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देखिए रात में कैसे कट रही है बाढ़ पीड़ितों की जिंदगी

सारण के मकेर प्रखंड के लगूनिया गांव में बाढ़ का पानी घुस गया है. जिसके कारण लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. लोग नाव से ही अपने सामान को लेकर ऊंचे स्थान पर शरण ले रहे हैं.

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Published : Jul 31, 2020, 8:23 AM IST

Updated : Jul 31, 2020, 11:06 AM IST

सारणः बिहार के कई जिले बाढ़ की चपेट में है. ईटीवी भारत बाढ़ की स्थिति पर लगातार ग्राउंड रिपोर्ट दे रहा है. गंडक नदी अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया है. वहीं गोपालगंज में सारण तटबंध टूटने के बाद पानी का जलस्तर और बढ़ते जा रहा है. जिस कारण बाढ़ का पानी गांवों में घुस गया है. जिससे ग्रामीणों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

बाढ़ का कहर
बीती रात ईटीवी भारत की टीम मकेर प्रखंड के लगूनिया गांव पहुंची. तो यहां की तस्वीरें बाढ़ पीड़ितों का दर्द बयां कर रही थी. बताया जा रहा है कि मकेर में कई सालों बाद इस तरह बाढ़ का आया है. जिससे लोग और भी डरे और सहमे हुए हैं.

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खाना खाते बच्चे

छोटे-छोटे पुलिया ध्वस्त
बाढ़ के कारण ग्रामीण सड़कें और छोटे-छोटे पुलिया ध्वस्त हो गई हैं. लोगों के झोपड़ी गिरे गए हैं. 5 से 6 की संख्या में लोग घर के बाहर बैठे रहते हैं. यही नहीं रात के अंधेरे में ग्रामीण नाव के सहारे अपने सामान को लेकर ऊंचे स्थान पर शरण ले रहे हैं. वहीं इन लोगों की मदद दूसरे जिले से लोग आकर कर रहे हैं.

देखें पूरी रिपोर्ट

2000 लोगों के खाने की व्यवस्था
मुजफ्फरपुर जिला के रहने वाले डॉक्टर अनिल कुमार और मुखिया अनिल साहनी के ओर से बाढ़ में फंसे लगभग 2000 लोगों के खाने की व्यवस्था मकेर प्रखंड में कराया गया था. इस दौरान डॉ. अनिल ने बताया कि लगभग 2 दिन पहले मकेर प्रखंड में किसी रोगी को देखने आए थे. यहां की स्थिति को देख अनिल कुमार ने लोगों के खाने की व्यवस्था कराई. डॉक्टर ने बताया कि आगे अपने तरफ से मेडिकल कैम्प लगा कर लोगों को सेवा देते रहेंगे.

सारणः बिहार के कई जिले बाढ़ की चपेट में है. ईटीवी भारत बाढ़ की स्थिति पर लगातार ग्राउंड रिपोर्ट दे रहा है. गंडक नदी अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया है. वहीं गोपालगंज में सारण तटबंध टूटने के बाद पानी का जलस्तर और बढ़ते जा रहा है. जिस कारण बाढ़ का पानी गांवों में घुस गया है. जिससे ग्रामीणों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

बाढ़ का कहर
बीती रात ईटीवी भारत की टीम मकेर प्रखंड के लगूनिया गांव पहुंची. तो यहां की तस्वीरें बाढ़ पीड़ितों का दर्द बयां कर रही थी. बताया जा रहा है कि मकेर में कई सालों बाद इस तरह बाढ़ का आया है. जिससे लोग और भी डरे और सहमे हुए हैं.

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छोटे-छोटे पुलिया ध्वस्त
बाढ़ के कारण ग्रामीण सड़कें और छोटे-छोटे पुलिया ध्वस्त हो गई हैं. लोगों के झोपड़ी गिरे गए हैं. 5 से 6 की संख्या में लोग घर के बाहर बैठे रहते हैं. यही नहीं रात के अंधेरे में ग्रामीण नाव के सहारे अपने सामान को लेकर ऊंचे स्थान पर शरण ले रहे हैं. वहीं इन लोगों की मदद दूसरे जिले से लोग आकर कर रहे हैं.

देखें पूरी रिपोर्ट

2000 लोगों के खाने की व्यवस्था
मुजफ्फरपुर जिला के रहने वाले डॉक्टर अनिल कुमार और मुखिया अनिल साहनी के ओर से बाढ़ में फंसे लगभग 2000 लोगों के खाने की व्यवस्था मकेर प्रखंड में कराया गया था. इस दौरान डॉ. अनिल ने बताया कि लगभग 2 दिन पहले मकेर प्रखंड में किसी रोगी को देखने आए थे. यहां की स्थिति को देख अनिल कुमार ने लोगों के खाने की व्यवस्था कराई. डॉक्टर ने बताया कि आगे अपने तरफ से मेडिकल कैम्प लगा कर लोगों को सेवा देते रहेंगे.

Last Updated : Jul 31, 2020, 11:06 AM IST
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