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सारणः जिला प्रशासन के खिलाफ स्थानीय लोगों ने खोला मोर्चा, तुगलकी नीति लाने का आरोप - Local people opposed the administration in Saran

छपरा नगर भूमि स्वामी संगठन के द्वारा डबल डेकर पुल में अधिगृहीत भूमि को जिला प्रशासन के द्वारा टोप्पो लैंड भूमि बताये जाने के बाद स्थानीय लोगों और ग्रामीणों ने जिला प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.

छपरा नगर भूमि स्वामी संगठन की पीसी
छपरा नगर भूमि स्वामी संगठन की पीसी
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Published : Apr 2, 2021, 11:36 AM IST

सारण (छपरा): छपरा नगर भूमि स्वामी संगठन के द्वारा डबल डेकर पुल में अधिगृहीत भूमि को जिला प्रशासन के द्वारा टोप्पो लैंड भूमि बताये जाने के बाद स्थानीय लोगों और ग्रामीणों ने जिला प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.

भू-स्वामियों का आरोप है कि डबल डेकर पुल निर्माण हेतु अधिगृहीत की जाने वाली भूमि का मुआवजा उन्हें जिला प्रशासन के द्वारा नहीं दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि शहर की ज्यादातर भूमि को टोप्पोलैंड असर्वेक्षित के नाम पर सरकारी बताया जा रहा है, जो गलत है. उन्होने अधिग्रहित जमीन के लिए मुआवजा देने की मांग की है.

इसे भी पढ़ेंः चांद पर एक एकड़ जमीन के मालिक बने बिहार के इफ्तेखार रहमानी

प्रशासन के खिलाफ मुहिम
प्रशासन पर तुगलकी नीतियां अपनाने के विरोध में छपरा नगर भूमि स्वामी संगठन के बैनर तले सभी भू-स्वामी संगठित हुए हैं. वे जिला प्रशासन की मनमानी व अन्याय पूर्ण रवैये के खिलाफ एक निर्णायक मुहिम चला रहे हैं.

संगठन के सचिव अतुल कुमार ने बताया कि लोगों से सलाह के बिना इस तरहे का फरमान सुनाना तुगलकी फरमान के जैसा है. उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन ने ही आरटीआई के माध्यम से जानकारी दी है कि हमारी जमीन टोप्पोलैंड नहीं है. प्रशासन को हम भू-स्वामियों से मिलकर हमारे दस्तावेजों पर गौर करना चाहिए.

इसे भी पढ़ेंः नेपाल का अब बिहार में मोतिहारी की जमीन पर दावा, बांध का काम रोका

पेश किये गये आंकड़े
संगठन के कार्यकारिणी सदस्य मोहम्मद परवेज ने कहा कि 1898-99 के सर्वे मैप में जो रोड, नाला, गली, कुआं, पोखरा, पुलिस लाइन वगैरा अंकित किया गया है, वह आज भी छपरा शहर के जमीन पर मौजूद है.

इससे यह साबित होता है कि छपरा शहर सर्वेक्षित भूमि है, न कि टोपोलैंड भूमि. स्थानीय लोगों ने कहा कि 125 साल पुराने नक्शे में जमीन का नक्शा मिला है. वहीं जिला प्रशासन कह रहा है कि नक्शा और कागजात ही उपलब्ध नहीं है.

सारण (छपरा): छपरा नगर भूमि स्वामी संगठन के द्वारा डबल डेकर पुल में अधिगृहीत भूमि को जिला प्रशासन के द्वारा टोप्पो लैंड भूमि बताये जाने के बाद स्थानीय लोगों और ग्रामीणों ने जिला प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.

भू-स्वामियों का आरोप है कि डबल डेकर पुल निर्माण हेतु अधिगृहीत की जाने वाली भूमि का मुआवजा उन्हें जिला प्रशासन के द्वारा नहीं दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि शहर की ज्यादातर भूमि को टोप्पोलैंड असर्वेक्षित के नाम पर सरकारी बताया जा रहा है, जो गलत है. उन्होने अधिग्रहित जमीन के लिए मुआवजा देने की मांग की है.

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प्रशासन के खिलाफ मुहिम
प्रशासन पर तुगलकी नीतियां अपनाने के विरोध में छपरा नगर भूमि स्वामी संगठन के बैनर तले सभी भू-स्वामी संगठित हुए हैं. वे जिला प्रशासन की मनमानी व अन्याय पूर्ण रवैये के खिलाफ एक निर्णायक मुहिम चला रहे हैं.

संगठन के सचिव अतुल कुमार ने बताया कि लोगों से सलाह के बिना इस तरहे का फरमान सुनाना तुगलकी फरमान के जैसा है. उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन ने ही आरटीआई के माध्यम से जानकारी दी है कि हमारी जमीन टोप्पोलैंड नहीं है. प्रशासन को हम भू-स्वामियों से मिलकर हमारे दस्तावेजों पर गौर करना चाहिए.

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पेश किये गये आंकड़े
संगठन के कार्यकारिणी सदस्य मोहम्मद परवेज ने कहा कि 1898-99 के सर्वे मैप में जो रोड, नाला, गली, कुआं, पोखरा, पुलिस लाइन वगैरा अंकित किया गया है, वह आज भी छपरा शहर के जमीन पर मौजूद है.

इससे यह साबित होता है कि छपरा शहर सर्वेक्षित भूमि है, न कि टोपोलैंड भूमि. स्थानीय लोगों ने कहा कि 125 साल पुराने नक्शे में जमीन का नक्शा मिला है. वहीं जिला प्रशासन कह रहा है कि नक्शा और कागजात ही उपलब्ध नहीं है.

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