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छपरा: विभाग की बड़ी लापरवाही, जीवित दिव्यांग को किया मृत घोषित

छपरा में सरकारी विभाग की बड़ी लापरवाही देखने को मिली है. यहां एक दिव्यांग पेंशनधारी को मृत बता दिया गया है. जिस कारण उसे सुविधाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है.

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Published : Sep 15, 2020, 12:46 PM IST

छपरा: जिले में विभागीय लापरवाही का दंश एक दिव्यांग पेंशनधारी को झेलना पड़ रहा है. दरअसल, विभाग की ओर से जीवित दिव्यांग को मृत घोषित कर दिया गया है. मामला लहलादपुर प्रखण्ड के किसुनपुर लौआर पंचायत के सोनिया गांव का है.

बताया जाता है कि सामाजिक सुरक्षा योजना विभाग ने एक दिव्यांग पेंशनधारी को बिना किसी आधार का मृत घोषित कर दिया, जबकि उक्त पेंशनधारी जिंदा है. पीड़ित दिव्यांग का नाम मनोज महतो(45) है. वह गरीब और असहाय है. ठेला पर छोटा व्यवसाय कर अपना और अपने परिवार का जीवन यापन करते हैं. उन्हें दिव्यांग पेंशन मिलता था. लेकिन न जाने किस आधार पर विभाग ने उन्हें मृत घोषित कर दिया और साल 2015 से उनका पेंशन बंद हो गया.

काट रहे कार्यालय के चक्कर
मनोज महतो की मानें तो जब वे प्रखंड कार्यालय के काउंटर पर पहुंचे और पेंशन नहीं मिलने का कारण जानना चाहा तब उन्हें बताया गया कि लाभार्थी को मृत घोषित कर दिया गया है. वे लगातार अपने को जीवित साबित करने और दोबारा पेंशन पाने के लिए कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं. उन्होंने बताया कि वे वार्ड सदस्य से लेकर प्रमुख, बीडीओ और प्रखंड कार्यालय जा चुके हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है. अपनी दिव्यांगता के कारण वे जिला स्तर तक अपनी बात नहीं पहुंचा पा रहे हैं.

छपरा: जिले में विभागीय लापरवाही का दंश एक दिव्यांग पेंशनधारी को झेलना पड़ रहा है. दरअसल, विभाग की ओर से जीवित दिव्यांग को मृत घोषित कर दिया गया है. मामला लहलादपुर प्रखण्ड के किसुनपुर लौआर पंचायत के सोनिया गांव का है.

बताया जाता है कि सामाजिक सुरक्षा योजना विभाग ने एक दिव्यांग पेंशनधारी को बिना किसी आधार का मृत घोषित कर दिया, जबकि उक्त पेंशनधारी जिंदा है. पीड़ित दिव्यांग का नाम मनोज महतो(45) है. वह गरीब और असहाय है. ठेला पर छोटा व्यवसाय कर अपना और अपने परिवार का जीवन यापन करते हैं. उन्हें दिव्यांग पेंशन मिलता था. लेकिन न जाने किस आधार पर विभाग ने उन्हें मृत घोषित कर दिया और साल 2015 से उनका पेंशन बंद हो गया.

काट रहे कार्यालय के चक्कर
मनोज महतो की मानें तो जब वे प्रखंड कार्यालय के काउंटर पर पहुंचे और पेंशन नहीं मिलने का कारण जानना चाहा तब उन्हें बताया गया कि लाभार्थी को मृत घोषित कर दिया गया है. वे लगातार अपने को जीवित साबित करने और दोबारा पेंशन पाने के लिए कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं. उन्होंने बताया कि वे वार्ड सदस्य से लेकर प्रमुख, बीडीओ और प्रखंड कार्यालय जा चुके हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है. अपनी दिव्यांगता के कारण वे जिला स्तर तक अपनी बात नहीं पहुंचा पा रहे हैं.

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