सारण: जिले के गरखा विधानसभा क्षेत्र के मीठेपुर गांव में ग्रामीण इन दिनों नारकीय जीवन जीने को मजबूर नजर आ रहे हैं. दरअसल, वार्ड नंबर 5, 6 और 9 में भीषण जलजमाव हो गया है. नतीजतन लोग अपने घरों में कैद हो गए हैं. आवाजाही के लिए उन्हें गंदे पानी के बीच से होकर गुजरना पड़ा रहा है. लेकिन उनकी समस्या पर प्रशासन का ध्यान नहीं जा रहा है.
स्थानीय लोगों की मानें तो लगभग 3 माह से बारिश और पोखर के भर जाने के कारण जलजमाव की समस्या उत्पन्न हो गई है. मीठेपुर गांव में जाने का मात्र एक रास्ता है जिस रास्ते पर कमर भर पानी लगा हुआ है. जिससे लोगों को आने-जाने में काफी परेशानी हो रही है. आलम यह है कि सड़क पर बह रहा गंदा पानी कई घरों में प्रवेश कर गया है और बीमारियां फैलने लगी हैं.
महिलाएं और बच्चे हो रहे बीमार
गंदे पानी के जमाव के कारण महामारी की आशंका से लोग त्रस्त हैं. सड़कों पर गंदे पानी के कारण सबसे ज्यादा दिक्कत महिलाएं, बच्चों और बीमार लोगों को हो रही है. इन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. चिकित्सक के यहां ले जाने में भी परेशानी हो रही हैं. इसके अलावा शुद्ध पेयजल का भी संकट खड़ा हो गया है.
नहीं हो रही प्रशासनिक पहल
लोगों की समस्या पर अब तक प्रशासनिक पदाधिकारियों का ध्यान नहीं गया है. मोहल्ले से जल निकासी की व्यवस्था कराने की दिशा में अभी भी कोई कारगर प्रयास होता नहीं दिख रहा है. मोहल्ले की करीब 5000 की आबादी बुरी तरह से प्रभावित है. सबसे खास बात कि गरखा विधानसभा के विधायक मुनेश्वर चौधरी का घर भी मीठेपुर में है. उनका निवास स्थान है. ग्रामीणों की ओर से दो महीने पहले सूचना दिए जाने के बाद भी अब तक विधायक या उनकी ओर से कोई लोगों की सुधि लेने नहीं पहुंचा है.
ग्रामीणों ने बताई आपबीती
स्थानीय मुकेश कुमार पटेल ने बताया कि इस जलजमाव की समस्या को लेकर के प्रशासनिक अधिकारी, विधायक और मुखिया तक से गुहार लगाई गई पर कोई सुनने को तैयार नहीं है. वहीं हीरा देवी, मालती देवी, पिंकी देवी, सुशीला देवी, सविता देवी, भागमणि देवी के घरों में घुटने तक पानी लगा हुआ है. महिलाओं को खाना-पानी बनाने में समस्या उत्पन्न हो रही है. ग्रामीण यहां किसी तरह गुजर-बसर कर रहे हैं. इस बार ग्रामीण स्थानीय विधयाक से खासे नाराज हैं. ग्रामीणों ने साफ कहा है कि जल्द जलनिकासी नहीं किया गया तो वे वोट बहिष्कार करेंगे.