुंच रहे बीमार लोगों को पटना रेफर किया जा रहा है और लोगों पर ये कहने का दबाव बनाया जा रहा है कि मरीजों की मौत जहरीली शराब से नहीं बल्कि किसी बीमारी या ठंड लगने से हुई है. इस प्रलोभन का लोगों ने खुलकर विरोध किया है और थानों का घेराव भी किया.

जानिए क्या है छपरा जहरीली शराब कांड मामला: बिहार के छपरा में जहरीली शराब से मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा; रही (Suspected death in Chhapra due to poisonous liquor) है. अब तक 54 लोगों की मौत संदिग्ध जहरीला पदार्थ पीने से हुई है. सारण के मशरक, मढ़ौरा, इसुआपुर और अमनौर प्रखंड में ही ये मौतें हुईं हैं. इस मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए तस्करी करने वाले 200 से अधिक धंधेबाजों को गिरफ्तार किया है. ऐसी आशंका जताई जा रही है मृतकों की संख्या बढ़ सकती है. क्योंकि कई लोगों की हालत अभी गंभीर बनी हुई है. छपरा सदर अस्पताल, पीएमसीएच और एनएमसीएच में मरीजों का इलाज चल रहा है.

पटना से लेकर दिल्ली तक जहरीली शराब कांड की गूंज: छपरा में जहरीली शराब कांड का मामला अब सड़क से लेकर संसद तक पहुंच गया है. बिहार में इस मुद्दे को लेकर भाजपा आक्रमक हो गई है और नीतीश कुमार से इस्तीफे की मांग पर अड़ी है. वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बयान ने मामले को और गरमा दिया है. वहीं बिहार में जहरीली शराब कांड (Bihar Poisonous Liquor Case) की एसआईटी जांच की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है. याचिका में अवैध शराब के निर्माण, व्यापार और बिक्री पर अंकुश लगाने के लिए एक स्वतंत्र जांच और कार्य योजना तैयार करने की मांग की गई है. पीआईएल में पीड़ितों के परिवारों के लिए मुआवजे की भी मांग की गई है

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